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पत्र लेखन - औपचारिक पत्र

संपादक को पत्र लिखकर सामान्य नागरिकों की कठिनाईयों का वर्णन कीजिए।

सी-23, विवेक विहार,

नई दिल्ली।

दिनांक:............

 

सेवा में,

संपादक महोदय,

नवभारत टाइम्स,

नई दिल्ली।

विषय: सामान्य नागरिकों की कठिनाइयों को दर्शाने हेतु पत्र।

महोदय,

मैं आपका ध्यान सामान्य नागरिकों की कठिनाइयों की ओर करवाना चाहता हूँ। कहने के लिए भारत विकास की तरफ अग्रसर है। प्रति व्यक्ति आय में भी बढ़ोतरी हुई है परन्तु यह सब दिखावा मात्र है। सरकार चाहे किसी भी दल की बने चुनाव के समय वादे बड़े-बड़े करते हैं। परन्तु वह अकसर खोखले होते हैं।

जहाँ सरकार द्वारा कहा जाता है कि हम दिल्ली को हाई-टेक सिटी बनाएँगे, वहीं सामान्य नागरिकों की कठिनाइयों से आँखें बंद कर ली गई हैं। रहने के लिए अच्छे घर उपलब्ध नहीं है, पीने का साफ़ पानी उपलब्ध नहीं है, गर्मियों में बिजली के दर्शन नहीं होते, मिलावटी सामानों से बाज़ार अटे पड़े हैं, यातायात के साधन उपलब्ध नहीं है, शहर में लोग सुरक्षित नहीं है, बरसात में शहर पानी से भर जाता है, अस्पतालों में मरीजों को जगह नहीं मिलती और उसके ऊपर मंहगाई ने रही-सही कसर पूरी कर ली है। फिर दिल्ली कैसे हाई-टेक सिटी बन पाएगी? लेकिन इन समस्याओं की ओर सरकार व प्रशासन का कभी ध्यान नहीं जाता। इन विषयों में उनकी अनदेखी वैसी-की-वैसी बनी रहती है। व्यक्ति जाए तो कहाँ जाए? करे तो क्या करे?

अत: आपसे मेरा विनम्र निवेदन है कि आप इसे अपने समाचार-पत्र में उचित स्थान पर छापें ताकि सरकार व प्रशासन का ध्यान इस ओर दिलाया जा सके। आपकी अति कृपा होगी।

धन्यवाद,

भवदीय,

उज्जवल सिंह

 

जनकपुरी, दिल्ली।

दिनांक: ............

 

सेवा में,

मुख्य संपादक,

हिन्दुस्तान टाइम्स,

बहादुरशाह जफ़र मार्ग,

नई दिल्ली।

विषय: पुलिस में बढ़ रहे भ्रष्टाचार की समस्या हेतु पत्र।

महोदय,

मैं आपका ध्यान पुलिस में निरन्तर बढ़ रहे भ्रष्टाचार की समस्या की ओर दिलवाना चाहता हूँ। दिल्ली एक ऐसा शहर है जो भारत के लिए बहुत महत्व रखता है। इस शहर की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी दिल्ली पुलिस के हाथों में है।

आए दिन समाचारों में यही पढ़ने व सुनने को मिलता है कि आमुक पुलिस अफ़सर ने रिश्वत लेकर मुजरिम को छोड़ दिया, रिश्वत लेकर बेगुनाह व्यक्ति को जेल में डाल दिया, किसी हवलदार ने अपनी वर्दी के रोब में आकर दुकानदारों को लुट लिया या किसी पुलिसवाले ने बिना वजह किसी व्यक्ति के साथ मारपीट की है इत्यादि। ये सब समाचार आम आदमी के मन में पुलिस के प्रति भय पैदा करते हैं।

हमारी सुरक्षा की ज़िम्मेदारी इन्हीं के हाथों पर है। यदि यही अपनी ज़िम्मेदारियों को भूलकर गलत व्यवहार करेंगे तो आम जनता का क्या होगा? पुलिस का कार्य है, मुजरिमों को पकड़कर शहर को सुरक्षित बनाना। परन्तु यही मुजरिमों की सहायता करेगी तो कैसे चलेगा। प्रशासन को चाहिए कि पुलिस में बढ़ रहे भ्रष्टाचार को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए। वह ऐसे पुलिसवालों के प्रति सख्त रवैया अपनाए, जो रिश्वत लेकर …

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