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25 thoughts in sanskrit and meaning in hindi
I want the translation of 4th lesson 8th class sanskrit in hindi
I want Write 10 lines in self introduction in sanskrit language Pls. help me
what is the shabd roop of kim ?
can you tell me the dhatu roop of 'nm' dhaatu?
CAN ANYBODY PLEASE TELL AT LEAST 20 SHLOKAS ON "VIDYA MAHIMA"
COZZ ITS MY PROJECT
five poets of sanskrit and their scripts
अधोलिखितानां प्रश्नानाम् उत्तराणि एकपदेन लिखत-
(क) स्वकीयं साधनं किं भवति?
(ख) पथि के विषमा: प्रखरा:?
(ग) सततं किं करणीयम्?
(घ) एतस्य गीतस्य रचयिता क:?
(ङ) स: कीदृश: कवि: मन्यते?
मञ्जूषात: अव्ययपदानि चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत-
एव खलु तथा परित: पुरत: सदा विना
(क) विद्यालयस्य -------------------- एकम् उद्यानम् अस्ति।
(ख) सत्यम् -------------------- जयते।
(ग) किं भवान् स्नानं कृतवान् -------------------- ?
(घ) स: यथा चिन्तयति -------------------- आचरति।
(ङ) ग्रामं -------------------- वृक्षा: सन्ति।
(च) विद्यां -------------------- जीवनं वृथा।
(छ) -------------------- भगवन्तं भज।
विलोमपदानि योजयत-
पुरत:
विरक्ति:
स्वकीयम्
आगमनम्
भीति:
पृष्ठत:
अनुरक्ति:
परकीयम्
गमनम्
साहस:
अधोलिखितानि पदानि निर्देशानुसारं परिवर्तयत-
यथा - गिरिशिखर (सप्तमी-एकवचने)
गिरिशिखरे
पथिन् (सप्तमी-एकवचने)
--------------------
राष्ट्र (चतुर्थी-एकवचने)
पाषाण (सप्तमी-एकवचने)
यान (द्वितीया-बहुवचने)
शक्ति (प्रथमा-एकवचने)
पशु (सप्तमी-बहुवचने)
उचितकथनानां समक्षम् 'आम्', अनुचितकथनानां समक्षं 'न' इति लिखत-
यथा
पुरत: चरणं निधेहि।
आम्
(क)
निजनिकेतनं गिरिशिखरे अस्ति।
-
(ख)
स्वकीयं बलं बाधकं भवति।
(ग)
पथि हिंस्रा: पशव: न सन्ति।
(घ)
गमनं सुकरम् अस्ति।
(ङ)
सदैव अग्रे एव चलनीयम्।
can somebody please tell me names of 10 occupations in sanskrit...???
plzzz
can i get the sanskrit table for athma and raja (in 3 genders) fast.plzzzzz!!!!
मञ्जूषात: क्रियापदानि चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत-
निधेहि विधेहि जहीहि देहि भज चल कुरु
यथा-त्वं पुरत: चरणं निधेहि।
(क) त्वं विद्यालयं --------------------।
(ख) राष्ट्रे अनुरक्तिं --------------------।
(ग) मह्यं जलं --------------------।
(घ) मूढ! -------------------- धनागमतृष्णाम्।
(ङ) -------------------- गोविन्दम्।
(च) सततं ध्येयस्मरणं -------------------- ।
वाक्यरचनया अर्थभेदं स्पष्टीकुरुत-
परित:
नग:
नाग:
आरोहणम्
अवरोहणम्
विषमा:
समा:
लट्लकारपदेभ्य: लोट्-विधिलिङ्लकारपदानां निर्माणं कुरुत-
लट्लकारे
लोट्लकारे
विधिलिङ्लकारे
यथा-पठति
पठतु
पठेत्
खेलसि
खादन्ति
पिबामि
हसत:
नयाम:
how to write in five sentences that i want to become a doctor in sanskrit?????????
sabda roopam
DHATU RUP OF SHUB
hello apoorva
bhavarth in sanskrit
fish who is so inetilligent
a) buizel
b) seaking
c) gaodfish
d) dolfine
actually i have to make project in sanskrit on the topoc festival & i hve to do it in group..........i wnt to make it perfect & really attractive...........i need the ans. today only......bcoz tomorrow i hve to do it...............plz aomeonr help me............nidhi mam too
yes as i want to become pandit
what is the easy way to learn shabdroop?
PLEASE CAN YOU TRANSLATE SANSKRIT IN TO HINDI
what do you mean by purataha
what is shabd roop for ans on chapter 4 ,pg.27 question.7 sanskrit .please be quick
pls give translation
Can you provide sanskrit translation tohindi
5-5 examples of each lotlakar and vidhilinglakar in both hindi and sanskrit???
sanskrit shlokas
shabdh roop of bhanu in sanskrit
अधोलिखितानिपदानि निर्देशानुसारंपरिवर्तयत-
मञ्जूषात:क्रियापदानिचित्वा रिक्तस्थानानिपूरयत-
यथा-त्वंपुरत:चरणंनिधेहि।
(क)त्वंविद्यालयं--------------------।
(ख)राष्ट्रेअनुरक्तिं--------------------।
(ग)मह्यंजलं --------------------।
(घ)मूढ!-------------------- धनागमतृष्णाम्।
(ङ)-------------------- गोविन्दम्।
(च)सततंध्येयस्मरणं-------------------- ।
अधोलिखितानांप्रश्नानाम्उत्तराणि एकपदेनलिखत-
(क)स्वकीयंसाधनं किं भवति?
(ख)पथिके विषमा:प्रखरा:?
(ग)सततंकिं करणीयम्?
(घ)एतस्यगीतस्य रचयिताक:?
(ङ)स:कीदृश:कवि:मन्यते?
लट्लकारपदेभ्य:लोट्-विधिलिङ्लकारपदानांनिर्माणं कुरुत-
मञ्जूषात:अव्ययपदानिचित्वा रिक्तस्थानानिपूरयत-
(क)विद्यालयस्य-------------------- एकम्उद्यानम् अस्ति।
(ख)सत्यम्-------------------- जयते।
(ग)किंभवान् स्नानंकृतवान्-------------------- ?
(घ)स:यथाचिन्तयति-------------------- आचरति।
(ङ)ग्रामं-------------------- वृक्षा:सन्ति।
(च)विद्यां-------------------- जीवनंवृथा।
(छ)-------------------- भगवन्तंभज।
विलोमपदानियोजयत-
उचितकथनानांसमक्षम् 'आम्',अनुचितकथनानांसमक्षं 'न'इतिलिखत-
वाक्यरचनयाअर्थभेदंस्पष्टीकुरुत-
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25 thoughts in sanskrit and meaning in hindi
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I want Write 10 lines in self introduction in sanskrit language Pls. help me
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CAN ANYBODY PLEASE TELL AT LEAST 20 SHLOKAS ON "VIDYA MAHIMA"
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(घ) एतस्य गीतस्य रचयिता क:?
(ङ) स: कीदृश: कवि: मन्यते?
मञ्जूषात: अव्ययपदानि चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत-
एव खलु तथा परित: पुरत: सदा विना
(क) विद्यालयस्य -------------------- एकम् उद्यानम् अस्ति।
(ख) सत्यम् -------------------- जयते।
(ग) किं भवान् स्नानं कृतवान् -------------------- ?
(घ) स: यथा चिन्तयति -------------------- आचरति।
(ङ) ग्रामं -------------------- वृक्षा: सन्ति।
(च) विद्यां -------------------- जीवनं वृथा।
(छ) -------------------- भगवन्तं भज।
विलोमपदानि योजयत-
पुरत:
विरक्ति:
स्वकीयम्
आगमनम्
भीति:
पृष्ठत:
अनुरक्ति:
परकीयम्
गमनम्
साहस:
अधोलिखितानि पदानि निर्देशानुसारं परिवर्तयत-
यथा - गिरिशिखर (सप्तमी-एकवचने)
गिरिशिखरे
पथिन् (सप्तमी-एकवचने)
--------------------
राष्ट्र (चतुर्थी-एकवचने)
--------------------
पाषाण (सप्तमी-एकवचने)
--------------------
यान (द्वितीया-बहुवचने)
--------------------
शक्ति (प्रथमा-एकवचने)
--------------------
पशु (सप्तमी-बहुवचने)
--------------------
उचितकथनानां समक्षम् 'आम्', अनुचितकथनानां समक्षं 'न' इति लिखत-
यथा
पुरत: चरणं निधेहि।
आम्
(क)
निजनिकेतनं गिरिशिखरे अस्ति।
-
(ख)
स्वकीयं बलं बाधकं भवति।
-
(ग)
पथि हिंस्रा: पशव: न सन्ति।
-
(घ)
गमनं सुकरम् अस्ति।
-
(ङ)
सदैव अग्रे एव चलनीयम्।
-
can somebody please tell me names of 10 occupations in sanskrit...???
plzzz
can i get the sanskrit table for athma and raja (in 3 genders) fast.plzzzzz!!!!
मञ्जूषात: क्रियापदानि चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत-
निधेहि विधेहि जहीहि देहि भज चल कुरु
यथा-त्वं पुरत: चरणं निधेहि।
(क) त्वं विद्यालयं --------------------।
(ख) राष्ट्रे अनुरक्तिं --------------------।
(ग) मह्यं जलं --------------------।
(घ) मूढ! -------------------- धनागमतृष्णाम्।
(ङ) -------------------- गोविन्दम्।
(च) सततं ध्येयस्मरणं -------------------- ।
वाक्यरचनया अर्थभेदं स्पष्टीकुरुत-
परित:
पुरत:
नग:
नाग:
आरोहणम्
अवरोहणम्
विषमा:
समा:
लट्लकारपदेभ्य: लोट्-विधिलिङ्लकारपदानां निर्माणं कुरुत-
लट्लकारे
लोट्लकारे
विधिलिङ्लकारे
यथा-पठति
पठतु
पठेत्
खेलसि
--------------------
--------------------
खादन्ति
--------------------
--------------------
पिबामि
--------------------
--------------------
हसत:
--------------------
--------------------
नयाम:
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--------------------
how to write in five sentences that i want to become a doctor in sanskrit?????????
sabda roopam
DHATU RUP OF SHUB
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b) seaking
c) gaodfish
d) dolfine
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what is the easy way to learn shabdroop?
PLEASE CAN YOU TRANSLATE SANSKRIT IN TO HINDI
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what is shabd roop for ans on chapter 4 ,pg.27 question.7 sanskrit .please be quick
pls give translation
Can you provide sanskrit translation tohindi
5-5 examples of each lotlakar and vidhilinglakar in both hindi and sanskrit???
Book-ruchira
sanskrit shlokas
shabdh roop of bhanu in sanskrit
अधोलिखितानिपदानि निर्देशानुसारंपरिवर्तयत-
यथा - गिरिशिखर (सप्तमी-एकवचने)
गिरिशिखरे
पथिन् (सप्तमी-एकवचने)
--------------------
राष्ट्र (चतुर्थी-एकवचने)
--------------------
पाषाण (सप्तमी-एकवचने)
--------------------
यान (द्वितीया-बहुवचने)
--------------------
शक्ति (प्रथमा-एकवचने)
--------------------
पशु (सप्तमी-बहुवचने)
--------------------
मञ्जूषात:क्रियापदानिचित्वा रिक्तस्थानानिपूरयत-
निधेहि विधेहि जहीहि देहि भज चल कुरु
यथा-त्वंपुरत:चरणंनिधेहि।
(क)त्वंविद्यालयं--------------------।
(ख)राष्ट्रेअनुरक्तिं--------------------।
(ग)मह्यंजलं --------------------।
(घ)मूढ!-------------------- धनागमतृष्णाम्।
(ङ)-------------------- गोविन्दम्।
(च)सततंध्येयस्मरणं-------------------- ।
अधोलिखितानांप्रश्नानाम्उत्तराणि एकपदेनलिखत-
(क)स्वकीयंसाधनं किं भवति?
(ख)पथिके विषमा:प्रखरा:?
(ग)सततंकिं करणीयम्?
(घ)एतस्यगीतस्य रचयिताक:?
(ङ)स:कीदृश:कवि:मन्यते?
लट्लकारपदेभ्य:लोट्-विधिलिङ्लकारपदानांनिर्माणं कुरुत-
लट्लकारे
लोट्लकारे
विधिलिङ्लकारे
यथा-पठति
पठतु
पठेत्
खेलसि
--------------------
--------------------
खादन्ति
--------------------
--------------------
पिबामि
--------------------
--------------------
हसत:
--------------------
--------------------
नयाम:
--------------------
--------------------
मञ्जूषात:अव्ययपदानिचित्वा रिक्तस्थानानिपूरयत-
एव खलु तथा परित: पुरत: सदा विना
(क)विद्यालयस्य-------------------- एकम्उद्यानम् अस्ति।
(ख)सत्यम्-------------------- जयते।
(ग)किंभवान् स्नानंकृतवान्-------------------- ?
(घ)स:यथाचिन्तयति-------------------- आचरति।
(ङ)ग्रामं-------------------- वृक्षा:सन्ति।
(च)विद्यां-------------------- जीवनंवृथा।
(छ)-------------------- भगवन्तंभज।
विलोमपदानियोजयत-
पुरत:
विरक्ति:
स्वकीयम्
आगमनम्
भीति:
पृष्ठत:
अनुरक्ति:
परकीयम्
गमनम्
साहस:
उचितकथनानांसमक्षम् 'आम्',अनुचितकथनानांसमक्षं 'न'इतिलिखत-
यथा
पुरत: चरणं निधेहि।
आम्
(क)
निजनिकेतनं गिरिशिखरे अस्ति।
-
(ख)
स्वकीयं बलं बाधकं भवति।
-
(ग)
पथि हिंस्रा: पशव: न सन्ति।
-
(घ)
गमनं सुकरम् अस्ति।
-
(ङ)
सदैव अग्रे एव चलनीयम्।
-
वाक्यरचनयाअर्थभेदंस्पष्टीकुरुत-
परित:
पुरत:
नग:
नाग:
आरोहणम्
अवरोहणम्
विषमा:
समा: