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भगवान के डाकिए

कविता का सार / प्रतिपाद्य

प्रस्तुत कविता में कवि रामधारी सिंघ दिनकर जी ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए कहा है। मनुष्यों को एक देश से दूसरे …

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