what is the meaning of maya,hitichiti,trishna and kubadhi ?
मित्र हम आपको इन शब्दों के अर्थ लिखकर दे रहे हैं-
1) माया = यह एक एेसी शक्ति है, जो मनुष्य को भ्रमित करके रखती है। धन-संपत्ति, काम-भावना, सुख-सुविधाएँ सब माया है। माया, मनुष्य को ईश्वर की भक्ति से दूर ले जाती है। इसलिए अनेक संतों ने माया से दूर रहने का उपदेश दिया है।
2) हिति चित्त = संदेह से भरा मन
3) त्रिस्नाँ = प्यास, किसी वस्तु को पाने की चाह
4) कुबधि = बुरी बुद्धि
1) माया = यह एक एेसी शक्ति है, जो मनुष्य को भ्रमित करके रखती है। धन-संपत्ति, काम-भावना, सुख-सुविधाएँ सब माया है। माया, मनुष्य को ईश्वर की भक्ति से दूर ले जाती है। इसलिए अनेक संतों ने माया से दूर रहने का उपदेश दिया है।
2) हिति चित्त = संदेह से भरा मन
3) त्रिस्नाँ = प्यास, किसी वस्तु को पाने की चाह
4) कुबधि = बुरी बुद्धि