upma alankar kise kahtain hai?
koi udharan b dijiye?
उपमा :- जब किन्हीं दो अलग-अलग व्यक्तियों या वस्तुओं में तुलना की जाती है, तो वहाँ उपमा अलंकार होता है।
उपमा के चार अंग होते हैं -
(i) उपमेय :- जिसकी उपमा दी जाए।
किसी व्यक्ति व वस्तु, जिसका वर्णन किया जाता है, उपमेय कहलाता है। जिसके सम्बन्ध में बात की जाए या उसको किसी अन्य के समान बताया जाए, वह उपमेय है।
जैसे - चाँद सा सुंदर मुख (मुख उपमेय है)
(ii) उपमान :-
उपमेय कि समानता किसी प्रसिद्ध व्यक्ति या वस्तु सी की जाए, उसे उपमेय के समान बताया जाए वह उपमान होता है; जैसे - चाँद सा सुंदर मुख (चाँद उपमान है)
(iii) वाचक शब्द :-
जिस शब्द के द्वारा उपमेय व उपमान में समानता दर्शाया (बताया) जाता है, उसे वाचक शब्द कहते हैं। जिन शब्दों से उपमा अलंकार की पहचान हो; जैसे - सा, सी, सम, जैसा, सरिस, तुल्य आदि।
(iv) साधारण धर्म :-
जहाँ उपमेय व उपमान में गुण-रुप समान पाए जाते हैं, उसे साधारण धर्म कहते हैं; जैसे - चाँद सा सुंदर मुख। यहाँ सुंदर चाँद के लिए भी है और मुख के लिए भी।
उदाहरण :- (क) राधा बदन चन्द्र सो सुंदर
(यहाँ राधा जी के शरीर की तुलना चंद्र से की है, इसलिए यहाँ उपमा अलंकार हैं।)