what are the meanings of  the second last and last sayings in the chapter

Hi Prachi,
(1)  कबीर जी कहते हैं की अपने पैरों के नीचे आने वाली घास की निंदा नहीं करनी चाहिए क्योंकि यदि वह उड़कर आपकी आँख में गिर जाएगी तो आपको बड़ी परेशानी होगी अर्थात् अपने छोटों की यह सोचकर निंदा नहीं करनी चाहिए की वह गरीब या हीन है क्योंकि यदि उनका समय अच्छा आया तो आपसे वह अपने अपमान का बदला ले सकते हैं जो आपके लिए परेशानी बन सकती है।
 
(2)  कबीर जी कहते हैं कि उस मनुष्य का कोई शत्रु नहीं होता जो निर्मल स्वभाव का होता है। जिस मनुष्य ने अपने अंहकार को त्याग दिया है व जिसके मन में सबके प्रति दया का भाव होता है, वह सारे संसार में प्रेम का प्रसार करते हैं।  
 
मैं आशा करती हूँ की आपको आपके प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा।
 
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ढेरों शुभकामनाएँ !

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