NCERT Solutions for Class 11 Humanities Hindi Chapter 3 सत्यजित राय are provided here with simple step-by-step explanations. These solutions for सत्यजित राय are extremely popular among class 11 Humanities students for Hindi सत्यजित राय Solutions come handy for quickly completing your homework and preparing for exams. All questions and answers from the NCERT Book of class 11 Humanities Hindi Chapter 3 are provided here for you for free. You will also love the ad-free experience on Meritnation’s NCERT Solutions. All NCERT Solutions for class 11 Humanities Hindi are prepared by experts and are 100% accurate.

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Question 1:

पथेर पांचाली फिल्म की शूटिंग का काम ढाई साल तक क्यों चला?

Answer:

पथेर पांचाली  फिल्म की शूटिंग के लिए लेखक को बहुत प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ा। उदाहरण के लिए-
(क) नौकरी करने के कारण उन्हें शूटिंग के लिए प्रयाप्त समय नहीं मिल पाता था।
(ख)  लेखक के पास पैसे नहीं थे। अतः जब उनके पास पैसे होते, तब तक वह फिल्म की शूटिंग करते और पैसे समाप्त होने पर शूंटिग रूक जाती। इस तरह करते-करते उनका काम ढाई साल तक खींच गया।

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Question 2:

अब अगर हम उस जगह बाकी आधे सीन की शूटिंग करते, तो पहले आधे सीन के साथ उसका मेल कैसे बैठता? उनमें से कन्टिन्युइटी नदारद हो जाती है- इस कथन के पीछे क्या भाव है?

Answer:

इस कथन के पीछे यह भाव है कि किसी दृश्य को फ़िल्माने के लिए आवश्यक है कि उनमें आपस में मेल बैठे। यदि किसी कारणवश जिस जगह पर कोई दृश्य फिल्माया जा रहा है, वहाँ पर बदलाव हो गया है, तो उस दृश्य को फिल्माने के लिए वैसी ही परिस्थिति होनी चाहिए जैसे आरंभ में थी। यह ऐसा लगेगा जैसे कालीन में पैबंद लगाना। दर्शक इसको तुरंत पहचान लेगें। वह तारतम्यता नहीं मिलेगी। दर्शकों को फिल्म बनाते समय आने वाली समस्याओं का पता नहीं होता है।

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Question 3:

किन दो दृश्यों में दर्शक यह पहचान नहीं पाते कि उनकी शूटिंग में कोई तरकीब अपनाई गई है?

Answer:

इन दो दृश्यों में दर्शक यह पहचान नहीं पाते कि शूटिंग में कोई तरकीब अपनाई गई है-
(क) जब लेखक ने रेलगाड़ी के सीन में तीन रेलगाड़ियों का इस्तेमाल किया। इस सीन में दर्शक यह पहचानने में असमर्थ थे कि इस दृश्य में एक नहीं तीन रेलगाड़ियों का इस्तेमाल था।
(ख) इस फ़िल्म में एक कुत्ता था, जिसका नाम भूलो था। उसके साथ पहले दृश्य किया गया पर जब कुछ समय पश्चात दोबारा शूंटिग की गई तो पता चला कि पहला कुत्ता मर गया है। आखिरकार दूसरी शूटिंग के लिए उसके जैसे ही दूसरे कुत्ते के साथ शूटिंग की गई।



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Question 4:

'भूलो' की जगह दूसरा कुत्ता क्यों लाया गया? उसने फिल्म के किस दृश्य को पूरा किया?

Answer:

'भूलो' कुत्ते की मृत्यु हो गई थी। अतः उसके स्थान पर उसके जैसे दिखने वाले कुत्ते को लाया गया। उसके द्वारा शूटिंग पूरी हुई। इस कुत्ते द्वारा गमले में फैंका गया भात खाने का दृश्य था। यह दृश्य दूसरे कुत्ते से करवाया गया था।

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Question 5:

फिल्म में श्रीनिवास की क्या भूमिका थी और उनसे जुड़े बाकी दृश्यों को उनके गुजर जाने के बाद किस प्रकार फिल्माया गया?

Answer:

श्रीनिवास की फ़िल्म में भूमिका मिठाई बेचने वाली की थी। वह गली-गली मिठाई बेचा करता था। इस फ़िल्म के पात्र अपू तथा दुर्गा थे। वे दोनों मिठाई वाले के पीछे-पीछे जाया करते थे। वे मिठाई नहीं खरीद सकते थे। अतः जब मिठाईवाला मुखर्जी की कोठी के आगे मिठाई बेचने के लिए रुकता था, तो मुखर्जी मिठाई अवश्य लेते। बच्चे यही देखकर प्रसन्न हो जाते थे।
पैसे न होने के कारण शूटिंग को बीच में रोक देना पड़ा। अतः एक लंबा अंतराल आ गया। इस बीच श्रीनिवास का देहांत हो गया। जब दोबारा शूटिंग करने की बात आई तो समस्या आन खड़ी हो गई। श्रीनिवास की भूमिका के लिए वैसा ही आदमी चाहिए मगर वे मिला नहीं। अंत में उसके जैसे कद-काठी वाले आदमी को ढूँढा गया और कैमरे की तरफ उसकी पीठ करके इस दृश्य को पूरा किया गया। दर्शकों को यह अंतर दिखाई नहीं दिया।

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Question 6:

बारिश का दृश्य चित्रित करने में क्या मुश्किल आई और उसका समाधान किस प्रकार हुआ?

Answer:

पैसों की कमी के कारण बरसात के दृश्य को वर्षा ऋतु में नहीं कर पाए। अतः वर्षा ऋतु निकल गई। लेखक काफी समय तक उस दृश्य को फिल्माने के लिए गाँव में जाकर बरसात का इंतज़ार करता रहा। आखिरकार किस्मत से उसे शरद ऋतु में बरसात का दृश्य फ़िल्माने का अवसर मिला। शरद ऋतु में बरसात हो गई। अतः लेखक ने अपू तथा दुर्गा से ठंड में बरसात का दृश्य करवाया। दृश्य बहुत अच्छा हुआ।

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Question 7:

किसी फिल्म की शूंटिग करते समय फिल्मकार को जिन समस्याओं का सामना करना पड़ता है, उन्हें सूचीबद्ध कीजिए।

Answer:

फिल्मकार निम्नलिखित समस्याओं का सामना करना पड़ता है-
(क) फ़िल्म के लिए धन एकत्र करना।
(ख) उसके बाद पात्रों के अनुरूप कलाकारों को चुनना।
(ग)  कलाकारों के समयानुसार शूटिंग का समय निश्चित करना।
(घ) फिल्म के लिए सही लोकेशन ढूँढना।
(ङ) लोकेशन के लिए सरकार तथा अधिकारियों से आदेश पत्र लेना।
(च) फिल्म के लिए संगीत तथा संगीतकार का चयन करना।
(छ) फिल्म का प्रचार करना।

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Question 1:

तीन  प्रसंगों में राय ने कुछ इस तरह की टिप्पणियाँ की हैं कि दर्शक पहचान नहीं पाते कि ........ या फिल्म देखते हुए इस ओर किसी का ध्यान नहीं गया कि.... इत्यादि। ये प्रसंग कौन से हैं, चर्चा करें और इसपर भी विचार करें कि शूटिंग के समय की असलियत फ़िल्म को देखते समय कैसे छिप जाती है।

Answer:

फ़िल्म में ये तीन प्रसंग हैं, जिन में व्याप्त गलतियों को दर्शक पहचान नहीं पाते हैं-
(क) श्रीनिवास की फ़िल्म में भूमिका मिठाई बेचने वाली की थी। वह गली-गली मिठाई बेचा करता था। इस फ़िल्म के पात्र अपू तथा दुर्गा थे। वे दोनों मिठाई वाले के पीछे-पीछे जाया करते थे। वे मिठाई नहीं खरीद सकते थे। अतः जब मिठाईवाला मुखर्जी की कोठी के आगे मिठाई बेचने के लिए रुकता था, तो मुखर्जी मिठाई अवश्य लेते। बच्चे यही देखकर प्रसन्न हो जाते थे।
पैसे न होने के कारण शूटिंग को बीच में रोक देना पड़ा। अतः एक लंबा अंतराल आ गया। इस बीच श्रीनिवास का देहांत हो गया। जब दोबारा शूटिंग करने की बात आई तो समस्या आन खड़ी हो गई। श्रीनिवास की भूमिका के लिए वैसा ही आदमी चाहिए मगर वे मिला नहीं। अंत में उसके जैसे कद-काठी वाले आदमी को ढूँढा गया और कैमरे की तरफ उसकी पीठ करके इस दृश्य को पूरा किया गया। दर्शकों को यह अंतर दिखाई नहीं दिया।

(ख) जब लेखक ने रेलगाड़ी के सीन में तीन रेलगाड़ियों का इस्तेमाल किया। इस सीन में दर्शक यह पहचानने में असमर्थ थे कि इस दृश्य में एक नहीं तीन रेलगाड़ियों का इस्तेमाल था।

(ग) इस फ़िल्म में एक कुत्ता था, जिसका नाम भूलो था। उसके साथ पहले दृश्य किया गया पर जब कुछ समय पश्चात दोबारा शूंटिग की गई तो पता चला कि पहला कुत्ता मर गया है। आखिरकार दूसरी शूटिंग के लिए उसके जैसे ही दूसरे कुत्ते के साथ शूटिंग की गई।

ये इस प्रकार की परेशानियों के लिए निर्देशक की योग्यता का पता चलता है। अपनी समझ-बूझ से वह इस प्रकार की समस्याओं को हल कर लेता है। लेखक ने जैसे भूलो कुत्ते, श्रीनिवास तथा रेलगाड़ी वाली समस्याओं को हल किया और दर्शकों को इसका पता भी नहीं चलने दिया।

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Question 2:

मान लीजिए कि आपको अपने विद्यालय पर एक डॉक्यूमैंट्री फिल्म बनानी है। इस तरह की फिल्म में आप किस तरह के दृश्यों को चित्रित करेंगे? फिल्म बनाने से पहले और बनाते समय किन बातों पर ध्यान देंगे?

Answer:

विद्यालय पर एक डॉक्यूमैंट्री फिल्म बनानी है। इस तरह की फिल्म में हम विद्यालय के हर भाग को  चित्रित करेंगे। यह विद्यालय पर बनने वाली डॉक्यूमैंट्री फिल्म है। अतः विद्यालय की कक्षा, अध्यापिका, पुस्तकालय, लैब, मैदान इत्यादि को दिखाएँगे। हम प्रयास करेंगे कि हम हर भाग को बारीकी से दिखाएँ। हर कोण को निश्चित करेंगे तब जाकर डॉक्यूमैंट्री बनाएँगे। इसमें सबसे बात करेंगे।

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Question 3:

पथेर पांचाली फिल्म में इंदिरा ठाकरून की भूमिका निभाने वाली अस्सी साल की चुन्नीबाला देवी ढाई साल तक काम कर सकीं। यदि आधी फिल्म बनने के बाद चुन्नीबाला देवी की अचानक मृत्यु हो जाती तो सत्यजित राय क्या करते? चर्चा करें।

Answer:

लेखक ने स्वयं इस बात का धन्यवाद दिया है कि चुन्नीबाली देवी ने ढाई साल के अंतराल में इस फ़िल्म को पुरा कर लिया। यदि उनकी भी दशा भूलो तथा श्रीनिवास जैसी होती, तो लेखक के लिए फ़िल्म बनाना कठिन हो जाता। फ़िल्म के लिए भी लेखक को श्रीनिवास जैसी स्थिति करनी होती। चुन्नीबाला देवी जैसे दिखने वाली स्त्री ढूँढनी पड़ती और उसे पीठ से ही दिखाना पड़ता। ऐसा भी हो सकता था कि लेखक अन्य पात्रों के माध्यम से उनकी मृत्यु की घोषणा करवा देता और उनकी अनुपस्थिति में फ़िल्म को आगे बढ़ाया जा सकता।

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Question 4:

पठित पाठ के आधार पर यह कह पाना कहाँ तक उचित है कि फिल्म को सत्यजित राय एक कला-माध्यम के रूप में देखते हैं, व्यावसायिक-माध्यम के रूप में नहीं?

Answer:

सत्यजित राय ने यह फ़िल्म कला-माध्यम से बनाई थी। व्यावसायिक माध्यम से बनी फ़िल्म में लोग इतनी बारीकी से ध्यान नहीं रखते हैं। उन्होंने फिल्म के साथ किसी प्रकार का समझौता नहीं किया। फिल्म के कलात्मक पक्ष को निभाने के लिए उन्होंने हर बात का बारीकी से ध्यान रखा। यही कारण है उनकी फिल्म में बनावटीपन का समावेश नहीं है। वे फ़िल्म धन कमाने के लिए नहीं बनाते थे। उनकी फ़िल्म जीवन के करीब थी। अतः उसमें व्यावसायिक फ़िल्मों की तरह मसाला नहीं था।

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Question 1:

पाठ में उनके स्थान पर तत्सम, तद्भव क्षेत्रीय सभी प्रकार के शब्द एक साथ सहज भाव से आए हैं। ऐसी भाषा का प्रयोग करते हुए अपनी प्रिय फ़िल्म पर एक अनुच्छेद लिखें।

Answer:

'नदिया के पार' मेरी प्रिय फ़िल्म है। यह फ़िल्म गाँव के जीवन को चित्रित करती है। इसमें त्योहार जैसे फगवा आदि का अति सुंदर चित्रण है। इसमें गाना कौन दिसा में लेकर चला रे बटोहिया, ठहर ठहर, ये सुहानी-सी डगर ज़रा देखन दे इत्यादि गानों  में से गाँव की मिट्टी की महक आती है। फगवा (होली) का गाना भी गाँव में होली के त्योहार की मस्ती देता है और उसमें भी देशज शब्दों का प्रयोग किया गया है। यह एक प्रेम कहानी है, जो बहुत ही सुंदर तरीके से दिखाई गई है। यह फ़िल्म तथा इसके गाने हृदय की तंत्रिकाओं को छेड़ जाते हैं।

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Question 2:

हर क्षेत्र में कार्य करने या व्यवहार करने की अपनी निजी या विशिष्ट प्रकार की शब्दावली होती है। जैसे 'अपू के साथ ढाई साल' पाठ में फ़िल्म जुड़े शब्द शूटिंग, शॉट, सीन आदि। फ़िल्म से जुड़ी शब्दावली में से किन्हीं दस की सूची बनाइए।

Answer:

सूची इस प्रकार हैः-
• स्पॉट बॉय
• कट
• डायरेक्टर
• ऐक्टर
• मैकअप मैन
• हेल्पर
• डाँसर
• कॉंस्टिंग
• प्ले बैक सिंगर
• कैमरा मैन

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Question 3:

नीचे दिए गए शब्दों के पर्याय इस पाठ में से ढूँढिए और उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए-
इश्तहार, खुशकिस्मती, सीन, वृष्टि, जमा

Answer:

• इश्तहार – विज्ञापन - मैं विज्ञापन कंपनी में काम करता हूँ।
• खुशकिस्मती- सौभाग्य – मेरा सौभाग्य था कि वर्षा सही समय पर हो गई।
• सीन – दृश्य – यह दृश्य बहुत ही अच्छा फ़िल्माया गया।
• वृष्टि - वर्षा – तेज़ वर्षा होने लगी।
• जमा – जोड़ – मैं बहुत से पैसे जोड़ लिए।
 



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