NCERT Solutions for Class 11 Humanities Hindi Chapter 1 अंडे के छिलके are provided here with simple step-by-step explanations. These solutions for अंडे के छिलके are extremely popular among class 11 Humanities students for Hindi अंडे के छिलके Solutions come handy for quickly completing your homework and preparing for exams. All questions and answers from the NCERT Book of class 11 Humanities Hindi Chapter 1 are provided here for you for free. You will also love the ad-free experience on Meritnation’s NCERT Solutions. All NCERT Solutions for class 11 Humanities Hindi are prepared by experts and are 100% accurate.

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Question 1:

''पराया घर तो लगता ही है, भाभी'' अपनी भाभी-भाई के कमरे में श्याम को पराएपन का अहसास क्यों होता है?

Answer:

श्याम सदैव से ही लापरवाह रहा है। उसके भाई गोपाल भी उसके समान ही लापरवाह थे। शादी से पहले वह भी श्याम के समान ही कमरे को गंदा तथा अव्यवस्थित रखते थे। शादी के बाद उनकी पत्नी वीना द्वारा कमरे को व्यवस्थित किया जाने लगा। गोपाल का कमरा अब वैसी स्थिति में नहीं है। वह साफ और व्यवस्थित हो गया है। यही कारण है कि श्याम को अपने भाभी-भाई के कमरे में पराएपन का अहसास होने लगता है।

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Question 2:

एकांकी में अम्माँ की जो तसवीर उभरती है, अंत में वह बिलकुल बदल जाती है- टिप्पणी कीजिए।

Answer:

एकांकी के आरंभ में बताया जाता है कि घर में अंडे खाना, चंद्रकांता जैसी पुस्तकें पढ़ना तथा सिगरेट पीना इत्यादि को गलत माना जाता है। घर में इनका प्रयोग नहीं किया जाता है। अतः परिवार के सब सदस्य ये कार्य छिपकर करते हैं। इस प्रकार की बातें पढ़कर पाठक के मन में अम्माँ के प्रति जो तस्वीर उभरती है, वह रूढ़िवादी सोच रखने वाली स्त्री की है। जिसकी सोच से घरवाले परेशान हैं। लेकिन एंकाकी के अंत में आते-आते माधव भाइया के कथन से सबके चेहरे सफेद पड़ जाते हैं कि अम्माँ ये सब जानतीं हैं? वे आगे कहते हैं कि अम्माँ तो शायद मेरी वे बातें भी जानती हैं, जो मैं समझता हूँ कि वे नहीं जानतीं।
 
तब पाठकों को पता चलता है कि अम्माँ बहुत ही सुलझी हुई स्त्री हैं। वे समझदारी से घर में हो रहे कामों के प्रति उपेक्षा भाव रखती हैं। जहाँ वे छोटे में अपने प्रति सम्मान को बनाए रखती हैं, वहीं वे दूसरों की स्वतंत्रता में हस्तेक्षप नहीं करती। वे जानती हैं यदि वे बच्चों को इन कार्यों को करने से रोकेंगी, तो हो सकता है कि बच्चों के मन में उनके प्रति डर और सम्मान की भावनाएँ समाप्त हो जाएँगी। अभी तो वे उनके डर से सारे काम छिपकर करते हैं। वे कुछ कहती हैं, तो उनका डर निकल जाएगा और वे सारे काम खुलकर करने लगेगें। अतः वे चुप रहकर उस डर को कायम रहने देती हैं।

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Question 3:

अंडे खाना, 'चंद्रकांता संतति' पढ़ना आदि किन्हीं संदर्भों में गलत नहीं है, फिर भी नाटक के पात्र इन्हें छिपकर करते हैं। क्यों? आप उनकी जगह होते तो क्या करते?

Answer:

आज के समय में ये तीनों कार्य किन्हीं संदर्भ में गलत नहीं कहे जा सकते हैं। किसी समय में इन्हें गलत माना जाता था। एक शुद्ध शाकाहारी परिवार में अंडे खाना गलत माना जाता है। यदि गौर किया जाए, तो पात्रों द्वारा यह बताया गया है कि परिवार के लोगों को अंडे नहीं खाने चाहिए, तो इस बात का प्रमाण है कि परिवार शुद्ध शाकाहारी है। अतः यह उस संदर्भ में गलत ही होगा। ऐसे ही चंद्रकांता जैसी पुस्तक मनोरंजन के उद्देश्य से लिखी गई है। इसमें जादू और प्रेम इत्यादि का उल्लेख है। उस समय माना जाता था कि इस प्रकार की पुस्तकें मनुष्य का मार्गदर्शन नहीं करती हैं। अतः घर के लोगों को ऐसी पुस्तकें पढ़ने से मना किया जाता था। सिगरेट के बारे में कहा जाए, तो कभी भी अच्छी नहीं मानी गई है। यह तब भी नुकसानदेह थी और आज भी नुकसानदेह है। यह  हो सकता है कि आज के समय में इसका प्रयोग बहुत अधिक होने लगा है। एक परिवार में घरवाले चाहते हैं कि बच्चे इसका प्रयोग न ही करें।
निम्नलिखित कारण हो सकते हैं कि घरवाले इन कार्यों को छिपकर किया करते थे-
(क) परिवारवाले अपने घर के बड़ों का आदर-सम्मान करते थे। वे अपने बड़ों की सोच को जानते थे। अतः उनकी बात रखने के लिए ये कार्य उनसे छिपकर किया करते थे।
(ख) घर में कलह को बचाने के उद्देश्य से वे ये कार्य छिपकर किया करते थे। उन्हें लगता था कि माताजी को यदि इसका पता चल जाएगा, तो घर में तनाव पैदा हो जाएगा।
(ग) वे माँ की सोच को रूढ़िवादी सोच मानते थे। उन्हें लगता था कि माँ उनकी नई विचारधारा और परिवर्तन को नहीं समझेगी इसलिए वे कार्य छिपकर किया करते थे।
(घ) माँ के प्रति प्रेमभाव भी उन्हें ये कार्य छिपकर करने के लिए प्रेरित करता था।

मैं उनकी जगह होता, तो यही करता जो इस पाठ के सभी पात्रों ने किया। हमारे लिए भी ऊपर दिए गए बिन्दु मान्य होते हैं। यह हमारे संस्कार है। जब हम जानते हैं कि यह कार्य बड़ों की नज़रों में गलत है, तो हम उनके सामने वे कार्य नहीं करते है।

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Question 4:

राधा के चरित्र की ऐसी कौन सी विशेषताएँ हैं जिन्हें आप अपनाना चाहेंगे?

Answer:

राधा के चरित्र में बहुत-सी बातें हैं, जिन्हें अपनाने से हम अपने चरित्र को और अच्छा बना सकते हैं। तीन बातें हैं ऐसी हैं, जिन्हें हम अपना सकते हैं। वे इस प्रकार हैं-

(क) राधा को पढ़ना अच्छा लगता है इसलिए वह पढ़ती रहती है। रात में जब सब सो जाते हैं, तो वह अपनी इस इच्छा को पूरा करती है। इसके लिए वह किताबें मँगवाती है। वह मात्र पढ़ने के लिए नहीं पढ़ती है। वह जो पढ़ती है, उसमें सही-गलत का मथन करने की समझ उसमें विद्यमान है। अतः पौराणिक कथा से लेकर तिलिस्म कथा तक के पात्रों का मथन करती है।
 
(ख) राधा समझदार स्त्री है। वह स्थिति को संभालने के लिए तुरंत सही निर्णय लेना जानती है। दूसरों की गलती को भी छिपा लेती है। कठिनाई पड़ने पर स्वयं आगे बढ़कर आ जाती है। वह गलत कार्यों के लिए दूसरों पर इल्ज़ाम नहीं डालती। जिस बात से स्थिति संभल जाए, वह कार्य करती है।
 
(ग) राधा संजीदा स्वभाव की स्त्री है। बचपना उसके स्वभाव को छू भी नहीं गया है। घर में कौन क्या करता है, उसकी सब जानकारी रखती है। लेकिन वह किसी को कुछ नहीं बताती है। इससे पता चलता है कि वह संजीदा स्वभाव की स्त्री है।

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Question 5:

5. (क) सरकार की धूम्रपान न करने की वैधानिक चेतावनी और बड़े-बुज़ुर्गों की धूम्रपान की मनाही के पीछे कौन से कारण हैं?

(ख) यदि आप अपने घनिष्ठ मित्र को चोरी-छिपे सिगरेट पीते देखें, तो आपकी क्या प्रतिक्रिया होगी?

Answer:

(क) सरकार की धूम्रपान न करने की वैधानिक चेतावनी और बड़े-बुज़ुर्गों की धूम्रपान की मनाही के पीछे एक ही कारण विद्यमान है। यह ऐसा व्यसन है, जो मनुष्य को नुकसान ही देता है। इससे होने वाले नुकसानों को पूरा विश्व जानता है। हमारे बड़े-बुज़ुर्गों को इस बात का ज्ञान है। इसलिए सरकार तथा बड़े-बुज़ुर्ग हमें इसका सेवन करने से रोकते हैं। वे हमें इससे होने वाले नुकसानों से बचाने का प्रयास करते हैं।

(ख) मैं अपने मित्रों को बहुत अच्छा मानता हूँ। अतः यदि उन्हें ऐसा कार्य करते देखता, तो मैं क्रोधित हो जाता। सबसे पहले उन पर गुस्सा करता। उसके बाद प्रयास करता कि वे इस व्यसन को छोड़ दे। हर वह कार्य करता, जिससे अपने मित्रों को इस व्यसन से दूर रख सकूँ।



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