what is sambandhbodhak avyay
Hi Hamzaray,
सम्बंधबोधक अव्यय अपने नाम की ही तरह है। साधारण शब्दों में कहे तो इसका कार्य होता है की वाक्य में प्रयोग किए जाने वाले शब्दों (संज्ञा शब्द, सर्वनाम शब्द) के बीच सम्बंध (रिश्ता) बनना। आप देखिए कैसे-
घर के पास मेला लगा है।
इस शब्द में 'घर' व 'मेला' संज्ञा शब्द है, 'के पास' सम्बंधबोधक अव्यय है। वाक्य में 'के पास' 'घर' व 'मेला' दोनों के बीच सम्बंध (रिश्ता) जोड़ रहा है। यदि इस वाक्य में हम सम्बंधबोधक अव्यय का प्रयोग नहीं करते तो वाक्य इस प्रकार होगा।
घर मेला लगा है।
आपने देखा की इसके प्रयोग न करने से वाक्य कैसा लग रहा है। सम्बंधबोधक अव्यय इसी अटपटेपन से हमें बाहर निकालता है।
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