Vyavharik jeevan tatha aatmik guno ke vikas mein dohon ki bhumika btaiye

मित्र हम इस विषय पर आपको आरंभ करके दे रहे हैं। इसे आधार बनाकर स्वयं विस्तारपूर्वक लिखने का प्रयास कीजिए। इससे आपका लेखन कौशल बढ़ेगा। 
 
किताबी ज्ञान हमें ज्ञानी तो बना सकता है। लेकिन अनुभव उस ज्ञान को कैसे प्रयोग किया जाए सिखाता है।  व्यवहारिक ज्ञान अनुभव से आता है। व्यवहारिक ज्ञान दिमाग में अमिट रहता है। जीवन भर साथ रहता है। रटना हमेशा सफल नहीं हो पाता है। कई विषय ऐसे होते हैं, जिनमें समझना आवश्यक होता है। रटने से काम नहीं चलता। व्यवहारिक ज्ञान से मनुष्य के अंदर समझदारी आती है और कार्य करने की क्षमता का विकास होता है। आत्मिक गुणों के प्रोत्साहन के लिए व्यवहारिक ज्ञान आवश्यक है।  आत्म ज्ञान के बिना एक व्यक्ति अपना सही विकास नहीं कर पाता। किताबी ज्ञान हमें जीविका के साधन तो देता है लेकिन व्यवहारिक ज्ञान ना हो तो हमें जीविका के और अच्छे रास्ते नहीं मिल सकते। हमारा ज्ञान आत्मिक गुणों के बिना बेकार है। व्यवहारिक ज्ञान मनुष्य के जीवन में जीविका के अच्छे व नए रास्ते खोल देता है। किताबी ज्ञान समाज में हमें प्रतिष्ठता व सम्मान देता है लेकिन यदि व्यवहारिक ज्ञान ना हो तो यश व सम्मान को सहेज कर रखना कठिन हो जाए। आत्मिक गुण हमें सिखाते हैं कि अपने मान-सम्मान को कैसे सहेज कर रखना चाहिए। ताबी 

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