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मुहावरे

मुहावरे


भाषा भावों एवं विचारों को आदान-प्रदान करने का माध्यम है। अपनी बातों को प्रभावशाली ढ़ंग से व्यक्त करने के लिए मुहावरों का प्रयोग किया जाता है। मुहावरों के प्रयोग से कई बार साधारण अर्थ वाले शब्दों को भी विशेष अर्थ में प्रकट किया जा सकता है।

जैसे :-

हाथ मलना :- (पछताना) समय निकल जाने पर हाथ मलने से कोई फ़ायदा नहीं है।

1. अक्ल पर पत्थर पड़ना :- (मुर्खता करना) :- शत्रु के पास स्वयं क्यों जा रहे हो, क्या अक्ल पर पत्थर पड़ा हुआ है।

2. अक्ल का दुश्मन :- (मुर्ख) :- उसे समझाने से कोई फायदा नहीं है, वह अक्ल का दुश्मन है।

3. अगर-मगर करना :- (बहाना बनाना) :- जो पूछ रहा हूँ उसका सीधे से जवाब दो इस तरह अगर-मगर करके बात को टाल क्यों रहे हो?

4. अंधे की लाठी :- (एक मात्र सहारा) :- राहुल अपने बूढ़े माता-पिता के लिए अंधे की लाठी है।

5. अँगूठा दिखाना :- (समय पड़ने पर मना कर देना) :- वैसे तो तुम मेरे सबसे अच्छे दोस्त बने फिरते हो पर समय आने पर तुमने भी मुझे अँगूठा दिखा दिया।

6. अंग-अंग मुस्कुराना :- (अति प्रसन्न होना) :- परीक्षा में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होने की खबर पाकर मेरा अंग-अंग मुस्कुराने लगा।

7. अपनी खिचड़ी अलग पकाना :- (सबसे अलग रहना) वह अपनी खिचड़ी अलग ही पकाता है तुमसे बात भी नहीं करेगा।

8. अपने मुँह मिया मिट्ठू बनाना :- (अपनी तारीफ स्वयं करना) अपने मुँह मिया मिट्ठू बनाना अच्छी बात नहीं होती है।

9. अपना सा मुँह लेकर रह जाना :- (लज्जित होना) :- राम के बात के गलत साबित हो जाने से वह अपना सा मुँह लेकर रह गया।

10. आकाश पाताल एक करना :- (बहुत परिश्रम करना) परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए मैंने आकाश पाताल एक कर दिया।

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