What is  Sakarmak kriya ?

मित्र सकर्मक का यदि संधि - विच्छेद किया जाए तो वह इस प्रकार से होगा स ( साथ )+ कर्म अर्थात कर्म के साथ। इस आधार पर हम कहते हैं कि जिस क्रिया का फल कर्ता को छोड़कर कर्म पर पड़ता है उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं। उदाहरण के लिए देखिए कैसे -


बच्चा पानी पी रहा है।


ऊपर दिए वाक्य में ' बच्चा कर्ता है , ' पानी कर्म है और पी रहा है क्रिया है। इसमें पानी में ज़ोर दिया जा रहा है। अतः यह सकर्मक क्रिया है। कर्ता पर ज़ोर नहीं दिया जा रहा है। यदि हम प्रश्न करते हैं कि बच्चा क्या पी रहा है तो उत्तर होगा पानी । कर्ता संज्ञा हो या सर्वनाम यह बात महत्वपूर्ण नहीं होती है। कर्म दर्शाया गया है कि नहीं यह ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। इसके अन्य उदाहरण देखिए -

१ शोभा खाना पका रही है।

२ नीला घास काट रही है।

३ सोमित नृत्य कर रहा है।

४ वे सब परदे धोते हैं।

५ माताजी रामायण पढ़ती है।

६ योग्यता समाचार - पत्र दे रही है।


ऊपर दिए मोटे शब्द सभी कर्म हैं। यदि हम इन वाक्यों में किसे क्या इत्यादि प्रश्न पूछते हैं तो उत्तर में खाना घास नृत्य परदे रामायण समाचार पत्र आएगा। जैसे -

१ प्रश्न शोभा क्या पका रही है ?

उत्तर खाना 

२ नीला क्या काट रही है ?

उत्तर घास

३ वे सब क्या धोते हैं ?

उत्तर कपड़े

४ माताजी क्या पढ़ती है ?

उत्तर रामायण

५ योग्यता क्या दे रही है ?

उत्तर समाचार पत्र

  • 3
What are you looking for?