​vrida va sanbranth mahila ka dukh saman hothe huye bhi bhin kaise tha  ?

मित्र!
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है-
एक अपना दुख व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र थी और एक के पास यह स्वतंत्रता नहीं थी। बुढ़िया को अपने पोते-पोती और बीमार बहू के लिए खाना की व्यवस्था करनी था। अतः संभ्रात महिला जहाँ दुख व्यक्त कर सकती थी, वहीं बुढ़िया उसे मना भी नहीं सकती थी। अतः दुख समान होते हुए भी भिन्न था।

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