शिक्षा बच्चों का विकास अवश्य करती है परन्तु उनका मनोबल खेलकूदों द्वारा ही बढ़ता है। खेलकूद उनके जीवन में स्पूर्ति और ऊर्जा के स्तर को बढ़ता है। शिक्षा उनके विचारों को विकसित करती है और खेलकूद उनके विचारों को बल देता है। शिक्षा उसे आगे बढ़ाती है और खेलकूद उसे स्वस्थ रखते हैं। शिक्षा और खेलकूद दोनों एक सिक्के के दो पहलू हैं। एक न होने से दूसरे का महत्व कम हो जाता है। दोनों के समान अवसर बच्चों को मिलने चाहिए ताकि उनकी सही प्रकार से संपूर्ण विकास हो सके। Thanks