NCERT Solutions for Class 11 Humanities Hindi Chapter 18 अक्कमहादेवी are provided here with simple step-by-step explanations. These solutions for अक्कमहादेवी are extremely popular among class 11 Humanities students for Hindi अक्कमहादेवी Solutions come handy for quickly completing your homework and preparing for exams. All questions and answers from the NCERT Book of class 11 Humanities Hindi Chapter 18 are provided here for you for free. You will also love the ad-free experience on Meritnation’s NCERT Solutions. All NCERT Solutions for class 11 Humanities Hindi are prepared by experts and are 100% accurate.

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Question 1:

लक्ष्य प्राप्ति में इंद्रियाँ बाधक होती हैं- इसके संदर्भ में अपने तर्क दीजिए।

Answer:

इंद्रियाँ मनुष्य को सांसारिक जीवन तथा सुख-सविधाओं से जोड़े रखती हैं। यह मनुष्य में मोह, लोभ, क्रोध, अहंकार, लालच इत्यादि भाव पैदा कर उसे विषय-वासनाओं से बाँधे रखती हैं। जो मनुष्य इनमें नियंत्रण प्राप्त कर लेता है, वह सभी बंधनों से आज़ाद हो जाता है। एक भक्त के लिए इन पर विजय पाना बहुत आवश्यक होता है। अन्यथा वह अपने लक्ष्य (ईश्वर) को प्राप्त नहीं कर सकता है। ये कदम-कदम पर उसे विचलित करती हैं। इसलिए कहा गया है कि लक्ष्य प्राप्ति में इंद्रियाँ बाधक होती हैं।

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Question 2:

ओ चराचर! मत चूक अवसर – इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।

Answer:

इस पंक्ति का आशय है कि मनुष्य को जब इंद्रियों पर काबू पाने का अवसर मिले, तो उसे चूकना नहीं चाहिए। तुरंत उस अवसर को पकड़ लेना चाहिए। ये इंद्रियाँ इतनी आसानी से काबू में नहीं आती हैं। अतः आ जाएँ, तो समझो उसका बेड़ा पार है। जिसने इस अवसर का लाभ नहीं उठाया, वह विषय-वासनाओं के जंजाल में फंसा रह जाता है। कवयित्री लोगों के लिए यह अवसर लाई है। अतः वह चाहती है कि लोग इसका लाभ समय रहते उठा लें।

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Question 3:

ईश्वर के लिए किस दृष्टांत का प्रयोग किया गया है। ईश्वर और उसके साम्य का आधार बताइए।

Answer:

'जूही के फूल' का दृष्टांत ईश्वर के लिए प्रयोग किया गया है। जूही का फूल कोमल, सुंदर तथा महक से युक्त होता है। कवयित्री ईश्वर में ये तीनों विशेषताएँ देखती हैं। जैसे जूही का फूल अपने इन गुणों से लोगों को मोहित करता है, वैसे ही ईश्वर भी करते हैं।

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Question 4:

अपना घर से क्या तात्पर्य है? इसे भूलने की बात क्यों कही गई है?

Answer:

अपना घर कहकर कवयित्री ने मोह तथा ममता से युक्त संसार की बात कही है। मनुष्य सारा जीवन इसी में उलझकर ईश्वर से विमुख हो जाता है। वह ईश्वर के प्रति झुकाव तो महसूस करता है मगर ईश्वर प्राप्त नहीं कर पाता। अपना घर उसके मार्ग में बाधा का काम करता है। अतः कवयित्री इसे भूलने की बात करती है। जिस मनुष्य ने इसे भूला दिया, वह ईश्वर के समीप पहुँच जाता है।

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Question 5:

दूसरे वचन में ईश्वर से क्या कामना की गई है और क्यों?

Answer:

दूसरे वचन में ईश्वर से कामना की गई है कि मुझे ऐसी विषम परिस्थितियों में डाल, जिससे मेरा अहंकार समाप्त हो जाए। वह कहती है कि ऐसा हो जाए कि किसी से प्राप्त होने वाली वस्तु उसे न मिल पाए। इस तरह वह जीवन की सच्चाई को जान जाएगी और उसका अहंकार समाप्त हो जाएगा। उसके बाद उसे उसके शिव से मिलने से कोई नहीं रोक सकता है।

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Question 1:

क्या अक्क महादेवी को कन्नड़ की मीरा कहा जा सकता है? चर्चा कीजिए।

Answer:

'हाँ' अक्क महादेवी को कन्नड़ की मीरा कहा जा सकता है। मीरा ने राजघराने में विवाह किया था मगर उनके लिए उनके पति कृष्ण थे। उन्होंने अपनी भक्ति के मध्य आने वाले राजपरिवार से विद्रोह कर दिया। अंततः उन्होंने राजघराने को छोड़ कृष्ण के प्रेम में जीवनयापन किया। अक्क महादेवी का विवाह भी राजघराने में हुआ था। उन्होंने राजघराने से विद्रोह कर सबकुछ त्याग दिया और ईश्वर के प्रेम में डूब गईं। वे मीरा से भी बढ़कर थीं। उन्होंने उस समय वस्त्रों तक का त्याग कर दिया था। अतः उन्हें कन्नड़ की मीरा कहा जा सकता है। मीरा और अक्क दोनों ही विद्रोही रही हैं। उस समय जब स्त्री को कुछ कहने का अधिकार नहीं था, तब उन्होंने अपनी मर्जी से जीवनयापन किया। ईश्वर प्रेम को अपनाया और संसार तथा उसमें व्याप्त सुख-सुविधाओं का मोह त्याग दिया।



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