NCERT Solutions for Class 9 Hindi Chapter 2 बचेंद्री पाल are provided here with simple step-by-step explanations. These solutions for बचेंद्री पाल are extremely popular among class 9 students for Hindi बचेंद्री पाल Solutions come handy for quickly completing your homework and preparing for exams. All questions and answers from the NCERT Book of class 9 Hindi Chapter 2 are provided here for you for free. You will also love the ad-free experience on Meritnation’s NCERT Solutions. All NCERT Solutions for class 9 Hindi are prepared by experts and are 100% accurate.
Page No 24:
Question 1:
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ à¤à¤¾ à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° à¤à¤-दॠपà¤à¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥à¤ मà¥à¤ दà¥à¤à¤¿à¤ −
ठà¤à¥à¤°à¤¿à¤® दल à¤à¤¾ नà¥à¤¤à¥à¤¤à¥à¤µ à¤à¥à¤¨ à¤à¤° रहा था?
Answer:
अग्रिम दल का नेतृत्व प्रेमचंद कर रहे थे।
Page No 24:
Question 2:
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ à¤à¤¾ à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° à¤à¤-दॠपà¤à¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥à¤ मà¥à¤ दà¥à¤à¤¿à¤ −
लà¥à¤à¤¿à¤à¤¾ à¤à¥ साà¤à¤°à¤®à¤¾à¤¥à¤¾ नाम à¤à¥à¤¯à¥à¤ ठà¤à¥à¤à¤¾ लà¤à¤¾?
Answer:
लेखिका को सागरमाथा नाम अच्छा लगा क्योंकि सागर के पैर नदियाँ हैं तो सबसे ऊँची चोटी उसका माथा है और यह एक फूल की तरह दिखाई देता है, जैसे माथा हो। इसलिए यह नाम लेखिका को अच्छा लगा।
Page No 24:
Question 3:
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ à¤à¤¾ à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° à¤à¤-दॠपà¤à¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥à¤ मà¥à¤ दà¥à¤à¤¿à¤ −
लà¥à¤à¤¿à¤à¤¾ à¤à¥ धà¥à¤µà¤ à¤à¥à¤¸à¤¾ à¤à¥à¤¯à¤¾ लà¤à¤¾?
Answer:
लेखिका को एक बड़े भारी बर्फ़ का बड़ा फूल (प्लूम) पर्वत शिखर पर लहराता हुआ ध्वज जैसा लगा।
Page No 24:
Question 4:
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ à¤à¤¾ à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° à¤à¤-दॠपà¤à¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥à¤ मà¥à¤ दà¥à¤à¤¿à¤ −
हिमसà¥à¤à¤²à¤¨ सॠà¤à¤¿à¤¤à¤¨à¥ लà¥à¤à¥à¤ à¤à¥ मà¥à¤¤à¥à¤¯à¥ हà¥à¤ à¤à¤° à¤à¤¿à¤¤à¤¨à¥ à¤à¤¾à¤¯à¤² हà¥à¤?
Answer:
हिमस्खलन से एक व्यक्ति की मृत्यु हुई और चार घायल हुए।
Page No 24:
Question 5:
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ à¤à¤¾ à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° à¤à¤-दॠपà¤à¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥à¤ मà¥à¤ दà¥à¤à¤¿à¤ −
मà¥à¤¤à¥à¤¯à¥ à¤à¥ ठवसाद à¤à¥ दà¥à¤à¤à¤° à¤à¤°à¥à¤¨à¤² à¤à¥à¤²à¥à¤²à¤° नॠà¤à¥à¤¯à¤¾ à¤à¤¹à¤¾?
Answer:
मृत्यु के अवसाद को देखकर कर्नल खुल्लर ने सपष्ट किया कि एवरेस्ट जैसे महान अभियान में खतरों को और कभी-कभी तो मृत्यु भी आदमी को सहज भाव से स्वीकार करनी चाहिए।
Page No 24:
Question 6:
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ à¤à¤¾ à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° à¤à¤-दॠपà¤à¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥à¤ मà¥à¤ दà¥à¤à¤¿à¤ −
रसà¥à¤ सहायठà¤à¥ मà¥à¤¤à¥à¤¯à¥ à¤à¥à¤¸à¥ हà¥à¤?
Answer:
जलवायु अनुकूल न होने के कारण एक रसोई सहायक की मृत्यु हो गई।
Page No 24:
Question 7:
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ à¤à¤¾ à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° à¤à¤-दॠपà¤à¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥à¤ मà¥à¤ दà¥à¤à¤¿à¤ −
à¤à¥à¤à¤ª-à¤à¤¾à¤° à¤à¤¹à¤¾à¤ à¤à¤° à¤à¤¬ लà¤à¤¾à¤¯à¤¾ à¤à¤¯à¤¾?
Answer:
कैंप-चार 29 अप्रैल, 1984 को साउथ कोल में लगाया गया था। 7900 मीटर पर यह कैंप लगाया गया था।
Page No 24:
Question 8:
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ à¤à¤¾ à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° à¤à¤-दॠपà¤à¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥à¤ मà¥à¤ दà¥à¤à¤¿à¤ −
लà¥à¤à¤¿à¤à¤¾ नॠशà¥à¤°à¤ªà¤¾ à¤à¥à¤²à¥ à¤à¥ ठपना परिà¤à¤¯ à¤à¤¿à¤¸ तरह दिया?
Answer:
लेखिका ने शेरपा कुली को अपना परिचय यह कह कर दिया कि वह बिल्कुल ही नौसिखिया है और एवरेस्ट उसका पहला अभियान है।
Page No 24:
Question 9:
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ à¤à¤¾ à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° à¤à¤-दॠपà¤à¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥à¤ मà¥à¤ दà¥à¤à¤¿à¤ −
लà¥à¤à¤¿à¤à¤¾ à¤à¥ सफलता पर à¤à¤°à¥à¤¨à¤² à¤à¥à¤²à¥à¤²à¤° नॠà¤à¤¸à¥ à¤à¤¿à¤¨ शबà¥à¤¦à¥à¤ मà¥à¤ बधाठदà¥?
Answer:
लेखिका की सफलता पर बधाई देते हुए कर्नल खुल्लर ने कहा, "मैं तुम्हारी इस अनूठी उपलब्धि के लिए तुम्हारे माता-पिता को बधाई देना चाहूँगा देश को तुम पर गर्व है और अब तुम ऐसे संसार में जाओगी जो तुम्हारे अपने पीछे छोड़े हुए संसार से एकदम भिन्न होगा। "
Page No 24:
Question 1:
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ à¤à¤¾ à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° (25-30 शबà¥à¤¦à¥à¤ मà¥à¤) लिà¤à¤¿à¤ −
नà¤à¤¼à¤¦à¥à¤ सॠà¤à¤µà¤°à¥à¤¸à¥à¤ à¤à¥ दà¥à¤à¤à¤° लà¥à¤à¤¿à¤à¤¾ à¤à¥ à¤à¥à¤¸à¤¾ लà¤à¤¾?
Answer:
नजदीक से एवरेस्ट को देखकर लेखिका भौंचक्की रही गई। वह उसके सौंदर्य को देखकर अभिभूत हो गई। वह एवरेस्ट ल्होत्से और नुत्से की ऊँचाइयों से घिरी बर्फ़ीली ढेढ़ी-मेढ़ी नदी को निहारती रही।
Page No 24:
Question 2:
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ à¤à¤¾ à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° (25-30 शबà¥à¤¦à¥à¤ मà¥à¤) लिà¤à¤¿à¤ −
डà¥. मà¥à¤¨à¥ मà¥à¤¹à¤¤à¤¾ नॠà¤à¥à¤¯à¤¾ à¤à¤¾à¤¨à¤à¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤ दà¥à¤?
Answer:
डॉ. मीनू मेहता ने अनेकों जानकारियाँ दीं −
1. अग्रिम दल के अभियांत्रिकी कार्यों की जानकारी दी।
2. अल्यूमिनियम की सीढ़ियों से अस्थायी पुल का निर्माण करने की जानकारी दी।
3. लट्ठों और रस्सियों का उपयोग करने की जानकारी, बर्फ़ की आड़ी तिरछी दीवारों पर रस्सियों को बाँधने की जानकारी दी।
Page No 24:
Question 3:
तेनजिंग ने लेखिका की तारीफ़ में क्या कहा?
Answer:
तेनजिंग ने लेखिका की तारीफ़ में कहा कि वह एक पर्वतीय लड़की है। उसे तो शिखर पर पहले ही प्रयास में पहुँच जाना चाहिए। अर्थात् वे लेखिका की सफलता चाहते थे और उन्हें पूरी आशा थी कि वे सफल होंगी।
Page No 24:
Question 4:
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ à¤à¤¾ à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° (25-30 शबà¥à¤¦à¥à¤ मà¥à¤) लिà¤à¤¿à¤ â
लà¥à¤à¤¿à¤à¤¾ à¤à¥ à¤à¤¿à¤¨à¤à¥ साथ à¤à¤¢à¤¼à¤¾à¤ à¤à¤°à¤¨à¥ थà¥?
Answer:
लà¥à¤à¤¿à¤à¤¾ à¤à¥ ठपनॠदल à¤à¥ साथ तथा à¤à¤¯ à¤à¤° मà¥à¤¨à¥ à¤à¥ साथ à¤à¤¢à¤¼à¤¾à¤ à¤à¤°à¤¨à¥ थà¥à¥¤ परनà¥à¤¤à¥ वॠलà¥à¤ पà¥à¤à¥ रह à¤à¤ थà¥à¥¤ à¤à¤¨à¤à¥ पास à¤à¤¾à¤°à¥ बà¥à¤ था à¤à¤° वॠबिना à¤à¤à¥à¤¸à¥à¤à¤¨ à¤à¥ ठरहॠथà¥à¥¤ à¤à¤¸ à¤à¤¾à¤°à¤£ à¤à¤¨à¤à¥ à¤à¤¤à¤¿ à¤à¤® हॠà¤à¤ थà¥à¥¤ à¤à¤¨à¤à¥ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ दà¥à¤à¤à¤° लà¥à¤à¤¿à¤à¤¾ à¤à¤¿à¤à¤¤à¤¿à¤¤ थà¥à¥¤
Page No 24:
Question 5:
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ à¤à¤¾ à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° (25-30 शबà¥à¤¦à¥à¤ मà¥à¤) लिà¤à¤¿à¤ −
लà¥à¤ªà¤¸à¤¾à¤à¤ नॠतà¤à¤¬à¥ à¤à¤¾ रासà¥à¤¤à¤¾ à¤à¥à¤¸à¥ साफ़ à¤à¤¿à¤¯à¤¾?
Answer:
लोपसांग ने अपनी स्विस छुरी की सहायता से तंबू का रास्ता साफ़ किया क्योंकि तंबू के रास्ते एक बड़ा बर्फ़ पिंड गिरने से हिमपुंज बन गया था और इससे कैंप नष्ट हो गया था, लेखिका भी उसमें दब गई थीं। इसलिए लोपसांग ने छुरी से बर्फ़ काटकर लेखिका को बाहर निकाला।
Page No 24:
Question 6:
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ à¤à¤¾ à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° (25-30 शबà¥à¤¦à¥à¤ मà¥à¤) लिà¤à¤¿à¤ −
साà¤à¤¥ à¤à¥à¤² à¤à¥à¤à¤ª पहà¥à¤à¤à¤à¤° लà¥à¤à¤¿à¤à¤¾ नॠठà¤à¤²à¥ दिन à¤à¥ महतà¥à¤¤à¥à¤µà¤ªà¥à¤°à¥à¤£ à¤à¤¢à¤¼à¤¾à¤ à¤à¥ तà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥ à¤à¥à¤¸à¥ शà¥à¤°à¥ à¤à¥?
Answer:
साउथ कोल कैंप पहुँचकर लेखिका ने अगले दिन की महत्त्वपूर्ण चढ़ाई की तैयारी करने के लिए खाना, कुकिंग गैस, कुछ ऑक्सीजन सिलिंडर इकट्ठे किए, दूसरे सदस्यों की मदद के लिए, थरमसों को जूस व गरम चाय से भरने के लिए नीचे जाने का निश्चय किया।
Page No 24:
Question 1:
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ à¤à¤¾ à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° (50-60 शबà¥à¤¦à¥à¤ मà¥à¤) लिà¤à¤¿à¤ −
à¤à¤ªà¤¨à¥à¤¤à¤¾ पà¥à¤°à¥à¤®à¤à¤à¤¦ नॠà¤à¤¿à¤¨ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥à¤ सॠठवà¤à¤¤ à¤à¤°à¤¾à¤¯à¤¾?
Answer:
उपनेता प्रेमचंद ने अभियान दल के सदस्यों को पहली बड़ी बाधा खुंभु हिमपात की स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने यह भी बताया कि उनके दल ने कैंप-एक (6000 मीटर), जो हिमपात के ठीक ऊपर है, वहाँ तक का रास्ता साफ़ कर दिया। उन्होंने यह भी बताया कि पुल बना दिया गया है, रस्सियाँ बाँध दी गई हैं तथा झंडियों से रास्ते को चिह्नित कर दिया गया है। इसके साथ-साथ बड़ी कठिनाइयों का जायजा ले लिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि ग्लेशियर बर्फ़ की नदी है और बर्फ़ का गिरना जारी है। यदि हिमपात अधिक हो गया तो अभी तक किए गए सारे काम व्यर्थ हो सकते हैं। तब इन्हें पुन: करना पड़ेगा।
Page No 24:
Question 2:
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ à¤à¤¾ à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° (50-60 शबà¥à¤¦à¥à¤ मà¥à¤) लिà¤à¤¿à¤ −
हिमपात à¤à¤¿à¤¸ तरह हà¥à¤¤à¤¾ हॠà¤à¤° à¤à¤¸à¤¸à¥ à¤à¥à¤¯à¤¾-à¤à¥à¤¯à¤¾ परिवरà¥à¤¤à¤¨ à¤à¤¤à¥ हà¥à¤?
Answer:
बर्फ़ के खंडो का अव्यवस्थित ढंग से गिरने को हिमपात कहा जाता है। हिमपात बर्फ़ (ग्लेशियर) की नदी होती है। ग्लेशियर के बहने से अक्सर बर्फ़ में हलचल मच जाती है। इससे बर्फ़ की बड़ी-बड़ी च़ट्टाने तत्काल गिर जाया करती हैं। अन्य कारणों से भी अचानक खतरनाक स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इससे धरातल पर बड़ी चौड़ी दरारें पड़ जाती हैं।
Page No 24:
Question 3:
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ à¤à¤¾ à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° (50-60 शबà¥à¤¦à¥à¤ मà¥à¤) लिà¤à¤¿à¤ −
लà¥à¤à¤¿à¤à¤¾ à¤à¥ तà¤à¤¬à¥ मà¥à¤ à¤à¤¿à¤°à¥ बरà¥à¤«à¤¼ पिà¤à¤¡ à¤à¤¾ वरà¥à¤£à¤¨ à¤à¤¿à¤¸ तरह à¤à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤¯à¤¾ हà¥?
Answer:
लेखिका के तंबू में गिरे बर्फ़ पिंड का वर्णन बहुत भयानक एवं खतरनाक था। रात 12.30 बजे एक सख्त चीज़ लेखिका के सिर के पिछले हिस्से से टकराई और वह जाग गई। एक लंबा बर्फ़ पिंड ल्होत्से ग्लेशियर से टूटकर कैंप के ऊपर आ गिरा था। उसमें अनेक हिमखंडो का पुंज था। वह अत्यंत तेज़ गति के साथ और गर्जना के साथ गिरा था। इसने लेखिका के कैंप को नष्ट कर दिया था। इससे चोट तो सभी को लगी पर मृत्यु किसी की भी नहीं हुई।
Page No 24:
Question 4:
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ à¤à¤¾ à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° (50-60 शबà¥à¤¦à¥à¤ मà¥à¤) लिà¤à¤¿à¤ −
लà¥à¤à¤¿à¤à¤¾ à¤à¥ दà¥à¤à¤à¤° 'à¤à¥' हà¤à¥à¤à¤¾-बà¤à¥à¤à¤¾ à¤à¥à¤¯à¥à¤ रह à¤à¤¯à¤¾?
Answer:
लेखिका को देखकर 'की' हक्का बक्का रह गया क्योंकि इतनी बर्फ़ीली हवा में नीचे उतरना जोखिम भरा था फिर भी लेखिका सबके लिए चाय व जूस लेने नीचे उतर रही थी और उसे 'की' से भी मिलना था।
Page No 24:
Question 5:
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ à¤à¤¾ à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° (50-60 शबà¥à¤¦à¥à¤ मà¥à¤) लिà¤à¤¿à¤ −
à¤à¤µà¤°à¥à¤¸à¥à¤ पर à¤à¤¢à¤¼à¤¨à¥ à¤à¥ लिठà¤à¥à¤² à¤à¤¿à¤¤à¤¨à¥ à¤à¥à¤à¤ª बनाठà¤à¤? à¤à¤¨à¤à¤¾ वरà¥à¤£à¤¨ à¤à¥à¤à¤¿à¤à¥¤
Answer:
à¤à¤µà¤°à¥à¤¸à¥à¤ पर à¤à¤¢à¤¼à¤¨à¥ à¤à¥ लिठà¤à¥à¤² 6 à¤à¥à¤à¤ª बनाठà¤à¤ थà¥à¥¤
1. बà¥à¤¸ à¤à¥à¤à¤ª- यह मà¥à¤à¥à¤¯ à¤à¥à¤à¤ª था।
2. à¤à¥à¤à¤ª-1 −यह à¤à¥à¤à¤ª 6000 मà¥à¤à¤° à¤à¥ à¤à¤à¤à¤¾à¤ पर बनाया à¤à¤¯à¤¾à¥¤ यह हिमपात à¤à¥ ठà¥à¤ à¤à¤ªà¤° था। à¤à¤¸à¤®à¥à¤ सामान à¤à¤®à¤¾ था।
3. à¤à¥à¤à¤ª-2 −यह à¤à¤¢à¤¼à¤¾à¤ à¤à¥ रासà¥à¤¤à¥ मà¥à¤ था।
4. à¤à¥à¤à¤ª-3 −à¤à¤¸à¥ लà¥à¤¹à¥à¤¤à¥à¤¸à¥ à¤à¥ बरà¥à¤«à¤¼à¥à¤²à¥ सà¥à¤§à¥ ढ़लान पर लà¤à¤¾à¤¯à¤¾ à¤à¤¯à¤¾ था। यह रà¤à¤à¥à¤¨ नायलà¥à¤¨ सॠबना था। यहà¥à¤ लà¥à¤¹à¥à¤¤à¥à¤¸à¥ à¤à¥à¤²à¥à¤¶à¤¿à¤¯à¤° सॠà¤à¥à¤à¤à¤° बरà¥à¤«à¤¼ पिà¤à¤¡ à¤à¥à¤à¤ª पर ठà¤à¤¿à¤°à¤¾ था।
5. à¤à¥à¤à¤ª-4 −यह समà¥à¤¦à¥à¤° तठसॠ7900 मà¥à¤à¤° à¤à¥ à¤à¤à¤à¤¾à¤ पर था। साà¤à¤¥ à¤à¥à¤² सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर लà¤à¤¨à¥ à¤à¥ à¤à¤¾à¤°à¤£ साà¤à¤¥ à¤à¥à¤² à¤à¥à¤à¤ª à¤à¤¹à¤²à¤¾à¤¯à¤¾à¥¤
6. शिà¤à¤° à¤à¥à¤à¤ª − यह à¤
à¤à¤¤à¤¿à¤® à¤à¥à¤à¤ª था। यह à¤à¤µà¤°à¥à¤¸à¥à¤ à¤à¥ ठà¥à¤ नà¥à¤à¥ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ था।
Page No 25:
Question 6:
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ à¤à¤¾ à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° (50-60 शबà¥à¤¦à¥à¤ मà¥à¤) लिà¤à¤¿à¤ −
à¤à¤¢à¤¼à¤¾à¤ à¤à¥ समय à¤à¤µà¤°à¥à¤¸à¥à¤ à¤à¥ à¤à¥à¤à¥ à¤à¥ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ à¤à¥à¤¸à¥ थà¥?
Answer:
जब लेखिका एवरेस्ट की चोटी पर पहुँची तब वहाँ तेज़ हवा के कारण बर्फ़ उड़ रही थी। एवरेस्ट की चोटी शंकु के आकार की थी। वहाँ इतनी भी जगह नहीं थी कि दो व्यक्ति एक साथ खड़े हो सकें। चारों ओर हज़ारों मीटर लंबी सीधी ढलान थी। लेखिका के सामने सुरक्षा का प्रश्न था। वहाँ फावड़े से बर्फ़ की खुदाई की गई ताकि स्वयं को सुरक्षित कर स्थिर किया जा सके।
Page No 25:
Question 7:
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ à¤à¤¾ à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° (50-60 शबà¥à¤¦à¥à¤ मà¥à¤) लिà¤à¤¿à¤ −
समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ ठà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ मà¥à¤ सहयà¥à¤ à¤à¤µà¤ सहायता à¤à¥ à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ à¤à¤¾ परिà¤à¤¯ बà¤à¥à¤à¤¦à¥à¤°à¥ à¤à¥ à¤à¤¿à¤¸ à¤à¤¾à¤°à¥à¤¯ सॠमिलता हà¥à¥¤
Answer:
जब बचेंद्री दल के सदस्यों के साथ साउथकोल कैंप पहुँची तो केवल वह अपने लिए नहीं सोच रही थी बल्कि अपने दल के प्रत्येक सदस्य के लिए सोच रही थी। लेखिका ने अपने साथियों के लिए जूस और चाय लेने के लिए तेज़ बर्फ़ीली हवा में भी नीचे उतरकर जोखिम भरा काम किया। इस व्यवहार से कार्य में उसके सहयोग और सहायता की भावना का परिचय मिलता है।
Page No 25:
Question 1:
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ à¤à¤¾ à¤à¤¶à¤¯ सà¥à¤ªà¤·à¥à¤ à¤à¥à¤à¤¿à¤ −
à¤à¤µà¤°à¥à¤¸à¥à¤ à¤à¥à¤¸à¥ महान ठà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ मà¥à¤ à¤à¤¤à¤°à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤° à¤à¤à¥-à¤à¤à¥ तॠमà¥à¤¤à¥à¤¯à¥ à¤à¥ à¤à¤¦à¤®à¥ à¤à¥ सहठà¤à¤¾à¤µ सॠसà¥à¤µà¥à¤à¤¾à¤° à¤à¤°à¤¨à¥ à¤à¤¾à¤¹à¤¿à¤à¥¤
Answer:
यह कथन अभियान दल के नेता कर्नल खुल्लर का है। उन्होंने शेरपा कुली की मृत्यु के समाचार के बाद कहा था। उन्होंने सदस्यों के उत्साहवर्धन करते हुए अभियान के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं को वास्तविकता से परिचित करना चाहा। एवरेस्ट की चढ़ाई कोई आसान काम नहीं है, यह जोखिम भरा अभियान होता है। यहाँ इतने खतरे हैं कि कभी-कभी मृत्यु भी हो सकती है। इसके लिए तैयार रहना चाहिए विचलित नहीं होना चाहिए।
Page No 25:
Question 2:
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ à¤à¤¾ à¤à¤¶à¤¯ सà¥à¤ªà¤·à¥à¤ à¤à¥à¤à¤¿à¤ −
सà¥à¤§à¥ धरातल पर दरार पड़नॠà¤à¤¾ विà¤à¤¾à¤° à¤à¤° à¤à¤¸ दरार à¤à¤¾ à¤à¤¹à¤°à¥-à¤à¥à¤¡à¤¼à¥ हिम-विदर मà¥à¤ बदल à¤à¤¾à¤¨à¥ à¤à¤¾ मातà¥à¤° à¤à¤¯à¤¾à¤² हॠबहà¥à¤¤ डरावना था। à¤à¤¸à¤¸à¥ à¤à¥ à¤à¤¼à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ à¤à¤¯à¤¾à¤¨à¤ à¤à¤¸ बात à¤à¥ à¤à¤¾à¤¨à¤à¤¾à¤°à¥ थॠà¤à¤¿ हमारॠसà¤à¤ªà¥à¤°à¥à¤£ पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ à¤à¥ दà¥à¤°à¤¾à¤¨ हिमपात लà¤à¤à¤ à¤à¤ दरà¥à¤à¤¨ à¤à¤°à¥à¤¹à¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¤° à¤à¥à¤²à¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¥ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ à¤à¥à¤¤à¤¾ रहà¥à¤à¤¾à¥¤
Answer:
इस कथन का आशय है कि हिमपात के कारण बर्फ़ के खंडो के दबाव से कई बार धरती के धरातल पर दरार पड़ जाती है। यह दरार गहरी और चौड़ी होती चली जाती है और हिम-विदर में बदल जाती है यह बहुत खतरनाक होते हैं और भी ज़्यादा खतरनाक बात तब होती है जब पता रहे कि पूरे प्रयासों के बाद यह भयंकर हिमपात पर्वतारोहियों व कुलियों को परेशान करता है।
Page No 25:
Question 3:
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ à¤à¤¾ à¤à¤¶à¤¯ सà¥à¤ªà¤·à¥à¤ à¤à¥à¤à¤¿à¤ −
बिना à¤à¤ ॠहॠमà¥à¤à¤¨à¥ ठपनॠथà¥à¤²à¥ सॠदà¥à¤°à¥à¤à¤¾ माठà¤à¤¾ à¤à¤¿à¤¤à¥à¤° à¤à¤° हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ à¤à¤¾à¤²à¥à¤¸à¤¾ निà¤à¤¾à¤²à¤¾à¥¤ मà¥à¤à¤¨à¥ à¤à¤¨à¤à¥ ठपनॠसाथ लाठलाल à¤à¤ªà¤¡à¤¼à¥ मà¥à¤ लपà¥à¤à¤¾, à¤à¥à¤à¥-सॠपà¥à¤à¤¾-ठरà¥à¤à¤¨à¤¾ à¤à¥ à¤à¤° à¤à¤¨à¤à¥ बरà¥à¤«à¤¼ मà¥à¤ दबा दिया। à¤à¤¨à¤à¤¦ à¤à¥ à¤à¤¸ à¤à¥à¤·à¤£ मà¥à¤ मà¥à¤à¥ ठपनॠमाता-पिता à¤à¤¾ धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ à¤à¤¯à¤¾à¥¤
Answer:
लेखिका जब एवरेस्ट की चोटी पर पहुँचकर घुटनों के बल बैठ कर बर्फ़ पर अपना माथा लगाया और चुंबन किया। उसके बाद एक लाल कपड़े में माँ दुर्गा का चित्र और हनुमान चालीसा को लपेटा और छोटी से पूजा करके बर्फ़ में दबा दिया वह बहुत खुश थी और उसे अपने माता-पिता का स्मरण हो आया।
Page No 25:
Question 1:
इस पाठ में प्रयुक्त निम्नलिखित शब्दों की व्याख्या पाठ का संदर्भ देकर कीजिए −
निहारा है, धसकना, खिसकना, सागरमाथा, जायज़ा लेना, नौसिखिया
Answer:
1. निहारा है − यह पाठ एवरेस्ट की चोटी को बचेंद्री पाल ने निहारा है।
2. धसकना-खिसकना − ये दोनों शब्द हिम-खंडो के गिरने के संदर्भ में आए हैं।
3. सागरमाथा − नेपाली एवरेस्ट चोटी को सागरमाथा कहते हैं।
4. जायज़ा लेना − यह शब्द प्रेमचंद ने कैंप के परीक्षण निरीक्षण कर स्थिति के बारे में प्रयुक्त हुआ है।
5. नौसिखिया − बचेंद्री पाल ने तेनजिंग को अपना परिचय देते हुए यह शब्द प्रयुक्त किया है।
Page No 25:
Question 2:
निम्नलिखित पंक्तियों में उचित विराम चिह्नों का प्रयोग कीजिए −
(क) उन्होंने कहा तुम एक पक्की पर्वतीय लड़की लगती हो तुम्हें तो शिखर पर पहले ही प्रयास में पहुँच जाना चाहिए
(ख) क्या तुम भयभीत थीं
(ग) तुमने इतनी बड़ी जोखिम क्यों ली बचेंद्री
Answer:
(क) उन्होंने कहा "तुम एक पक्की पर्वतीय लड़की लगती हो तुम्हें तो शिखर पर पहले ही प्रयास में पहुँच जाना चाहिए"।
(ख) क्या तुम भयभीत थीं?
(ग) तुमने इतनी बड़ी जोखिम क्यों ली, बचेंद्री?
Page No 25:
Question 3:
नीचे दिए उदाहरण के अनुसार निम्नलिखित शब्द-युग्मों का वाक्य में प्रयोग कीजिए −
उदाहरण : हमारे पास एक वॉकी-टॉकी था।
टेढ़ी-मेढ़ी
गहरे-चौड़े
आस-पास
हक्का-बक्का
इधर-उधर
लंबे-चौड़े
Answer:
टेढ़ी-मेढ़ी − यह पगडंडी बहुत टेढ़ी-मेढ़ी है।
गहरे-चौड़े − वहाँ गहरे-चौड़े गड्ढे थे।
आस-पास − गाँव के आस-पास खेत हैं।
हक्का-बक्का −उसको वहाँ देखकर मैं हक्का-बक्का रह गया।
इधर-उधर − इधर-उधर की बातें करना बंद करो।
लंबे-चौड़े − यहाँ बहुत लंबे-चौड़े मैदान हैं।
Page No 26:
Question 4:
उदाहरण के अनुसार विलोम शब्द बनाइए −
उदाहरण : अनुकूल − प्रतिकूल
नियमित − |
................... |
आरोही − |
................... |
सुंदर − |
................... |
विख्यात − |
................... |
निश्चित − |
................... |
Answer:
नियमित − |
अनियमित |
आरोही − |
अवरोही |
सुंदर − |
असुंदर |
विख्यात − |
अविख्यात |
निश्चित − |
अनिश्चित |
Page No 26:
Question 5:
निम्नलिखित शब्दों में उपयुक्त उपसर्ग लगाइए −
जैसे : पुत्र − सुपुत्र
वास व्यवस्थित कूल गति रोहण रक्षित
Answer:
वास − |
प्रवास |
व्यवस्थित − |
अव्यव, स्थित |
कूल − |
प्रतिकूल |
गति − |
प्रगति |
रोहण − |
आरोहण |
रक्षित − |
आरक्षित |
Page No 26:
Question 6:
निम्नलिखित क्रिया विशेषणों का उचित प्रयोग करते हुए रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए −
अगले दिन, कम समय में, कुछ देर बाद, सुबह तक
(क) मैं .............. यह कार्य कर लूँगा।
(ख) बादल घिरने के .............. ही वर्षा हो गई।
(ग) उसने बहुत ............... इतनी तरक्की कर ली।
(घ) नाङकेसा को .............. गाँव जाना था।
Answer:
(क) मैं अगले दिन यह कार्य कर लूँगा।
(ख) बादल घिरने के कुछ देर बाद ही वर्षा हो गई।
(ग) उसने बहुत कम समय में इतनी तरक्की कर ली।
(घ) नाङकेसा को सुबह तक गाँव जाना था।
View NCERT Solutions for all chapters of Class 9