What is the meaning of रसपान ?

  मित्र रसपान दो शब्दों से मिलकर बना है; रस तथा पान। रस किसी भी तरल पदार्थ को कहते हैं तथा पान का अर्थ होता है पीना। इसका शाब्दिक अर्थ है, किसी भी तरल पदार्थ को पीना। परंतु इसका प्रयोग विभिन्न अर्थों में किया जाता है। कविता को सुनकर मिलने वाला आनंद भी रसपान कहलाता है और प्रभु भजन या कथा सुनने को रसपान करना कहा जाता है ; जैसे- रोहन ने इस कविता का रसपान किया, भक्तों ने भागवत कथा का रसपान किया आदि। 

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