udhav dwara diae gaye yog ke sandesh ne gopiyon kie berahne mein ghee ka kam kaise kiya?

मित्र गोपियाँ इसी दिन के इंतज़ार में अपने जीवन की एक - एक घड़ी को काट रही हैं कि श्री कृष्ण हमसे मिलने का वादा करके गए हैं। वे इसी इंतजार में बैठी हैं कि श्री कृष्ण उनके विरह को समझेंगे , उनके प्रेम को समझेंगे और उनके अतृप्त मन को अपने दर्शन से तृप्त करेंगे। परन्तु यहाँ सब उल्टा होता है। श्री कृष्ण तो द्वारका जाकर उन्हें भूल ही गए हैं। उन्हें तो उनकी पीड़ा का ज्ञान है और ही उनके विरह के दु :  का। बल्कि उद्धव को और उन्हें समझाने के लिए भेज दिया है , जो उन्हें श्री कृष्ण के प्रेम को छोड़कर योग साधना करने का भाषण दे रहा है। यह उनके दु :  को कम नहीं कर रहा अपितु उनके हृदय में जल रही विरहाग्नि में घी का काम कर उसे और प्रज्वलित कर रहा है।
 

  • 1
What are you looking for?