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Neha Kaushik & 1 other asked a question
Subject: Hindi, asked on on 15/5/15
Bhaskar Narayan asked a question
Subject: Hindi, asked on on 22/12/10
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Subject: Hindi, asked on on 20/9/11
rochak.ald... asked a question
Subject: Hindi, asked on on 7/12/10
Jatin Chahar asked a question
Subject: Hindi, asked on on 22/3/18
कृपया उत्तर दे।
 
प्रश्न- निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजिए
 
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है वह सभी कार्य अपने आप नहीं कर सकता वह अनेक कार्यों में दूसरों की सहायता लेता है तो उससे भी दूसरों की मदद करनी पड़ती है सहायता के इस प्रकार के आदान-प्रदान के अभाव में समाज जीवित नहीं रह सकता समाज में रहकर व्यक्ति अनेक लोगों के संपर्क में आता है उसमें से कुछ लोग अच्छे होते हैं तो कुछ बुरे मनुष्य पर सभी प्रकार के लोगों का थोड़ा या बहुत प्रभाव अवश्य पड़ता है पर यह बात स्पष्ट है कि बुरे लोगों की संपत्ति में रहने पर उस पर बुरा तथा अच्छे व्यक्ति के संपर्क में आने का का अच्छा प्रभाव पड़ता है इसीलिए किसी ने ठीक कहा है खरबूजे को देखकर खरबूजा रंग बदलता है व्यक्ति को चाहिए चाहिए कि वह अच्छे लोगों के साथ उठे बैठे और अच्छे फल प्राप्त करें जिससे ना केवल अपना बल्कि समाज एवं देश का हित हो सके
 
प्रश्न
1.      उपयुक्त गद्यांश का उचित शीर्षक होगा
  •  मनुष्य और समाज
  • मनुष्य एक सामाजिक प्राणी
  • संगति का प्रभाव
  • मनुष्य का धर्म
 
2.      मनुष्य को सामाजिक प्राणी कहा गया है क्योंकि-
  • वह समाज में रहता है
  • वह वह समाज से अलग रह नहीं रह सकता
  • वह समाज का अंग है
  • समाज उसकी सहायता करता है
 
3.      समाज के जीवन रहने के लिए आवश्यक है –
  • एक दूसरे से मेलजोल
  • एक दूसरे की सहायता
  • अपने-अपने कर्तव्य का पालन
  • उपयुक्त सभी
 
4.      खरबूजे को देखकर खरबूजा रंग बदलता है लोकोक्ति का अर्थ है –
  • एक दूसरे को देखकर बदल जाना
  • एक दूसरे की नकल करना
  • एक दूसरे की संगति का प्रभाव पड़ना
  • एक दूसरे की सहायता करना
 
5.      व्यक्ति के लिए अपना समाज का तथा देश का हित करने के लिए क्या करना चाहिए –
  • अपने कर्तव्य का पालन
  • दीन-दुखी की सहायता
  • मिलजुल कर रहना
  • अच्छे लोगों की संगति
Tanmay Sethi asked a question
Subject: Hindi, asked on on 12/10/14
Sonallielango asked a question
Subject: Hindi, asked on on 2/3/13
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Parth Jain asked a question
Subject: Hindi, asked on on 20/9/17
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खण्ड 
'क'
अपठित गद्यांश
प्रश्न1. निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर लिखिए–(2×4)(1×1)
मनुष्य का जीवन संसार के छोटे-बड़े प्राणियों और पदार्थों में श्रेष्ठ माना गया है। वह इसलिए कि मनुष्य बड़ा बुद्धिमान और कल्पनाशील प्राणी है। अपने विचारों के बल पर ही वह जो चाहे कर सकता है और बहुत ऊँचा उठ सकता है। परंतु विचार सच्चे और पवित्र होने के साथ–साथ मनुष्य के व्यवहारिक जीवन से संबंध रखने वाले होने चाहिए। इन्हीं बातों को आधार बनाकर 'सादा जीवन, उच्च विचार को मानव–जीवन की सफलता की सीढ़ी माना गया है। सादगी मनुष्य के पहनावे से नहीं, बल्कि उसके प्रत्येक हाव–भाव, विचार तथा जीवन के ढंग से टपकनी चाहिए। यही वास्तविक सादगी है, जो विचारों को भी उच्च बनाकर सब प्रकार की उन्नति और विकास का कारण बनती है। संसार का इतिहास इस बात का गवाह है कि आरंभ से ही सादगी पसंद व्यक्ति ही जनता को उच्च विचार देकर उन्नति और विकास की राह प्रशस्त करते आ रहे हैं। महात्मा बुद्ध, संत कबीर, गुरू नानक, महात्मा गांधी, डॉ. राधा कृष्णन, विनोबा भावे आदि इस तथय के प्रत्यक्ष प्रमाण हैं।
क. गद्यांश के लिए उपयुक्त शीर्षक लिखिए।
ख. मनुष्य का जीवन श्रेष्ठ क्यों माना जाता है?
ग. उन्नति करने के लिए मनुष्य के विचार कैसे होने चाहिए?
घ. गद्यांश में आए महापुरुषों में से कौन भारत के राष्ट्रपति रह चुके थे?
ङ. 'उन्नति' शब्द का विलोम शब्द लिखिए।
aroradhriti7... asked a question
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Sanath Vs asked a question
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Neha Kaushik asked a question
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Tanish Shah asked a question
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यहाँ कोकिला नहीं, काक हैं शोर मचाते।
काले-काले कीट, भ्रमर कर भ्रम उपजाते।
कलियाँ भी अधखिली, मिली हैं कंटक कुल से।
वे पौधे, वे पुष्प, शुष्क हैं अथवा झुलसे ॥

परिमल-हीन पराग दाग-सा बना पड़ा है।
हा! यह प्यारा बाग खून से सना पड़ा है।
आओ, प्रिय ऋतुराज! किंतु धीरे से आना।
यह है शोक-स्थान, यहाँ मत शोर मचाना।

वायु चले, पर मंद चाल से उसे चलाना।
दुख की आहें संग उड़ाकर मत ले जाना।
कोकिल गावे, किंतु राग रोने का गावे।
भ्रमर करे गुँजार, कष्ट की कथा सुनावे।।

लाना संग में पुष्प, न हों वे अधिक सजीले।
हो सुगंध भी मंद, ओस से कुछ-कुछ गीले।
किंतु न तुम उपहार भाव आकर दरसाना।
स्मृति में पूजा हेतु यहाँ थोड़े बिखराना।।

कोमल बालक मरे यहाँ गोली खा-खाकर।
कलियाँ उनके लिए गिराना थोड़ी लाकर।
आशाओं से भरे ह्रदय भी छिन्न हुए हैं।
अपने प्रिय परिवार देश से भिन्न हुए हैं।

कुछ कलियाँ अधखिली यहाँ इसलिए चढ़ाना।
करके उनकी याद अश्रु की ओस बहाना।
तड़प-तड़प कर वृद्ध मरे हैं गोली खाकर।
शुष्क पुष्प कुछ वहाँ गिरा देना तुम जाकर।
यह सब करना, किंतु बहुत धीरे से आना।
यह है शोक स्थान यहाँ न शोर मचाना।।
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