What is the summary of the chapter "Mere bachpan ke din" ?

Hi,
मेरे बचपन के दिन में लेखिका ने अपने बचपन के दिनों को उकेरा है। लेखिका ने कई घटनाओं के माध्यम से हमें उस समय से अवगत कराया जो हम नहीं देख पाए। उन्होंने अपने जन्म के पीछे जिस घटना का उल्लेख किया है, वह सच में शोचनीय है की उनके घर में कई पीढ़ियों से कन्याओं को जन्म लेने ही नहीं दिया जाता था। यदि वह ले भी लेती थी तो वह मार दी जाती थी। लेखिका ने विद्यालय का वर्णन कर भारतीय बालाओं के सपने उनके कार्यों की जानकारी दी है। यहाँ पर उन्होंने सुभद्रा कुमारी का भी परिचय दिया है। सुभद्रा कुमारी जानी-मानी कवियत्री सुभद्रा कुमारी चौहान है।उस समय देश की हलचल का चित्रण भी इसमें देखने को मिलता है। जब गांधी जी द्वारा आंदोलन चलाए जा रहे थे।लेखिका ने इसे अपने उन दिनों की अपनी यादों के आधार पर लिखा है। उन्होंने अपने इस संस्मरण में उस समय की लड़कियों के प्रति लोगों का व्यवहार उनकी दशा, छात्रावास के समय वहां का जीवन और आजादी की लड़ाई में जनता के योगदान का बड़ा सजीव चित्रण देखने को मिलता है।
 
मैं आशा करती हूँ की आपको आपके प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा।

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