viplav gayan ke dwara kavi kya khna chahta hai
मित्र हम आपको उत्तर लिखकर दे रहे हैं।
विप्लव गायन क्रांति की भावना से ओत-प्रोत कविता है। इसमें कवि ने अत्याचार करने वालों और विकास के प्रति बेरुखा रवैया अपनाने वालों का विरोध किया है। अत्याचारियों व विकास का मार्ग बाधित करने वाले तत्वों से लड़ने के लिए मनुष्य को प्रेरित किया गया है। कवि अपने अन्य साथी कवियों से ऐसे गीत लिखने का अनुरोध करता है जो लोगों के ह्दयों में क्रांति की अलख जगा सकें। कवि चाहता है कि इन कविताओं के माध्यम से अन्याय व शोषण करने वालों को मुँह तोड़ जवाब दिया जा सके व इनकी स्थापित व्यवस्था को नष्ट किया जा सके। कवि अपनी कविता के माध्यम से समाज के अंदर बदलाव लाना चाहता है। इससे उथल-पुथल होना आवश्यक है, तभी समाज का नव निर्माण हो सकता है। वह कविता के माध्यम से अपने मन के उद्गार को बाहर निकालना चाहता है। जब तक नाश नहीं होता सृष्टि व समाज का नव-निर्माण संभव नहीं है, यह बात वह सबको बताना चाहता है।
विप्लव गायन क्रांति की भावना से ओत-प्रोत कविता है। इसमें कवि ने अत्याचार करने वालों और विकास के प्रति बेरुखा रवैया अपनाने वालों का विरोध किया है। अत्याचारियों व विकास का मार्ग बाधित करने वाले तत्वों से लड़ने के लिए मनुष्य को प्रेरित किया गया है। कवि अपने अन्य साथी कवियों से ऐसे गीत लिखने का अनुरोध करता है जो लोगों के ह्दयों में क्रांति की अलख जगा सकें। कवि चाहता है कि इन कविताओं के माध्यम से अन्याय व शोषण करने वालों को मुँह तोड़ जवाब दिया जा सके व इनकी स्थापित व्यवस्था को नष्ट किया जा सके। कवि अपनी कविता के माध्यम से समाज के अंदर बदलाव लाना चाहता है। इससे उथल-पुथल होना आवश्यक है, तभी समाज का नव निर्माण हो सकता है। वह कविता के माध्यम से अपने मन के उद्गार को बाहर निकालना चाहता है। जब तक नाश नहीं होता सृष्टि व समाज का नव-निर्माण संभव नहीं है, यह बात वह सबको बताना चाहता है।