What is the difference between Slesh Alankar and Yamak Alankar

jahaan ek shabd ek se anek baar aaye par unke arth alag alag ho vo yamak alankaar hote hai

jab kisi shabd ka prayog ek hi baar ho par us shabd ke arth ek se adhik ho vo slesh alankar hote h

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  • यमक अंलकार- यमक अंलकार में एक ही शब्द दो बार आता है परन्तु दोनों बार इसके अर्थ अलग-अलग होते हैं। जैसे-

    कनक-कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय

    या खाये बौराए जग, वा पाये बौराए

     

    इस उदाहरण में 'कनक' शब्द दो बार आया है। परंतु दोनों बार इसका अर्थ अलग-अलग है। एक कनक का अर्थ सोना है और एक कनक का अर्थ धतूरा है।

  • श्लेष अलंकार- श्लेष अंलकार में एक ही शब्द में दो या उससे अधिक अर्थ निकलते (चिपके हो) हो वहाँ श्लेष अंलकार होता है

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  •  श्लेष अलंकार- श्लेष अंलकार में एक ही शब्द में दो या उससे अधिक अर्थ निकलते (चिपके हो) हो वहाँ श्लेष अंलकार होता है
  •  यमक अलंकार- यमक अलंकार में एक शब्द दो बार आए परन्तु हर बार उसका अर्थ अलग-अलग होता है।
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vakya main ek hi shabd ka prayog ek se adhik bar ho but uske arth binne binne ho is called yamak alankar.

aek hi shabd ka arth alag alag ho is called shlash alankar.

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