Apne Bachpan ki manmohak ghatna yaad krke vistaar me likho
मित्र!
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है-
मैं बचपन में बहुत शैतान था। घर में सबको परेशान करता था। एक दिन मैंने सबको परेशान करने के लिए एक उपाय सोचा। मैं छिप गया। घर में अफरा-तफरी मच गई। घर में सभी रोने लगे। माँ तो बेहोश हो गई। यह सब सुनकर मैं बहुत परेशान और दुखी हुआ। उसी समय मैं अलमारी से निकल आया। सबकी जान में जान आई। मैंने अपनी गलती के लिए माफी माँगी और फिर कभी ऐसा न करने की शपथ ली।
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है-
मैं बचपन में बहुत शैतान था। घर में सबको परेशान करता था। एक दिन मैंने सबको परेशान करने के लिए एक उपाय सोचा। मैं छिप गया। घर में अफरा-तफरी मच गई। घर में सभी रोने लगे। माँ तो बेहोश हो गई। यह सब सुनकर मैं बहुत परेशान और दुखी हुआ। उसी समय मैं अलमारी से निकल आया। सबकी जान में जान आई। मैंने अपनी गलती के लिए माफी माँगी और फिर कभी ऐसा न करने की शपथ ली।