y is Chidya ki bacchi so Strange She could accept the Gold and live happyily and call her family there also :P JK

चिड़िया की बच्ची समझदार थी। उसने अनजान आदमी की बात नहीं सुनी और अपनी माँ के पास चली गई। आज़ादी से बढ़कर कुछ नहीं होता है। सेठ उसे पिंजरे में कैदी बनाकर रखता। सेठ के पास उसे पिंजरे में सबकुछ मिलता परन्तु आज़ादी नहीं मिलते। अपने माता-पिता को वहाँ वह तब बुलाती जब सेठ उसे जाने देता। सेठ तो उसे कैद करना चाहता था। दूसरे अपने माता-पिता को वहाँ बुलाकर वह उन्हें भी कैदी की जिंदगी देती। पिंजरे में कैद होकर उसे कुछ नहीं मिलने वाला था।  उसने जो किया वह बिलकुल सही था।

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