भोर और बरखा
कविता का सार / प्रतिपाद्य -
प्रस्तुत काव्य 'भोर और बरखा' मीराबाई द्वारा रचित पद है। भोर अर्थात प्रातःकाल और बरखा अर्थात वर्षा होता है। कविता में प्रातःकाल और वर्षा ऋतु का सुंदर चित्रण किया गया है। पहले पद में माता यशो…
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