NCERT Solutions for Class 12 Humanities Hindi Chapter 16 रज़िया सज्जाद ज़हीर (नमक) are provided here with simple step-by-step explanations. These solutions for रज़िया सज्जाद ज़हीर (नमक) are extremely popular among class 12 Humanities students for Hindi रज़िया सज्जाद ज़हीर (नमक) Solutions come handy for quickly completing your homework and preparing for exams. All questions and answers from the NCERT Book of class 12 Humanities Hindi Chapter 16 are provided here for you for free. You will also love the ad-free experience on Meritnation’s NCERT Solutions. All NCERT Solutions for class 12 Humanities Hindi are prepared by experts and are 100% accurate.

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Question 1:

सफ़िया के भाई ने नमक की पुड़िया ले जाने से क्यों मना कर दिया?

Answer:

साफ़िया के भाई के अनुसार लाहौरी नमक पाकिस्तान से बाहर ले जाना कानून जुर्म था। अतः वह ऐसा कोई काम नहीं करना चाहते थे, जिसे कानून गलत ठहराए। उन्होंने इसी कारण से अपनी बहन को नमक ले जाने से मना किया। वह नहीं चाहते थे कि उनकी बहन पर किसी तरह की मुसीबत आए।

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Question 2:

नमक की पुड़िया ले जाने के संबंध में सफ़िया के मन में क्या द्वंद्व था?

Answer:

सफ़िया को जब पता चला कि पाकिस्तान से नमक ले जाना कानून जुर्म है, तो वह द्वंद्व में पड़ गई। एक तरफ़ नमक उसके लिए ले जाना आवश्यक था। दूसरी तरफ़ वह कानून की मुज़रिम नहीं बनना चाहती थी। उसके लिए यह नमक एक माँ के लिए प्रेम की सौगात थी। वह उसे छिपाकर नहीं ले जाना चाहती थी। वह प्रेम की सौगात को जुर्म के रूप में नहीं बल्कि सम्मान के साथ ले जाना चाहती थी। उसे लग रहा था कि इतना-सा नमक ले जाना जुर्म नहीं है यदि वह बता दे, तो शायद उसे ले जाने दिया जाएगा। दूसरे ही पल उसे लगता था कि यदि वह उसे मना कर दें, तो वह एक माँ का दिल तोड़ देगी। इस बात को लेकर उसके मन में द्वंद्व की स्थिति बन गई।

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Question 3:

जब सफ़िया अमृतसर पुल पर चढ़ रही थी तो कस्टम ऑफ़िसर निचली सीढ़ी के पास सिर झुकाए चुपचाप क्यों खड़े थे?

Answer:

सफ़िया की बातों ने उन्हें अपना वतन याद दिला दिया था। वे सफ़िया को जाते देख रहे थे। उसके रूप में वे स्वयं को वतन जाते देख रहे थे। सफ़िया उनके वतन की यादों के रूप में उनके साथ जा रही थी। अतः उसे जाता हुआ देखकर वे चुपचाप सिर झुकाए खड़े हुए थे।

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Question 4:

लाहौर अभी तक उनका वतन है और देहली मेरा या मेरा वतन ढाका है  जैसे उद्गार किस सामाजिक यथार्थ का संकेत करते हैं।

Answer:

यह वह सामाजिक यथार्थ की ओर संकेत दे रहे हैं, जिनके कारणों से एक मनुष्य को विस्थापन के दर्द से गुजरना पड़ता है। किसी-न-किसी कारण से लोगों को विस्थापन का दर्द लेकर उम्रभर गुजरना पड़ता है। अपने निवासस्थान को छोड़ने का कारण राजनैतिक रहा हो या कोई ओर लेकिन इसका दर्द आम इंसान के ही हिस्से आता है। यदि यह कार्य किसी प्रकृति आपदा के कारण आया हो, तो मनुष्य इस दर्द से छुटकारा पा सकता है। लेकिन जब यह मनुष्यों द्वारा ही किया जाए, तो उसका दर्द उन्हें उम्रभर सताता रहता है।

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Question 5:

नमक ले जाने के बारे में सफ़िया के मन में उठे द्वंद्वों के आधार पर उसकी चारित्रिक विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए।

Answer:

नमक ले जाने के बारे में सफ़िया के मन में द्वंद्व की स्थिति बन गई थी। इससे उसके चरित्र की निम्नलिखित विशेषताओं का पता चलता है-

(क) ईमानदार- सफ़िया एक ईमानदार स्त्री थी। वह अपने प्रेम की सौगात को पूरे सम्मान से साथ ले जाना चाहती थी। उसके लिए प्रेम की वस्तु के साथ गलत कार्य करना उचित नहीं था।

(ख) कानून के प्रति सम्मान- सफ़िया कानून का आदर करती थी। यही कारण है कि वह अपने साथ पुड़िया छिपाकर ले जाने में हिचकिचा रही थी। वह चाहती थी कि वह गलत नहीं कर रही है। अतः कानून उसकी भावनाओं को समझेगा। यही कारण है कि वह नमक की पुड़िया को अफसरों के सामने रख देती है।

(ग) विचारशील- वह एक विचारशील स्त्री थी। सही-गलत के मायने उसे पता थे। वह कार्य को करने से पहले उसके विषय में यह निश्चित कर लेना चाहती थी कि वह जो कर रही है, वह सही है या नहीं है।

(घ) ज़ुबान की पक्की- सफ़िया ज़ुबान की पक्की स्त्री थी। अपनी ज़ुबान की बात को वह झुठला देने में विश्वास नहीं रखती थी। वह अफ़सरों के सामने भी अपनी बात रखने से नहीं डरती। अपने वादे को पुरा करने के लिए वह किसी भी हद तक जा सकती थी।

(ङ) दृढ़ निश्चयी- सफ़िया एक दृढ़-निश्चयी स्त्री थी। भाई द्वारा कानून का डर दिखाए जाने पर भी वह अपने निश्चय से हिलती नहीं है।

(च) निर्भीक- सफ़िया एक निर्भीक स्त्री थी। वह अपने वादे को पूरा करने के लिए निर्भीक होकर अफ़सरों के सामने खड़ी हो जाती है। वह जानती है कि वह कोई गलत काम नहीं कर रही है। अतः उसे डरने की आवश्यकता नहीं है।

(छ) रिश्तों के प्रति संवेदनशील- सफ़िया रिश्तों के प्रति संवेदनशील स्त्री है। वह रिश्तों की अहमियत को समझती है और उनको निभाने के लिए किसी भी हद तक जाती है।

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Question 6:

मानचित्र पर एक लकीर खींच देने भर से ज़मीन और जनता बँट नहीं जाती है- उचित तर्कों व उदाहरणों के ज़रिये इसकी पुष्टि करें।

Answer:

यह बहुत सुंदर पंक्ति है कि मानचित्र पर एक लकीर खींच देने भर से ज़मीन और जनता बँट नहीं जाती है। लकीर मानचित्र पर पड़ती है दिलों पर नहीं। दिल लकीर को नहीं  मानता वह तो बस प्रेम, लगाव तथा अपनेपन को मानता है। प्रस्तुत पाठ में सिख बीबी, पाकिस्तान के कस्टम अफ़सर तथा अमृतसर के कस्टम अफ़सर इस बात का प्रमाण है। वे सब उन स्थानों को अपना मानते हैं, जहाँ आज वे रहते नहीं हैं। उनका दिल तो वहीं पर रह गया है, जहाँ उनका जन्म हुआ, जहाँ उन्होंने अपना बचपन तथा जवानी निकाली थी। सिख बीबी आज भारत में थी लेकिन अपना दिल पाकिस्तान के लाहौर में छोड़ आई थीं। वे सीमाओं को नहीं मानती। आज भी पाकिस्तान में मिलने वाले लाहौरी नमक में उनकी आत्मा बस गई है। नमक तो शायद भारत में भी मिल सकता था लेकिन उनके लिए असली नमक तो लाहौर में मिलने वाला था। ऐसे ही पाकिस्तान के कस्टम अफ़सर अवश्य पाकिस्तान में रह रहे थे लेकिन उनके लिए उनका असली वतन देहली था। सिख बीबी को बुजुर्ग माना जा सकता है लेकिन पाकिस्तान के कस्टम अफ़सर तो इतने बुजुर्ग नहीं थे। ऐसे ही अमृतसर के कस्टम अफ़सर के लिए उनका असली वतन ढाका था। इन सभी बातों से पता चलता है कि मानचित्र पर लकीर खींच देने से सही में जनता तथा जमीन नहीं बँट जाते हैं। वह दिलों में तथा स्थानों में यादें बनकर रह जाती हैं।

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Question 7:

नमक कहानी में भारत व पाक की जनता के आरोपित भेदभावों के बीच मुहब्बत का नमकीन स्वाद घुला हुआ है, कैसे?

Answer:

हम अगर बाहरी आवरण को देखें, तो हम पाएँगे कि भारत व पाक की जनता में भेदभाव की भावना विद्यमान है। यह सच्चाई नहीं है। कुछ स्वार्थी लोगों ने अपने स्वार्थों के लिए यहाँ की जनताओं पर यह भेदभाव आरोपित किया हुआ है। हकीकत ठीक इसके विपरीत है। देश के विभाजन के समय लोगों को विवश होकर जाना पड़ा था। उनके गली-मोहल्ले, पड़ोसी, मित्र, घर, खेत-खलिहान सब पीछे छूट गए थे। उनकी यादें उनके मन में हमेशा विद्यमान रहीं। सिख बीबी, पाकिस्तान तथा अमृतसर के कस्टम अफ़सर इसका प्रमाण हैं। उनके दिलों में आज भी मुहब्बत का नमकीन स्वाद घुला हुआ है। जब तक वे जिंदा रहेंगे, वह ऐसे ही विद्यमान रहेगा। उसे कोई असामाजिक ताकत मिटा नहीं सकती है।



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Question 1:

क्या सब कानून हुकूमत के ही होते हैं, कुछ मुहब्बत, मुरौवत, आदमियत, इंसानियत के नहीं होते?

Answer:

ऐसा इसलिए कहा गया है ताकि यह बताया जा सके कि कानून सब कुछ नहीं होते हैं। कानून से बढ़कर भी मुहब्बत तथा इंसानियत होती है। जिसमें एक मनुष्य दूसरे मनुष्य के लिए कुछ करने को प्रेरित हो जाता है। लेखिका का भाई जब अपनी बहन को लाहौरी नमक यह कहकर ले जाने के लिए मना कर देता है कि यह कानून जुर्म है, तो लेखिका उसे यह बात बताती है। वह भाई को समझना चाहती है कि मनुष्य मात्र कानून का गुलाम नहीं है। कानून का आदर-सम्मान सबको करना चाहिए। लेकिन जब बात प्रेम और इंसानियत की हो तो उसे इन्हें छोड़ देना चाहिए।

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Question 2:

भावना के स्थान पर बुद्धि धीरे-धीरे उस पर हावी हो रही थी।

Answer:

लेखिका सिख बीबी के प्रेम के वशीभूत होकर नमक पाकिस्तान से भारत ले जाने को विवश थी। भाई द्वारा यह बताए जाने पर कि लाहौरी नमक भारत ले जाना अपराध है, लेखिका उसे अपने तर्कों से चुप करवा देती है। लेकिन जब वह इस विषय पर सोचती है, तो पाती है कि भाई सही कह रहा है। 'भावना' बुद्धि के तर्कों के आगे दबने लगती है। अब वह समझ जाती है कि नमक को सामने से ले जाना कठिन हो जाएगा। अतः वह नमक को छिपा कर ले जाने की सोचती है। अतः इससे पता चलता है कि भावना के स्थान पर वह बुद्धि का प्रयोग करने लगती है।

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Question 3:

मुहब्बत तो कस्टम से इस तरह से गुज़र जाती है कि कानून हैरान रह जाता है।

Answer:

यह वाक्य कानून की मुहब्बत के आगे अहमियत दर्शाने के लिए किया गया। पाकिस्तान कस्टम अॉफ़िसर के माध्यम से यह बताया गया है। मुहब्बत की अहमियत इतनी है कि यह किसी कानून को नहीं देखती है। पाकिस्तान कस्टम अॉफ़िसर लेखिका को नमक ले जाने देता है। वह कानून को भूल जाता है। बस उसे याद रहता है तो लेखिका का ज़स्बा और अपना वतन देहली। जहाँ प्रेम हो, वहाँ कानून की पूछ न के बराबर रह जाती है। क्योंकि कानून का काम दोषियों को सज़ा देना है और मुहब्बत का काम दिलों को मिलाना है।

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Question 4:

हमारी ज़मीन हमारे पानी का मज़ा ही कुछ और है!

Answer:

अमृतसर का कस्टम अॉफ़िसर अपने वतन के बारे में उल्लेख करता हुआ यह पंक्ति कहता है। अमृतसर का कस्टम अॉफ़िसर एक हिन्दू है लेकिन उसके प्राण उसके वतन ढाका में अटके हुए हैं। विभाजन के बाद वह भारत में आकर बस गया है लेकिन अपना दिल वह ढाका में छोड़ आया है। अतः अपने वतन की विशेषता बताते हुए कहता है। इससे पता चलता है कि वतन का संबंध सीमाओं से नहीं है। वतन का संबंध तो दिल से है।

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Question 1:

फिर पलकों से कुछ सितारे टूटकर दूधिया आँचल में समा जाते हैं।

Answer:

लेखिका ने सिख बीबी के आँखों से निकले आँसूओं का उल्लेख बड़े सुंदर रूप में किया है। सिख बीबी जब अपने वतन लाहौर को याद करती है, तो उनकी आँखों से आँसू निकलकर उनके आँचल में गिर जाते हैं। यह आँसू उनकी यादों का प्रतीक है, जो निकलकर आँचल में समा जाते हैं।

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Question 2:

किसका वतन कहाँ है- वह जो कस्टम के इस तरफ़ है या उस तरफ़।

Answer:

यह पंक्ति एक बहुत गहरी बात को व्यक्त करने के लिए कही गई है।  लेखिका पाकिस्तान तथा अमृतसर के कस्टम अॉफ़िसर की बात सुनकर हैरत में है। उसके अनुसार मानचित्र पर भारत तथा पाकिस्तान विभाजित हो चुके हैं। लेकिन लोगों के दिलों में इस विभाजन का नाम नहीं है। अतः वह हैरान हो जाती है और सोच में पड़ जाती है कि यह बता पाना कठिन है कि किसका वतन कहाँ है? जो दिलों के अंदर है या जो मानचित्र पर स्थित है।

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Question 1:

नमक कहानी में हिंदुस्तान-पाकिस्तान में रहने वाले लोगों की भावनाओं, संवेदनाओं को उभारा गया है। वर्तमान संदर्भ में इन संवेदनाओं की स्थिति को तर्क सहित स्पष्ट कीजिए।

Answer:

वर्तमान संदर्भ में ये संवेदनाएँ ऐसी की ऐसी ही बनी हुई हैं। आज भी दोनों देशों के लोगों के मध्य प्रेम का संबंध है। इसका उदाहरण आज भारत में जिंदगी चैनल में आने वाले कार्यक्रम हैं, जिन्होंने भारतीयों दिलों में खास पैठ बनाई हुई है। ऐसे ही भारत के कार्यक्रम तथा फ़िल्में हैं, जो पाकिस्तान के लोगों में खास जगह बनाई हुई हैं। यह इस बात का प्रतीक है कि हिंदुस्तान-पाकिस्तान में रहने वाले लोगों की भावनाएँ और संवेदनाएँ जैसे पहले थीं, वैसे ही आज भी हैं।

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Question 2:

सफ़िया की मनःस्थिति को कहानी में एक विशिष्ट संदर्भ में अलग तरह से स्पष्ट किया गया है। अगर आप सफ़िया की जगह होते/होतीं तो क्या आपकी मनःस्थिति भी वैसी ही होती? स्पष्ट कीजिए।

Answer:

बिलकुल यदि में सफ़िया की जगह होती, तो मेरी भी मनःस्थिति बिलकुल उसकी जैसी होती। क्योंकि मेरे अंदर भी लोगों के प्रति ऐसा ही प्रेम और इंसानियत है। मेरे लिए प्रेम सबसे ऊपर है। प्रेम के आगे में किसी कानून को तथा किसी विभाजित देश के बंधन को नहीं मानती हूँ। मेरे लिए पाकिस्तान में रहने वाले भी मेरे अपने हैं और भारत में रहने वाले भी मेरे अपने ही हैं।

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Question 3:

भारत-पाकिस्तान के आपसी संबंधों को सुधारने के लिए दोनों सरकारें प्रयासरत हैं। व्यक्तिगत तौर पर आप इसमें क्या योगदान दे सकते/सकती हैं?

Answer:

यह सही है कि दोनों देशों की सरकारें भारत-पाकिस्तान के आपसी संबंध सुधारने में प्रयासरत हैं। मैं इसके लिए बहुत से प्रयास कर रही हूँ। मैं इसके लिए वहाँ की संस्कृति तथा परंपराओं का अध्ययन करती। वहाँ इंटरनेट के माध्यम से मित्र बनाती। मैंने जब से पाकिस्तानी कार्यक्रम देखने आरंभ किए हैं मैं वहाँ के कलाकारों की प्रशंसक बन गई हूँ। मैंने वहाँ की फ़िल्में जैसे 'बोल' तथा 'खुदा के लिए' देखी है। इसके अतिरिक्त वहाँ के कलाकार जैसे फवाद खान मेरे प्रिय कलाकार हैं। वहाँ की महिलाओं द्वारा पहने जाना वाला परिधान मेरे पंसदीदा हैं। ऐसे ही परिधान में भारत में अपने लिए बनवाए हैं। इस तरह में अपने आसपास के लोगों को भी उनके विषय में परिचित करवाती रहती हूँ। इस तरह से मैं व्यक्तिगत तौर पर अपना योगदान दे रही हूँ।

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Question 4:

लेखिका ने विभाजन से उपजी विस्थापन की समस्या का चित्रण करते हुए सफ़िया व सिख बीबी के माध्यम से यह भी परोक्ष रूप से संकेत किया है कि इसमें भी विवाह की रीति के कारण स्त्री सबसे अधिक विस्थापित है। क्या आप इससे सहमत हैं?

Answer:

यह सही है कि प्रत्येक स्त्री को अपने जीवन में विवाह करने के बाद विस्थापन से गुजरना पड़ता है। जिन माता-पिता के घर वह पली बड़ी होती है, विवाह के पश्चात उसे छोड़ना पड़ता है। सिख बीबी और स्वयं सफ़िया उन्हीं में से एक हैं। सिख बीबी और सफ़िया को विवाह के पश्चात अपने परिवार से अलग होना पड़ता है। लेखिका अपने भाइयों से मिलने पाकिस्तान जाती है और कई वर्षों तक उनसे नहीं मिल पाती है। ऐसे ही सिख बीबी की स्थिति भी होती है। यह अवश्य है कि पति का साथ स्त्री को इस विस्थापन से उभार लाता है। लेकिन एक स्त्री इस विस्थापन से अवश्य गुजरती है।

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Question 5:

विभाजन के अनेक स्वरूपों में बँटी जनता को मिलाने की अनेक भूमियाँ हो सकती हैं- रक्त संबंध, विज्ञान, साहित्य व कला। इनमें से कौन सबसे अधिक ताकतवर है और क्यों?

Answer:

इनमें से सबसे अधिक ताकतवर साहित्य व कला है। रक्त संबंध एक छोटे दायरे तक सीमित रहते हैं। विज्ञान लोगों को सुविधा दे सकता है लेकिन मिला नहीं सकता है। हम एक-दूसरे की तकनीक का उपयोग करते हैं लेकिन उससे मिलाना संभव नहीं है। साहित्य व कला है, जो लोगों के दिलों में घर कर जाता है। इससे हर वर्ग के लोगों के दिलों में जगह पायी जा सकती है। सबसे प्रेम पाया जा सकता है और उन्हें प्रेम दिया जा सकता है। साहित्य व कला के माध्यम से ही लोगों के मध्य बैरभाव को मिटाया जा सकता है। यदि ऐसा न होता तो पाकिस्तान के कलाकार भारत में और भारत के कलाकार पाकिस्तान के लोगों के दिलों में जगह नहीं पाते। साहित्य व कला को जंजीरों में जकड़ा नहीं जा सकता है। ये तो पक्षियों के समान पंख फैलाकर लोगों के दिलों में घर कर जाते हैं।

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Question 1:

मान लीजिए आप अपने मित्र के पास विदेश जा रहे/रही हैं। आप सौगात के तौर पर भारत की कौन-सी चीज़ ले जाना पसंद करेंगे/करेंगी और क्यों?

Answer:

मैं विदेश में रह रही अपनी मित्र के लिए भारत के शास्त्रीय संगीत तथा चित्रकारी ले जाना चाहूँगी। ये ऐसी सौगात है, जो उसे किसी भी प्रकार से नापसंद नहीं आ सकती है। क्योंकि संगीत तथा चित्रकारी के रूप में मैं और मेरा देश उसके साथ रहेगा।



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Question 1:

नीचे दिए गए वाक्यों को ध्यान में पढ़िए-

(क) हमारा वतन तो जी लाहौर ही है।

(ख) क्या सब कानून हुकूमत के ही होते हैं?

सामान्यतः 'ही' निपात का प्रयोग किसी बात पर बल देने के लिए किया जाता है। ऊपर दिए गए दोनों वाक्यों में 'ही' के प्रयोग से अर्थ में क्या परिवर्तन आया है? स्पष्ट कीजिए। 'ही' का प्रयोग करते हुए दोनों तरह के अर्थ वाले पाँच-पाँच वाक्य बनाइए।

Answer:

(क)
(i) हमारा घर तो जी पहाड़ों में ही है।
(ii) मेरी माँ तो जी गाँव की ही है।
(iii) मेरे लिए तो जी माता-पिता ही महत्वपूर्ण हैं।
(iv) आप तो जी हमारे ही मेहमान हैं।
(v) तुम तो जिद्दी ही हो।

(ख)
(i) क्या आप ही यहाँ रहते हो?
(ii) क्या साड़ियाँ औरतें ही पहनती हैं?
(iii) क्या तुम्हारी बातें सभी ही मानते हैं?
(iv) क्या जीवन में इन बातों का ही महत्त्व है?
(v) क्या तुम्हें कल ही जाना है?

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Question 2:

नीचे दिए गए शब्दों के हिंदी रूप लिखिए-

मुरौवत, आदमियत, अदीब, साडा, मायने, सरहद, अक्स, लबोलहजा, नफीस

Answer:

मुरौवत- संकोच

आदमियत- मनुष्यता

अदीब- साहित्य

साडा- हमारा

मायने- अर्थ

सरहद- सीमा

अक्स- परछाई

लबोलहजा- बोलचाल का तरीका

नफीस- सुरुचिपूर्ण

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Question 3:

पंद्रह दिन यों गुज़रे कि पता ही नहीं चला- वाक्य को ध्यान से पढ़िए और इसी प्रकार के (यों, कि, ही से युक्त पाँच वाक्य बनाइए।)

Answer:

(क) कल तुम यों बोले कि हम देखते ही रह गए।
(ख) पिता ने यों मारा कि हम हैरान ही हो गए।
(ग) माली ने यों लिखना आरंभ किया कि सब उसे ताकते ही रह गए।
(घ) सीता ने यों झटका कि टैंट गिरते ही चले गए।
(ङ) मोटर ने यों मारा कि मास्टर साहब उछलकर गिर पड़े। 

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Question 1:

'नमक' कहानी को लेखक ने अपने नज़रिये से अन्य पुरुष शैली में लिखा है। आप सफ़िया की नज़र से/उत्तम पुरुष शैली में इस कहानी को अपने शब्दों में कहें।

Answer:

मुझे एक बार सिख बीबी नामक स्त्री के यहाँ जाना हुआ। पता चला कि पहले वे लाहौर में रहती थीं। जब मैंने उन्हें बताया कि मैं पाकिस्तान जा रही हूँ, तो उनके लिए वहाँ से क्या लाऊँ? वे बोली- ''मेरे लिए लाहौरी नमक ले आना। मैं उनको यह वादा कर आई। मैं कुछ दिन बाद अपने भाइयों के पास पाकिस्तान पहुँची और बहुत प्यार से रही। जाने से एक दिन पहले मैंने भाई को बताया कि मैं लाहौरी  नमक लेकर जाना चाहती हूँ। भाई ने बताया कि मैं पाकिस्तान से नमक नहीं ले जा सकती हूँ क्योंकि ऐसा करना गैरकानूनी है। मैंने उसकी बात नहीं मानी और किन्नू की टोकरियों में नमक छिपा दिया। मैं जब पाकिस्तान कस्टम अफ़सर के पास पहुँची तो मुझे प्रेम की सौगात छिपाकर ले जाना अच्छा नहीं लगा और मैंने यह बात उस कस्टम अफ़सर को बता दी। मेरी भावनाओँ का सम्मान करते हुए उसने आज्ञा दे दी। यही मैंने अमृतसर कस्टम अफ़सर को भी बता दिया। मेरी भावनाओं का सम्मान करते हुए उसने भी मुझे आदर सहित जाने दिया। मेरे लिए यह सच्चाई और प्रेम की विजय थी। अंत मैं लाहौरी नमक भारत ले आयी।



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