urgent 1 essay
प्रिय मित्र!
आपके प्रश्न के लिए हम अपने विचार दे रहे हैं। आप इसकी सहायता से अपना उत्तर पूरा कर सकते हैं।
रिश्ते विभिन्न प्रकार के हो सकते हैं। भाई-बहन, माँ-बाप, मौसा-मौसी, चाचा-चाची, मित्र इत्यादि। सबसे बड़ा रिश्ता होता है भावनात्मक रिश्ता। रिश्तों को संभाल कर रखना बहुत जरूरी होता है। रिश्ता रूपी बेल त्याग और निस्वार्थ भाव से पनपती है। कुछ रिश्ते बहुत नाजुक होते हैं। कई बात छोटी-छोटी बातों पर टूट जाते हैं। ग़लतफ़हमी से भी रिश्तों में दरार आने का भय होता है। आजकल की जिंदगी बहुत दौड़ धूप वाली है। सभी लोग व्यस्त हैं। किसी के पास अन्य व्यक्ति के लिए समय नहीं है। ऐसे में रिश्तों को सहेज कर रखना बहुत मुश्किल है। रिश्तों की अहमियत कम होती जा रही है। रिश्ते बहुत नाज़ुक होते हैं। इनको झटका देकर अर्थात कठोर बातें करके नहीं तोड़ना चाहिए। यदि यह एक बार रिश्तों में दरार आ जाए, तो इसे पुन: ठीक करना बहुत मुश्किल हो जाता है। अविश्वास किसी भी रिश्ते में पैदा हो सकता है। मैं अपने रिश्तों को संभाल कर रखता हूँ। सब पर विश्वास करना मेरी आदत है। बाल की खाल निकाल कर व्यर्थ बात को आगे नहीं बढ़ने देता। तोड़ना बहुत आसान होता है पर जोड़ना बहुत मुश्किल होता है।
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रिश्ते विभिन्न प्रकार के हो सकते हैं। भाई-बहन, माँ-बाप, मौसा-मौसी, चाचा-चाची, मित्र इत्यादि। सबसे बड़ा रिश्ता होता है भावनात्मक रिश्ता। रिश्तों को संभाल कर रखना बहुत जरूरी होता है। रिश्ता रूपी बेल त्याग और निस्वार्थ भाव से पनपती है। कुछ रिश्ते बहुत नाजुक होते हैं। कई बात छोटी-छोटी बातों पर टूट जाते हैं। ग़लतफ़हमी से भी रिश्तों में दरार आने का भय होता है। आजकल की जिंदगी बहुत दौड़ धूप वाली है। सभी लोग व्यस्त हैं। किसी के पास अन्य व्यक्ति के लिए समय नहीं है। ऐसे में रिश्तों को सहेज कर रखना बहुत मुश्किल है। रिश्तों की अहमियत कम होती जा रही है। रिश्ते बहुत नाज़ुक होते हैं। इनको झटका देकर अर्थात कठोर बातें करके नहीं तोड़ना चाहिए। यदि यह एक बार रिश्तों में दरार आ जाए, तो इसे पुन: ठीक करना बहुत मुश्किल हो जाता है। अविश्वास किसी भी रिश्ते में पैदा हो सकता है। मैं अपने रिश्तों को संभाल कर रखता हूँ। सब पर विश्वास करना मेरी आदत है। बाल की खाल निकाल कर व्यर्थ बात को आगे नहीं बढ़ने देता। तोड़ना बहुत आसान होता है पर जोड़ना बहुत मुश्किल होता है।