what is the difference between akarmak and sakarmak kreya?

यदि किसी क्रिया में 'क्या' प्रश्न पूछा जाए तो उत्तर में संज्ञा शब्द आता है, तो वह सकर्मक क्रिया होती है; जैसे −''मोहन किताब पढ़ रहा है।''इसमें क्या का उत्तर किताब है। 

इसी तरह जिस क्रिया में 'क्या' का उत्तर में कोई संज्ञा (कर्म) प्राप्त नहीं होता वह अकर्मक क्रिया है;

जैसे - लड़की हँस रही है।

इस वाक्य में 'क्या' प्रश्न की संभावना नहीं है। इसे आप और भी अच्छे से इस  प्रकार से समझ सकते हैं। देखिए कैसे-

सकर्मक क्रिया और अकर्मक क्रिया में भेद को समझने के लिए इसकी परिभाषा को समझना आवश्यक है -

सकर्मक क्रिया - सकर्मक का यदि संधि - विच्छेद किया जाए , तो वह इस प्रकार से होगा ( साथ )+ कर्म अर्थात कर्म के साथ। इस आधार पर हम कहते हैं कि जिस क्रिया का फल कर्ता को छोड़कर कर्म पर पड़ता है , उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं। उदाहरण के लिए देखिए कैसे -


बच्चा पानी पी रहा है।


ऊपर दिए वाक्य में ' बच्चा ' कर्ता है , ' पानी ' कर्म है और ' पी रहा है ' क्रिया है। इसमें पानी में ज़ोर दिया जा रहा है। अतः यह सकर्मक क्रिया है। कर्ता पर ज़ोर नहीं दिया जा रहा है। यदि हम प्रश्न करते हैं कि बच्चा क्या पी रहा है , तो उत्तर होगा पानी । कर्ता संज्ञा हो या सर्वनाम यह बात महत्वपूर्ण नहीं होती है। कर्म दर्शाया गया है कि नहीं यह ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। इसके अन्य उदाहरण देखिए -

. शोभा खाना पका रही है।

. नीला घास काट रही है।

. सोमित नृत्य कर रहा है।

. वे सब परदे धोते हैं।

. माताजी रामायण पढ़ती है।

. योग्यता समाचार - पत्र दे रही है।


ऊपर दिए मोटे शब्द सभी कर्म हैं। यदि हम इन वाक्यों में किसे , क्या इत्यादि प्रश्न पूछते हैं , तो उत्तर में खाना , घास , नृत्य , परदे , रामायण , समाचार - पत्र आएगा। जैसे -

. प्रश्न - शोभा क्या पका रही है ?

उत्तर - खाना 

. नीला क्या काट रही है ?

उत्तर - घास

. वे सब क्या धोते हैं ?

उत्तर - कपड़े

. माताजी क्या पढ़ती है ?

उत्तर - रामायण

. योग्यता क्या दे रही है ?

उत्तर - समाचार - पत्र

 

अकर्मक क्रिया - अकर्मक शब्द का यदि संधि - विच्छेद किया जाए , तो वह इस प्रकार से होगा अ ( बिना )+ कर्म अर्थात कर्म के बिना क्रिया। उदाहरण के लिए देखिए कैसे -


बच्चा चलता है।


इस वाक्य में कर्म का उल्लेख नहीं है। ' बच्चा ' कर्ता है , ' चलता है ' क्रिया है। यहाँ कर्म का उल्लेख नहीं है। यह अकर्मक क्रिया की पहचान होती है। इसमें क्रिया का फल कर्ता पर पड़ता है क्योंकि कर्म इसमें अनुपस्थित होता है। हम एक और तरीके से पहचानने का प्रयास करते हैं कि हमारे प्रश्न पुछे जाने पर हमें उत्तर क्या प्राप्त होता है। जैसे ऊपर वाक्य में पूछा गया है कि कौन चलता है , तो उत्तर होता है बच्चा। इसे देखकर ज्ञात होता है कि क्रिया का फल कर्ता ( बच्चे ) पर पड़ रहा है। परन्तु यदि अकर्मक क्रिया की पहचान करनी है , तो इसमें कर्म की कमी दिखाई देगी।

उदाहरण देखिए -

. राम तैर रहा है।

. राज पढ़ रहा है।

. शैली खा रही है।

. आभा जा रही है।

. बहू बैठी है।

. राम सोचता है।

. श्याम देखता है।

. राम व्याकुल है।

. वह सोचती है।

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