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Page No 76:
Question 1:
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ à¤à¤¾ à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° à¤à¤-दॠपà¤à¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥à¤ मà¥à¤ दà¥à¤à¤¿à¤ −
महादà¥à¤µ à¤à¤¾à¤ ठपना परिà¤à¤¯ à¤à¤¿à¤¸ रà¥à¤ª मà¥à¤ दà¥à¤¤à¥ थà¥?
Answer:
महादेव भाई अपना परिचय 'पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर' और गाँधी जी के 'हम्माल' के रूप में देते हैं।
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Question 2:
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ à¤à¤¾ à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° à¤à¤-दॠपà¤à¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥à¤ मà¥à¤ दà¥à¤à¤¿à¤ −
'यà¤à¤ à¤à¤à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾' सापà¥à¤¤à¤¾à¤¹à¤¿à¤ मà¥à¤ लà¥à¤à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤®à¥ à¤à¥à¤¯à¥à¤ रहनॠलà¤à¥ थà¥?
Answer:
यंग इंडिया के मुख्य लेखक हार्नीमैन को देश निकाला कर दिया गया था। वे इंग्लैंड चले गए थे। अत: मुख्य लिखने वाला चला गया था।
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Question 3:
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ à¤à¤¾ à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° à¤à¤-दॠपà¤à¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥à¤ मà¥à¤ दà¥à¤à¤¿à¤ −
à¤à¤¾à¤à¤§à¥à¤à¥ नॠ'यà¤à¤ à¤à¤à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾' पà¥à¤°à¤à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ à¤à¤°à¤¨à¥ à¤à¥ विषय मà¥à¤ à¤à¥à¤¯à¤¾ निशà¥à¤à¤¯ à¤à¤¿à¤¯à¤¾?
Answer:
गांधीजी ने 'यंग इंडिया' प्रकाशित करने के विषय में यह निश्चय किया कि यह हफ्ते में दो बार छपेगी।
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Question 4:
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ à¤à¤¾ à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° à¤à¤-दॠपà¤à¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥à¤ मà¥à¤ दà¥à¤à¤¿à¤ −
à¤à¤¾à¤à¤§à¥à¤à¥ सॠमिलनॠसॠपहलॠमहादà¥à¤µ à¤à¤¾à¤ à¤à¤¹à¤¾à¤ नà¥à¤à¤°à¥ à¤à¤°à¤¤à¥ थà¥?
Answer:
गांधीजी से मिलने से पहले महादेव भाई सरकार के अनुवाद विभाग में नौकरी करते थे।
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Question 5:
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ à¤à¤¾ à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° à¤à¤-दॠपà¤à¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥à¤ मà¥à¤ दà¥à¤à¤¿à¤ −
महादà¥à¤µ à¤à¤¾à¤ à¤à¥ à¤à¥à¤²à¥à¤ मà¥à¤ à¤à¥à¤¯à¤¾ à¤à¤°à¤¾ रहता था?
Answer:
महादेव भाई के झोलों में समाचार पत्र, मासिक पत्रिकाएँ पत्र और पुस्तकें भरी रहती थीं।
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Question 6:
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ à¤à¤¾ à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° à¤à¤-दॠपà¤à¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥à¤ मà¥à¤ दà¥à¤à¤¿à¤ −
महादà¥à¤µ à¤à¤¾à¤ नॠà¤à¤¾à¤à¤§à¥à¤à¥ à¤à¥ à¤à¥à¤¨-सॠपà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤ à¤à¤¾ ठनà¥à¤µà¤¾à¤¦ à¤à¤¿à¤¯à¤¾ था?
Answer:
महादेव जी ने गांधीजी द्वारा लिखित 'सत्य के प्रयोग' का अंग्रेजी में अनुवाद किया था।
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Question 7:
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ à¤à¤¾ à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° à¤à¤-दॠपà¤à¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥à¤ मà¥à¤ दà¥à¤à¤¿à¤ −
ठहमदाबाद सॠà¤à¥à¤¨-सॠदॠसापà¥à¤¤à¤¾à¤¹à¤¿à¤ निà¤à¤²à¤¤à¥ थà¥?
Answer:
अहमदाबाद से − (1) यंग इंडिया (2) नवजीवन दो साप्ताहिक निकलते थे।
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Question 8:
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ à¤à¤¾ à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° à¤à¤-दॠपà¤à¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥à¤ मà¥à¤ दà¥à¤à¤¿à¤ −
महादà¥à¤µ à¤à¤¾à¤ दिन मà¥à¤ à¤à¤¿à¤¤à¤¨à¥ दà¥à¤° à¤à¤¾à¤® à¤à¤°à¤¤à¥ थà¥?
Answer:
महादेव भाई दिन में 17-18 घंटे काम करते थे।
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Question 9:
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ à¤à¤¾ à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° à¤à¤-दॠपà¤à¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥à¤ मà¥à¤ दà¥à¤à¤¿à¤ −
महादà¥à¤µ à¤à¤¾à¤ सॠà¤à¤¾à¤à¤§à¥à¤à¥ à¤à¥ निà¤à¤à¤¤à¤¾ à¤à¤¿à¤¸ वाà¤à¥à¤¯ सॠसिदà¥à¤§ हà¥à¤¤à¥ हà¥?
Answer:
महादेव भाई से गांधीजी की निकटता निम्न वाक्य से सिद्ध होती है −
'ए रे जख्म जोगे नहि जशे' − यह घाव कभी योग से भरेगा नहीं।
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Question 1:
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ à¤à¤¾ à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° (25-30) शबà¥à¤¦à¥à¤ मà¥à¤ लिà¤à¤¿à¤ −
à¤à¤¾à¤à¤§à¥à¤à¥ नॠमहादà¥à¤µ à¤à¥ ठपना वारिस à¤à¤¬ à¤à¤¹à¤¾ था?
Answer:
गांधीजी जब 1919 में जलियाँ वाल बाग हत्याकांड के बाद पंजाब जा रहे थे तो पलवल रेलवे स्टेशन पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। तभी गांधीजी ने महादेव भाई को अपना वारिस कहा था और तभी से वे इसी रूप में पूरे देश में लाडले बन गए।
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Question 2:
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ à¤à¤¾ à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° (25-30) शबà¥à¤¦à¥à¤ मà¥à¤ लिà¤à¤¿à¤ −
à¤à¤¾à¤à¤§à¥à¤à¥ सॠमिलनॠà¤à¤¨à¥à¤µà¤¾à¤²à¥à¤ à¤à¥ लिठमहादà¥à¤µ à¤à¤¾à¤ à¤à¥à¤¯à¤¾ à¤à¤°à¤¤à¥ थà¥?
Answer:
गाँधीजी से मिलने आनेवालों से महादेव जी खुद मिलते थे, उनकी समस्याएँ सुनते, उनकी संक्षिप्त टिप्पणी तैयार करते और गांधी को बताते। इसके बाद वे आने वालों को गांधीजी से मिलवाते थे।
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Question 3:
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ à¤à¤¾ à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° (25-30) शबà¥à¤¦à¥à¤ मà¥à¤ लिà¤à¤¿à¤ −
महादà¥à¤µ à¤à¤¾à¤ à¤à¥ साहितà¥à¤¯à¤¿à¤ दà¥à¤¨ à¤à¥à¤¯à¤¾ हà¥?
Answer:
महादेव भाई ने 'सत्य का प्रयोग' का अंग्रेज़ी अनुवाद किया जो कि गांधीजी की आत्मकथा थी। वे प्रतिदिन डायरी लिखते थे यह साहित्यक देन डायरी और अनगिनत अभ्यास पुस्तकें आज भी मौजूद हैं। शरद बाबू, टैगोर आदि की कहानियों का भी अनुवाद किया, 'यंग इंडिया' में लेख लिखे।
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Question 4:
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ à¤à¤¾ à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° (25-30) शबà¥à¤¦à¥à¤ मà¥à¤ लिà¤à¤¿à¤ −
महादà¥à¤µ à¤à¤¾à¤ à¤à¥ ठà¤à¤¾à¤² मà¥à¤¤à¥à¤¯à¥ à¤à¤¾ à¤à¤¾à¤°à¤£ à¤à¥à¤¯à¤¾ था?
Answer:
महादेव भाई भरी गर्मी में वर्घा से पैदल चलकर सेवाग्राम आते थे और जाते थे। 11 मील रोज़ गर्मी में पैदल चलने से स्वास्थय पर बुरा प्रभाव पड़ा और उनकी अकाल मृत्यु हो गई।
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Question 5:
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ à¤à¤¾ à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° (25-30) शबà¥à¤¦à¥à¤ मà¥à¤ लिà¤à¤¿à¤ −
महादà¥à¤µ à¤à¤¾à¤ à¤à¥ लिà¤à¥ नà¥à¤ à¤à¥ विषय मà¥à¤ à¤à¤¾à¤à¤§à¥à¤à¥ à¤à¥à¤¯à¤¾ à¤à¤¹à¤¤à¥ थà¥?
Answer:
महादेव भाई के लिखे नोट के विषय में गांधीजी कहते थे कि वे सटीक होते हैं। उनमें कभी कोमा तक की गलती भी नहीं होती है लिखावट सुंदर भी है।
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Question 1:
'इक' प्रत्यय लगाकर शब्दों का निर्माण कीजिए −
सप्ताह |
- |
साप्ताहिक |
|
साहित्य |
- |
.............. |
|
व्यक्ति |
- |
.............. |
|
राजनीति |
- |
.............. |
|
अर्थ |
- |
.............. |
|
धर्म |
- |
.............. |
|
मास |
- |
.............. |
|
वर्ष |
- |
.............. |
Answer:
1. |
सप्ताह |
- |
साप्ताहिक |
2. |
साहित्य |
- |
साहित्यिक |
3. |
व्यक्ति |
- |
वैयक्तिक |
4. |
राजनीति |
- |
राजनीतिक |
5. |
अर्थ |
- |
आर्थिक |
6. |
धर्म |
- |
धार्मिक |
7. |
मास |
- |
मासिक |
8. |
वर्ष |
- |
वार्षिक |
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Question 2:
नीचे दिए गए उपसर्गों का उपयुक्त प्रयोग करते हुए शब्द बनाइए −
अ, नि, अन, दुर, वि, कु, पर, सु, अधि
आर्य |
- |
.............. |
आगत |
- |
.............. |
डर |
- |
.............. |
आकर्षण |
- |
.............. |
क्रय |
- |
.............. |
मार्ग |
- |
.............. |
उपस्थित |
- |
.............. |
लोक |
- |
.............. |
नायक |
- |
.............. |
भाग्य |
- |
.............. |
Answer:
आर्य |
- |
अनार्य |
|
डर |
- |
निडर |
|
क्रय |
- |
विक्रय |
|
उपस्थित |
- |
अनुपस्थित |
|
नायक |
- |
अधिनायक |
|
आगत |
- |
स्वागत |
|
मार्ग |
- |
कुमार्ग |
|
लोक |
- |
परलोक |
|
भाग्य |
- |
सौभाग्य |
|
अन्य उदाहरण − |
|||
विचार |
- |
सुविचार |
|
कृत |
- |
अधिकृत |
|
नारी |
- |
परनारी |
|
व्यवहार |
- |
दुर्व्यवहार |
|
चाहा |
- |
अनचाहा |
|
मर |
- |
अमर |
|
यश |
- |
सुयश |
|
रूप |
- |
कुरूप |
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Question 1:
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ à¤à¤¾ à¤à¤¶à¤¯ सà¥à¤ªà¤·à¥à¤ à¤à¥à¤à¤¿à¤ −
'ठपना परिà¤à¤¯ à¤à¤¨à¤à¥ 'पà¥à¤°-बावरà¥à¤à¥-à¤à¤¿à¤¶à¥à¤¤à¥-à¤à¤°' à¤à¥ रà¥à¤ª मà¥à¤ दà¥à¤¨à¥ मà¥à¤ वॠà¤à¥à¤°à¤µà¤¾à¤¨à¥à¤µà¤¿à¤¤ महसà¥à¤¸ à¤à¤°à¤¤à¥ थà¥à¥¤'
Answer:
महादेव जी गांधीजी के सब छोटे-बड़े सभी काम करते थे और सभी कार्य कुशलता पूर्वक करते थे। इसी कारण वे स्वयं को गांधीजी के 'पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर' कहते थे और उसमें गौरव का अनुभव करते थे।
Page No 77:
Question 2:
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ à¤à¤¾ à¤à¤¶à¤¯ सà¥à¤ªà¤·à¥à¤ à¤à¥à¤à¤¿à¤ −
à¤à¤¸ पà¥à¤¶à¥ मà¥à¤ à¤à¤®à¤¤à¥à¤° पर सà¥à¤¯à¤¾à¤¹ à¤à¥ सफ़à¥à¤¦ à¤à¤° सफ़à¥à¤¦ à¤à¥ सà¥à¤¯à¤¾à¤¹ à¤à¤°à¤¨à¤¾ हà¥à¤¤à¤¾ था।
Answer:
एक वकील के पेशे में उसका काम गलत को सही और सही को गलत सिद्ध करना होता है। इसमें पूरी सच्चाई से काम नहीं होता। इसलिए ही गाँधीजी ने इसको छोड़ा था।
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Question 3:
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ à¤à¤¾ à¤à¤¶à¤¯ सà¥à¤ªà¤·à¥à¤ à¤à¥à¤à¤¿à¤ −
दà¥à¤¶ à¤à¤° दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¥ मà¥à¤à¥à¤§ à¤à¤°à¤à¥ 'शà¥à¤à¥à¤°à¤¤à¤¾à¤°à¥ à¤à¥ तरह ' हॠठà¤à¤¾à¤¨à¤ ठसà¥à¤¤ हॠà¤à¤à¥¤
Answer:
महादेव देसाई जी को एक शुक्रतारे के समान माना गया है। वे चाहे थोड़े समय पर अपनी छटा से सबको मोहित करते रहे। जैसे शुक्रतारा अचानक छिप जाता है, उसी प्रकार महादेव भाई भी असमय काल के ग्रास बन गए।
Page No 77:
Question 4:
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ à¤à¤¾ à¤à¤¶à¤¯ सà¥à¤ªà¤·à¥à¤ à¤à¥à¤à¤¿à¤ −
à¤à¤¨ पतà¥à¤°à¥à¤ à¤à¥ दà¥à¤-दà¥à¤à¤à¤° दिलà¥à¤²à¥ à¤à¤° शिमला मà¥à¤ बà¥à¤ ॠवाà¤à¤¸à¤°à¤¾à¤¯ लà¤à¤¬à¥ साà¤à¤¸-à¤à¤¸à¤¾à¤à¤¸ लà¥à¤¤à¥ रहतॠथà¥à¥¤
Answer:
महादेव देसाई जी की लिखाई बहुत ही सुन्दर थी। वे जो पत्र लिखकर गाँधीजी की ओर से भेजते थे, उन्हें दिल्ली और शिमला में बैठे वाइसराय भी पढ़कर हैरत में पड़ जाते थे। लेख और लेखनी दोनों ही बहुत अच्छी थी कि वे लंबी-लंबी साँसे लेने लगते थे।
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Question 3:
निम्नलिखित मुहावरों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए −
आड़े हाथों लेना |
अस्त हो जाना |
दाँतों तले अँगुली दबाना |
मंत्र मुग्ध करना |
लोहे के चने चबाना |
Answer:
1. आड़े हाथों लेना - पुलिस ने चोर को आड़े हाथों ले लिया।
2. दाँतों तले अँगुली दबाना − पाँच वर्ष के बालक को कम्प्यूटर पर काम करते देखा तो सबने दाँतों तले अँगुली दबा ली।
3. लोहे के चने चबाना − आतंकवादियों ने अमेरिका जैसे शक्तिशाली देश को भी लोहे के चने चबवा दिए।
4. अस्त हो जाना − बहुत मेहनत के बाद भारतीय अंग्रेजी राज्य के सूर्य को अस्त करने में सफल रहे।
5. मंत्र-मुग्ध करना − उसने अपने भाषण से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।
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Question 4:
निम्नलिखित शब्दों के पर्याय लिखिए −
वारिस |
- |
.............. |
जिगरी |
- |
.............. |
कहर |
- |
.............. |
मुकाम |
- |
.............. |
रूबरू |
- |
.............. |
फ़र्क |
- |
.............. |
तालीम |
- |
.............. |
गिरफ़्तार |
- |
.............. |
Answer:
वारिस |
- |
वंश, उत्तराधिकारी |
मुकाम |
- |
लक्ष्य, मंज़िल |
तालीम |
- |
शिक्षा, ज्ञान, सीख |
जिगरी |
- |
पक्का, घनिष्ठ |
फ़र्क |
- |
अंतर, भेद |
गिरफ़्तार |
- |
कैद, बंदी |
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Question 5:
उदाहरण के अनुसार वाक्य बदलिए −
उदाहरण : गाँधीजी ने महादेव भाई को अपना वारिस कहा था।
गाँधीजी महादेव भाई को अपना वारिस कहा करते थे।
1. महादेव भाई अपना परिचय 'पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर' के रूप में देते थे।
2. पीड़ितों के दल-के-दल ग्रामदेवी के मणिभवन पर उमड़ते रहते थे।
3. दोनों साप्ताहिक अहमदाबाद से निकलते थे।
4. देश-विदेश के समाचार-पत्र गांधीजी की गतिविधियों पर टीका-टिप्पणी करते थे।
5. गांधीजी के पत्र हमेशा महादेव की लिखावट में जाते थे।
Answer:
1. महादेव भाई अपना परिचय 'पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर' के रूप में दिया करते थे।
2. पीड़ितों के दल-के-दल ग्रामदेवी के मणिभवन पर उमड़ा करते थे।
3. दोनों साप्ताहिक अहमदाबाद से निकला करते थे।
4. देश-विदेश के समाचार-पत्र गांधीजी की गतिविधियों पर टीका-टिप्पणी किया करते थे।
5. गांधीजी के पत्र हमेशा महादेव की लिखावट में जाया करते थे।
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