Vridha Ashram ke kisi Ek vyakti ka interview Lijiye

मित्र
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है।

रमेश - बाबा! आप यहाँ पर कब से हैं?
बाबा- बेटा! मुझे यहां पर 3 साल हो गए हैं। मैं यहाँ पर 80 वर्ष की उम्र मेंं आया था।
 रमेश - बाबा! पहले तो भारत में वृद्धाश्रम नहीं होते थे, किंतु अब प्रत्येक शहर में  इस प्रकार के आश्रम होने लगे हैं।
 बाबा-  हाँ बेटा, इस प्रकार के आश्रमों की संकल्पना विदेशों से ली गई है। विदेशों में इसका बहुत अधिक चलन है। भारत में भी वृद्धाश्रम की संख्या बढ़ती ही जा रही है। इसका मुख्य कारण है एकल परिवारवाद।
रमेश - बाबा! आपके बच्चे भी संयुक्त परिवार में रहना पसंद नहीं करते हैं? यहाँ किस प्रकार के लोग रहने के लिए आते हैं?
 बाबा- बेटा! अपने जीवन की व्यस्तता में बच्चे अपने माँ-बाप को भी भूल जाते हैं। अपने अपने परिवार के साथ खुश  रहना चाहते हैं। या फिर, बच्चे यदि विदेश या किसी अन्य शहर में नौकरी करते हैं, तो माँ-बाप अपना ख्याल कैसे रखेंगे, यही सोचकर वृद्ध लोगों को आश्रम में छोड़ दिया जाता है। वृद्ध यदि घर में कुछ कहते हैं, तो उनकी बातों पर कोई महत्त्व नहीं देता और वे अपने को उपेक्षित महसूस करते हैं।
रमेश- समझ गया। जमाना बहुत स्वार्थी हो गया है।

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