write a essay on ​विदेशी छोडो स्वदेषी अपनाओ

देश में जितने लोग स्वाबलंबी बनेंगे देश की आर्थिक व्यवस्था उतनी ही सुदृढ़ होगी। कारण स्वाबलंबन का अर्थ है लोगों द्वारा अपने पैरों पर खड़े होना। इससे उनका परिवार आर्थिक दृष्टि से मजबूत होगा। देश में यदि बेरोजगार कम होंगे, तो वह देश के विकास के लिए प्रयत्नशील होगें। जब देश में लोग कार्य करते हैं, तो कहीं न कहीं वे देश की आर्थिक स्थिति से जुड़ जाते हैं। देश की प्रगति होती है। देश विकास के पथ पर आगे बढ़ता है। उनका किया कार्य देश को समुद्धशाली बनाता है। धन की मात्रा बढ़ती है। इसी के साथ यदि देश में स्वदेशी वस्तुओं को खरीद बढ़ती है, तो देश का पैसा देश में ही रहता है। आज देश में विदेशी वस्तुओं का चलन तेज़ी से बढ़ गया है। लोग अधिक मात्रा में इससे प्रभावित हैं और इनकी खरीदारी करते हैं। जब हम विदेशी वस्तुओं को खरीदते हैं, तो कहीं-न-कहीं हम देश का पैसा देश से बाहर भेजते हैं। इस तरह से देश की आर्थिक स्थिति पर गहरा प्रभाव पड़ता है। हम कितना भी विकास करें परन्तु हमारा पैसा यदि बाहर जा रहा है, तो हम समृद्धशाली नहीं बन सकते हैं। इस तरह देश गरीब होने लगता है। यदि हम देश में बनी वस्तुओं को ही खरीदते हैं, तो वह देश के लोगों के पास ही चला जाता है। देश में विद्यमान पैसे से हमारी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होती है। ये दोनों एक सिक्के के दो पहलू हैं। पहले के माध्यम से हम परिश्रम कर धन एकत्र करते हैं और दूसरे से हम उस धन को देश में ही बनाए रखते हैं। इस आधार पर कह सकते हैं कि स्वाबलंबन और स्वदेशी वस्तुओं से देश की स्थिति सुदृढ़ बनाई जा सकती है।

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