vakya ki upyogita per nibandh likhen

प्रिय मित्र !
ऐसे लेख स्व-रचनात्मक कौशल के अंतर्गत आते हैं इन्हें अपने आप करना चाहिए। हम आपकी  सहायता के लिए अपने विचार दे रहे हैं जिनके माध्यम से आप अपना उत्तर पूरा कर सकते हैं-
                          वाक्य की उपयोगिता                           
हमारी भाषा में वाक्य अपना महत्वपूर्ण स्थान रखता है। वाक्य के अभाव में हम अपनी बात अपने विचार किसी से व्यक्त करने में कठिनाई महसूस करेंगे।
वाक्य के माध्यम से बड़े-बड़े ग्रंथ उपन्यास, कहानी, नाटक आदि रचे जाते हैं । वाक्यों का हमारी भाषा में उतना ही महत्व है जितना कि शब्द और वर्ण का।
जैसे वर्णों से शब्द और शब्दों से वाक्य का निर्माण होता है उसी प्रकार वाक्यों से गद्यांशों का निर्माण होता है। भाषा का मुख्य कार्य अभिव्यक्ति है। भाव की पूर्ण अभिव्यक्ति वाक्य के माध्यम से होती हैं। वाक्य के अभाव में भाव या विचार की स्थिति संदिग्ध हो जाएगी। वास्तव में भाव मन में अव्यक्त वाक्य के रूप में विद्यमान होते हैं, ध्वनि-प्रतीकों या लिपि-चिह्मों का आधार पाने पर वाक्य का व्यक्त रूप सामने आता है। इस प्रकार कह सकते हैं कि मनुष्य जो भी सोचता या अभिव्यक्त करता है, वह सब वाक्य के ही माध्यम से होता है। भावाभिव्यक्ति सन्दर्भ में वाक्य भाषा की सहज तथा प्रथम इकाई है।
सादर।

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