You are using an out dated version of Google Chrome.  Some features may not work correctly. Upgrade to the  Latest version     Dismiss

Select Board & Class

Login

Board Paper of Class 10 2003 Hindi Delhi(SET 2) - Solutions

(i) इस प्रश्न-पत्र के चार खण्ड हैं क, ख, ग और घ।
(ii) चारों खण्डों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
(iii) यथासंभव प्रत्येक खण्ड के उत्तर क्रमश: दीजिए।


  • Question 1

    निम्नलिखित अपठित गद्यांश के आधार पर दिए गए प्रश्नों के संक्षिप्त उत्तर दीजिए –

    मनुष्य अपने भविष्य के बारे में चिंतित है। सभ्यता की अग्रगति के साथ ही चिंताजनक अवस्था उत्पन्न होती जा रही है। इस व्यावसायिक युग में उत्पादन की होड़ लगी हुई है। कुछ देश विकसित कहे जाते हैं, कुछ विकासोन्मुख। विकसित देश विकसित कहे जाते हैं, कुछ विकासोन्मुख। विकसित देश वे हैं जहाँ आधुनिक तकनीक का पूर्ण उपयोग हो रहा है। ऐसे देश नाना प्रकार की सामग्री का उत्पादन करते हैं और उस सामग्री की खपत के लिए बाज़ार ढूँढते रहते हैं। अत्यधिक उत्पादन-क्षमता के कारण ही ये देश विकसित और अमीर हैं। विकासोन्मुख या गरीब देश उनके समान ही उत्पादन करने की आकांक्षा रखते हैं और इसीलिए उन सभी आधुनिक तरीकों की जानकारी प्राप्त करते हैं। उत्पादन-क्षमता बढ़ाने का स्वप्न देखते हैं। इसका परिणाम यह हुआ है कि सारे संसार में उन वायुमंडल-प्रदुषण यंत्रों की भीड़ बढ़ने लगी है जो विकास के लिए परम आवश्यक माने जाते हैं। इन विकास-वाहक उपकरणों ने अनेक प्रकार की समस्याएँ उत्पन्न कर दी हैं। वायुमंडल विषाक्त गैसों से ऐसा भरता जा रहा है कि संसार का सारा पर्यावरण दूषित हो उठा है, जिससे वनस्पतियों तक के अस्तित्व संकटापन्न हो गए हैं। अपने बढ़ते उत्पादन को खपाने के लिए हर शक्तिशाली देश अपना प्रभाव-क्षेत्र बढ़ा रहा है और आपसी प्रतिद्वंद्विता इतनी बढ़ गई है कि सभी तकनीकी के विकास से अणु बमों की अनेक संहारकारी किस्में ईजाद हुई हैं। ये यदि किसी सिर-फिरे राष्ट्रनायक की झक के कारण सचमुच युद्ध क्षेत्र में प्रयुक्त होने लगें तो पृथ्वी जीवशून्य हो जाएगी। कहीं भी थोड़ा-सा प्रमाद हुआ तो मनुष्य का नामलेवा कोई नहीं रह जाएगा। एक ओर जहाँ मनुष्य की बुद्धि ने धरती को मानव शून्य बनाने के भयंकर मारणास्त्र तैयार कर दिए हैं वहीं दूसरी ओर मनुष्य ही इस भावी मानव-विनाश की आशंका से सिहर भी उठा है। उसका एक समझदार समुदाय इस प्रकार की कल्पना मात्र से आतंकित हो गया है कि न जाने किस दिन संसार इस विनाश लीला का शिकार हो जाए। इतिहास साक्षी है कि बहुत-सी जीव-प्रजातियाँ विभिन्न कारणों से हमेशा-हमेशा के लिए विलुप्त हो गईं, बहुत-सी आज भी क्रमश: विलुप्त होने की स्थिति में हैं, पर उनके मन में कभी अपनी प्रगति के नष्ट हो जाने की आशंका हुई थी या नहीं, हमें नहीं मालूम। शायद मनुष्य पहला प्राणी है जिसमें थोड़ा-बहुत भविष्य देखने की शक्ति है। अन्य जीवों में यह शक्ति थी ही नहीं। यह विशेष रूप से ध्यान देने की बात है कि सिर्फ़ मनुष्य ही है जो अपने भविष्य के बारे में चिंतित है।

    यह सभी जानते हैं कि आधुनिक विज्ञान और तकनीकी ने मनुष्य को बहुत-कुछ दिया है। उसी की कृपा से संसार के मनुष्य एक-दूसरे के निकट आए हैं, अनेक पुराने संस्कार जो गलतफ़हमी पैदा करते थे, झड़ते जा रहे हैं। मनुष्य को नीरोग, दीर्घजीवी और सुसंस्कृत बनाने के अनगिनत साधन बढ़े हैं, फिर भी मनुष्य चिंतित है। जो अंधाधुंध प्रकृति के मूल्यवान भंडारों की लूट मचाकर आराम और संपन्नता प्राप्त कर रहे हैं, वे बहुत परेशान नहीं है। वे यथास्थिति भी बनाए रखना चाहते हैं और यदि संभव हो तो अपनी व्यक्तिगत, परिवारगत और जातिगत संपन्नता अधिक-से-अधिक बढ़ा लेने के लिए परिश्रम भी कर रहे हैं। ऐसे सुखी लोग 'मनुष्य का भविष्य' जैसी बातों के कारण परेशान नहीं हैं। पर जो लोग अधिक संवेदनशील हैं और मनुष्य-जाति को महानाश की ओर बढ़ते देखकर विचलित हो उठते हैं, वे ही परेशान हैं। उनकी संख्या कम है। उनमें विवेक की मात्रा अधिक है और साधारण सुखी लोगों की तुलना में उनके भीतर दर्द है, व्याकुलता है और चिंता है। कबीर ने इन दो श्रेणियों के लोगों को समझा था। वे कह गए हैं :

    सुखिया सब संसार है खाए और सोए।

    दुखिया दास कबीर है जागे और रोए।।

    यह 'जागना' सारी चिंता का मूल है। जागना अर्थात् विवेक के साथ सोचना। निस्संदेह, मनुष्य ने अपने-आपके लिए 'महती विनष्टि' के साधन ढूँढ लिए हैं और यह बड़ी तेज़ी से महानाश की ओर दौड़ पड़ा है। यह भयंकर दु:संवाद है। परंतु साथ ही मनुष्य की जिस बुद्धि ने यह सारा साज़-सामान तैयार किया है, वह जाग भी रही है। मनुष्य के हृदय में पीड़ा है, तड़प है, यह आशा की बात है। यदि पीड़ा है तो आशा भी है।

    (i) संसार में वायुमंडल प्रदूषण के यन्त्र क्यों बढ़ते जा रहे हैं? (2)

    (ii) मारण-अस्त्रों का भंडार दिन-प्रतिदिन विशाल क्यों होता जा रहा है? (2)

    (iii) आधुनिक विज्ञान और तकनीक का संसार पर क्या प्रभाव पड़ा है? (2)

    (iv) कैसे लोग मानव-जाति के भविष्य के विषय में परेशान नहीं हैं? (2)

    (v) किस श्रेणी के लोग मानव-जाति के भावी विनाश को लेकर आशंकित हैं? (2)

    (vi) 'विकासोन्मुख' तथा 'प्रतिद्वंदिता' शब्दों का प्रयोग अपने वाक्यों में कीजिए। (2)

    VIEW SOLUTION


  • Question 2

    निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए –
    बूझ जाती है
    दिए की लौ
    अलाव की आग
    फिर भी
    ज़िन्दा रहती है
    कहीं न कहीं
    रिश्तों की आँच
    मद्धिम ही सही।
    सूख जाती है।
    बरसाती नदी
    अलसाया-सा
    चट्टानों से निकला
    पतला-सा सोता जल का
    कहीं न कहीं फिर भी
    रह जाता है पानी
    कुछ पानीदार लोगों की
    चमकती आँखों में।
    लू के थपेड़ों में
    सूख जाते हैं
    हरे-भरे उपवन
    सिर उठाती कलियाँ
    बच जाती है
    फिर भी
    थोड़ी बहुत खुशबू
    कुछ लोगों की साँसों में
    दिल से अँखुआई
    बातों में।
    (i) रिश्तों की आँच किन परिस्थितियों में भी ज़िन्दा रहती है? (2)

    (ii) नदी सूखने पर भी पानी कहाँ रह जाता है? (1)

    (iii) खुशबू कहाँ बची रह जाती है? (1)

    (iv) सिर उठाती कलियों से क्या तात्पर्य है? (2)

    (v) जीवन कहाँ-कहाँ बचा रह जाता है? (2)

    अथवा

    लहलहाते रहेंगे
    आँगन की क्यारियों में
    हिलाकर नन्हे-नन्हे पात
    सुबह शाम करेंगे बात
    प्यारे पौधे।
    पास आने पर
    दिखलाकर पँखुड़ियों की
    नन्हीं-नन्हीं दँतुलियाँ
    मुस्काते हैं
    फूले नहीं समाते हैं
    ये लहलाते पौधे।
    मिट्टी, पानी और उजाला
    इतना ही तो पाते
    फिर भी रोज़ लुटाते
    कितनी खुशियाँ!
    बच्चे ............
    ये भी पौधे हैं
    इन्हें भी चाहिए –
    प्यार का पानी
    मधुर-मधुर स्पर्श की मिट्टी
    और दिल की
    खुली खिड़कियों से
    छन-छनकर आता उजाला
    (i) सुबह-शाम पौधे किस प्रकार बात करते हैं? (2)
    (ii) पौधे किस प्रकार मुस्काते हैं? (1)
    (iii) खुशियाँ लूटाने के लिए पौधों को कौन-सी शक्ति मिलती है? (2)
    (iv) बच्चों को कैसा पानी चाहिए? (1)
    (v) बच्चों के लिए कैसी मिट्टी और उजाला चाहिए? (2)

    VIEW SOLUTION


  • Question 3

    निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 300 शब्दों में निबन्ध लिखिए –

    (क) आपने अपने जीवन में अनेक अध्यापकों से शिक्षा ग्रहण की होगी। आप किसे अपना आदर्श अध्यापक मानते हैं? आपको अपने आदर्श अध्यापक के कौन से गुण प्रभावित करते हैं?

    (ख) वर्तमान युग में दूरदर्शन के महत्व को चुनौती नहीं दी जा सकती। यह मनोरंजन का सर्वाधिक महत्वपूर्ण साधन है। युवा पीढ़ी पर दूरदर्शन का कैसा प्रभाव पड़ रहा है? इससे युवा वर्ग का चरित्र किस प्रकार प्रभावित हो रहा है? इस विषय पर अपने विचार प्रकट कीजिए।

    (ग) मानव धर्म का सम्बन्ध अत्यन्त गहन है। धर्म से क्या आश्य है? धर्म और राजनीति के मिश्रण का समाज पर क्या दुष्प्रभाव पड़ता है? धर्म और विज्ञान का पारस्परिक सम्बन्ध क्या है? इन सब तथ्यों को स्पष्ट करते हुए मानव और धर्म विषय पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।

    VIEW SOLUTION


  • Question 4

    आपके विद्यालय में होने वाले वार्षिक उत्सव में आपको पुरस्कृत किया जाएगा। आप चाहते हैं कि आपकी माताजी भी इसे देखें। माताजी को बुलाने के लिए पत्र लिखिए।
     

    अथवा
     

    आपके मोहल्ले में आए दिन चोरियाँ हो रही हैं। उनकी रोकथाम के लिए थानाध्यक्ष को गश्त बढ़ाने हेतु पत्र लिखिए। 

    VIEW SOLUTION


  • Question 5

    निम्नलिखित वाक्यों में प्रयुक्त क्रियाओं के भेद लिखिए – 

    (i) शेखर कार में चलता है।

    (ii) माली ने मुझे आम खिलाए।

    (iii) पुलिस ने चोर पकड़वाया।

    VIEW SOLUTION


  • Question 6

    उचित 'अवयव' से रिक्त स्थान भरिए –

    (i) वह ................ चल रहा था।

    (ii) वह मोहन ............. भाई है।

    (iii) मोहन देर .............. प्रतीक्षा करता रहा।

    VIEW SOLUTION


  • Question 7

    निम्नलिखित वाक्यों को सरल, मिश्र और संयुक्त वाक्यों में बदल कर लिखिए –

    गली मे शोर हुआ। सब लोग बाहर आ गए।

    VIEW SOLUTION


  • Question 8

    निर्देशानुसार वाच्य परिवर्तन कीजिए – 

    (i) मुझसे पत्र नहीं लिखा गया। (कर्तृवाच्य में)

    (ii) महात्मा गाँधी ने राष्ट्र को शांति और अहिंसा का संदेश दिया। (कर्मवाच्य में)

    (iii) हम इतने दु:ख नहीं सह सकते। (भाववाच्य में)

    VIEW SOLUTION


  • Question 9

    (i) निम्नलिखित शब्दों का समास विग्रह करके समास का नाम भी लिखिए – (2)

    भरपेट, चतुर्भुज

    (ii) निम्नलिखित शब्दों के दो-दो अर्थ लिखिए – (1)

    काल, पत्र

    VIEW SOLUTION


  • Question 10

    निम्नलिखित में से एक काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए – 
    (क) माँ ने कहा पानी में झाँककर
    अपने चेहरे पर मत रीझना
    आग रोटियाँ सेंकने के लिए है
    जलने के लिए नहीं
    वस्त्र और आभूषण शाब्दिक भ्रमों की तरह
    बंधन हैं स्त्री जीवन के
    माँ ने कहा लड़की होना
    पर लड़की जैसी दिखाई मत देना।

    (i) माँ ने बेटी से अपने चेहरे पर रीझने से मना क्यों किया? (2)

    (ii) माँ ने बेटी से वस्त्र और आभूषणों के सम्बन्ध में क्या कहा? (2)

    (iii) 'लड़की होना पर लड़की जैसी दिखाई मत देना' का आशय स्पष्ट कीजिए। (2)

    अथवा

    (ख) मधुप गुन-गुना कर कह जाता
    कौन कहानी यह अपनी,
    मुरझाकर गिर रहीं पत्तियाँ देखो कितनी आज घनी।
    इस गंभीर अनंत-नीलिमा में असंख्य जीवन-इतिहास
    यह लो, करते ही रहते हैं
    अपना व्यंग्य-मलिन उपहास
    तब भी कहते हो – कह डालूँ दुर्बलता अपनी बीती।
    तुम सुनकर सुख पाओगे, देखोगे – यह गागर रीती।
    किंतु कहीं ऐसा न हो कि तुम ही खाली करने वाले –
    अपने को समझो, मेरा रस ले अपनी भरने वाले।

    (i) मधुप गुनगुना कर कौन-सी कहानी कहता है? (2)

    (ii) कवि की दुर्बलता के विषय में जानकर सुनने वाले को क्या प्राप्त होगा? (2)

    (iii) मुरझाकर गिरती पत्तियाँ क्या सन्देश देती हैं? (2)

    VIEW SOLUTION


  • Question 11

    निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन का उत्तर दीजिए –  (3 + 3 + 3)

    (i) परशुराम ने अपने बल और पराक्रम का वर्णन करते हुए क्या कहा?

    (ii) कवि देव ने चाँदनी रात का वर्णन किस प्रकार किया?

    (iii) 'आत्मकथ्य' कविता में स्मृति को पाथेय बनाने से कवि का क्या आशय है?

    (iv) 'उत्साह' कविता में बादल किन-किन अर्थों की ओर संकेत करता है?

    VIEW SOLUTION


  • Question 12

    निम्नलिखित काव्यांशों में से किसी एक को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए –
    (क) कहेउ लखन मुनि सीलु तुम्हारा।
    को नहि जान बिदित संसारा।।
    माता पितहि उरिन भये नीकें।
    गुररिनु रहा सोचु बड़ जी कें।।
    सो जनु हमरेहि माथें काढ़ा।
    दिन चलि गये ब्याज बड़ बाढ़ा।।
    अब आनिअ ब्यवहरिआ बोली।
    तुरत देउँ मैं थैली खोली।।
    सुनि कटु बचन कुठार सुधारा।
    हाय हाय सब सभा पुकारा।।
    भृगुबर परस देखाबहु मोही।
    बिप्र बिचारि बचौं नृपद्रोही।।
    मिले न कबहूँ सुभट रन गाढ़े।
    द्विजदेवता घरहि के बाढ़े।।
    अनुचित कहि सबु लोगु पुकारे।
    रघुपति सयनहि लखनु नेवारे।।
    लखन उतर आहुति सरिस भृगुबरकोपु कृसानु।
    बढ़त देखि जल सम बचन बोले रघुकुलाभानु।।

    (i) यह पंक्तियाँ किस भाषा में लिखी गई हैं? (1)

    (ii) अन्तिम दो पंक्तियों में कौन-से छन्द का प्रयोग किया गया है? (1)

    (iii) 'बिप्र बिचारि बचौं नृपद्रोही' में किस अलंकार का प्रयोग किया गया है? (1)

    (iv) सभा में उपस्थित लोग हाय हाय क्यों करने लगे? (1)

    (v) इन पंक्तियों में से कोई दो तद्भव शब्द छाँटकर लिखिए। (1)

    अथवा

    (ख) इस अतिथि से प्रिय तुम्हारा क्या रहा संपर्क
    उँगलियाँ माँ की कराती रही हैं मधुपर्क
    देखते तुम इधर कनखी मार
    और होतीं जब कि आँखें चार
    तब तुम्हारी दंतुरित मुसकान
    मुझे लगती बड़ी ही छविमान!

    (i) कवि ने स्वयं को 'अतिथि' क्यों कहा है? (1)

    (ii) चौथी पंक्ति में किस मुहावरे का प्रयोग किया गया है? (1)

    (iii) यह पंक्तियां हिन्दी साहित्य के किस युग से सम्बन्धित हैं? (1)

    (iv) इन पंक्तियों में किस छन्द का प्रयोग किया गया है? (1)

    (v) इन पंक्तियों में से कोई दो तत्सम शब्द छाँटकर लिखिए। (1)

    VIEW SOLUTION


  • Question 13

    निम्नलिखित गद्यांशों में से किसी एक के नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए –

    (क) पंद्रह दिन बाद फिर कस्बे से गुज़रे। कस्बे में घुसने से पहले ही खयाल आया कि कस्बे की हृदयस्थली में सुभाष की प्रतिमा अवश्य ही प्रतिष्ठापित होगी, लेकिन सुभाष की आँखों पर चश्मा नहीं होगा।.....क्योंकि मास्टर बनाना भूल गया।.... और कैप्टन मर गया। सोचा, आज वहाँ रूकेंगे नहीं, पान भी नहीं खाएँगे, मूर्ति की तरफ़ देखेंगे भी नहीं, सीधे निकल जाएँगे। ड्राइवर से कह दिया, चौराहे पर रूकना नहीं, आज बहुत काम है, पान आगे कहीं खा लेंगे।

    लेकिन आदत से मजबूर आँखें चौराहा आते ही मूर्ति की तरफ़ उठ गईं। कुछ ऐसा देखा कि चीखे, रोको! जीप स्पीड में थी, ड्राइवर ने ज़ोर से ब्रेक मारे। रास्ता चलते लोग देखने लगे। जीप रूकते-न-रूकते हालदार साहब जीप से कूदकर तेज़-तेज़ कदमों से मूर्ति की तरफ़ लपके और उसके ठीक सामने जाकर अटेंशन में खड़े हो गए।

    मूर्ति की आँखों पर सरकंडे से बना छोटा-सा चश्मा रखा हुआ था, जैसा बच्चे बना लेते हैं। हालदार साहब भावुक हैं। इतनी-सी बात पर उनकी आँखें भर आईं।

    (i) कस्बे में घुसते ही हालदार के मन में कौन-सा विचार उभरा? (2)

    (ii) हालदार ने ड्राइवर से क्या कहा? (2)

    (iii) हालदार की आँखें क्यों भर आईं? (2)

    अथवा

    (ख) नवाब साहब ने बहुत करीने से खीरे की फाँकों पर जीरा-मिला नमक और लाल मिर्च की सुर्खी बुरक दी। उनकी प्रत्येक भाव-भंगिमा और जबड़ों के स्फुरण से स्पष्ट था कि उस प्रक्रिया में उनका मुख खीरे के रसास्वादन की कल्पना से प्लावित हो रहा था।

    हम कनखियों से देखकर सोच रहे थे, मियाँ रईस बनते हैं, लेकिन लोगों की नज़रों से बच सकने के खयाल में अपनी असलियत पर उतर आए हैं।

    नवाब साहब ने फिर एक बार हमारी ओर देख लिया, 'वल्लाह, शौक कीजिए, लखनऊ का बालम खीरा है।'

    नमक-मिर्च छिड़क दिए जाने से ताज़े खीरे की पनियाती फाँकें देखकर पानी मुँह में ज़रूर आ रहा था, लेकिन इंकार कर चुके थे। आत्म-सम्मान निबाहना ही उचित समझा, उत्तर दिया, 'शुक्रिया, इस वक्त तलब महसूस नहीं हो रही, मेदा भी ज़रा कमज़ोर है, किबला शौक फरमाएँ।'

    (i) नवाब साहब की भाव-भंगिमा से क्या ज्ञात हो रहा था? (2)

    (ii) नवाब साहब को खीरे पर नमक मिर्च लगाते देखकर लेखक क्या सोच रहा था? (2)

    (iii) लेखक ने नवाब साहब से क्या कहा? (2)

    VIEW SOLUTION


  • Question 14

    निम्नलिखित में से किन्ही तीन प्रश्नों के उत्तर दीजिए – (3 + 3 + 3)

    (i) लेखक को नवाब साहब के किन हावभावों से महसूस हुआ कि वे उससे बातचीत करने के लिए तनिक भी उत्सुक नहीं हैं?

    (ii) भगत की पुत्रवधु उन्हें अकेले क्यों नहीं छोड़ना चाहती थी?

    (iii) 'एक कहानी यह भी' रचना के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि किन कारणों से लेखिका के मन में हीन भावना पैदा हो गई थी?

    (iv) सुषिर वाद्यों से क्या अभिप्राय है? शहनाई को सुषिर वाद्यों में शाह की उपाधि क्यों दी गई होगी।

    VIEW SOLUTION


  • Question 15

    (i) कस्बे, शहरों, महानगरों के चौराहों पर किसी न किसी क्षेत्र के प्रसिद्ध व्यक्ति की मूर्ति लगाने का प्रचलन सा हो गया है। इस तरह की मूर्ति लगाने का मुख्य उद्येश्य क्या होता है? (3)

    (ii) किन महत्त्वपूर्ण आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सुई धागे का आविष्कार हुआ होगा? (2)

    VIEW SOLUTION


  • Question 16

    'साना साना हाथ जोड़ि'......... रचना में लेखिका ने हिमालय के जिन जिन रूपों का चित्र खींचा है, उन्हें अपने शब्दों में लिखिए। 

    अथवा

    रानी एलिजाबेथ के दरज़ी की परेशानी का क्या कराण था? उसकी परेशानी को आप किस प्रकार तर्क संगत ठहराएँगे?

    VIEW SOLUTION


  • Question 17

    निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर दीजिए – (2 + 2 + 2)

    (i) लोंग स्टॉक में घूमते हुए चक्र को देखकर लेखिका को पूरे भारत की आत्मा एक-सी क्यों दिखाई दी?

    (ii) 'एही ठैयाँ झुलनी हेरानी हो रामा' में संपादक ने क्यों कहा कि "सत्य है, परन्तु छप नहीं सकता।"

    (iii) 'माता का अँचल' पाठ के आधार पर कहा जा सकता है कि बच्चे का अपने पिता से अधिक जुड़ाव था, फिर भी विपदा के समय वह पिता के पास न जाकर माँ की शरण लेता है। आपकी समझ में इसकी क्या वजह हो सकती है?

    (iv) सिक्किम के लोग पहाड़ों पर गन्दगी फैलाना अनुचित क्यों समझते हैं?

    VIEW SOLUTION
What are you looking for?

Syllabus