Board Paper of Class 10 2007 Hindi Delhi(SET 3) - Solutions
(ii) चारों खण्डों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
(iii) यथासंभव प्रत्येक खण्ड के उत्तर क्रमश: दीजिए।
- Question 1
निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
आप सोचते होंगे कि जब थुंबा केन्द्र मौजूद था तो भारत को दूसरे स्थान पर अंतरिक्ष अड्डा बनाने की आवश्यकता ही क्या थी? उपग्रहों को कक्षा में छोड़ने वाले रॉकेटों को थुंबा से प्रक्षेपित करने में अनेक कठिनाइयाँ थीं। एक तो थुंबा के इलाके में घनी आबादी है, दूसरे, यह स्थान पश्चिमी समुद्रतट पर है। रॉकेट को यदि पूर्व की ओर कोणीय वेग से छोड़ा जाए तो उसे पृथ्वी की गति का अतिरिक्त वेग भी मिल जाता है। इसलिए भारत के पूर्वी तट पर एक ऐसे क्षेत्र की तलाश शुरू हुई जो आबादी वाले क्षेत्रों से अलग-थलग हो, क्षेत्रफल के लिहाज़ से बड़ा हो, जहाँ बड़े रॉकेट छोड़ने के लिए आवश्यकता से अधिक सुरक्षित क्षेत्र विद्यमान हो और प्राकृतिक रमणीयता भी हो।1968 ई० में प्रो० यू० आर. राव और प्रो० चिटनिस ने भारत के पूर्वी तट पर ऐसे एक स्थान की खोज कर ली और डा० विक्रम साराभाई को इसकी जानकारी दी। यह स्थान था श्रीहरिकोटा द्वीप। यह द्वीप आंध्र प्रदेश के सुल्लुरपेट नगर से कच्ची सड़क द्वारा जुड़ा हुआ है। इसका आकार चपटे वृत्त-जैसा है। इसका समुद्रतट लगभग 27 कि०मी० लंबा है तथा क्षेत्रफल 150 वर्ग किलोमीटर है।
यह जानकारी मिलने पर डा० साराभाई ने विमान से श्रीहरिकोटा द्वीप का निरीक्षण किया। यहाँ के यूक्लिप्टिस तथा केजुरिना के ऊँचे-ऊँचे वृक्षों और द्वीप के किनारों पर किल्लोलें करती सागर की अनवरत लहरों ने डा० साराभाई का मन मोह लिया। उन्हें यह द्वीप बेहद पसंद आया और उन्होंने यहाँ भारत की अंतरिक्ष में आरोहण की आकांक्षाओं का एक महल बनाने का दृढ़ संकल्प किया।
यहीं से शुरू होती है श्रीहरिकोटा द्वीप के काया-पलट की कहानी। यह द्वीप जनशून्य नहीं था। यहाँ कृषिकर्म से अनभिज्ञ आदिवासी रह रहे थे। भारतीय अंतरिक्ष विभाग ने करीब एक करोड़ रूपयों का भुगतान करके इस द्वीप की ज़मीन खरीदी। आदिवासियों के प्रत्येक परिवार को सुल्लुरपेट के पास के एक क्षेत्र में बसाने की व्यवस्था की गई। पहले सुल्लुरपेट से इस द्वीप तक बड़ी मुश्किल से ही पहुँचा जा सकता था। इसलिए सबसे पहले सड़कें और पुल बनाए गए। फिर एक-एक करके रॉकेट प्रक्षेपण, ट्रैकिंग, नियंत्रण, प्रोपेलेंट उत्पादन, रॉकेट-प्रणालियों का अग्निपरीक्षण आदि अनेक सुविधाओं की यहाँ स्थापना हुई। इस प्रकार आदिवासियों का यह द्वीप भारत का राष्ट्रीय अंतरिक्ष अड्डा बन गया।
श्रीहरिकोटा द्वीप के बारे में कोई ठोस ऐतिहासिक जानकारी नहीं मिलती। एक किंवदंती यह है कि यहाँ कभी पचास लाख शिवलिंगों का बसेरा था। पता चलता है कि उत्तर भारत से दक्षिण भारत की ओर तीर्थयात्रा के लिए जाने वाले लोग यहाँ रूका करते थे। जो भी हो, श्रीहरिकोट नाम से यह सूचित होता है कि प्राचीन काल में यह द्वीप एक धार्मिक केन्द्र रहा होगा। कुछ लोग श्रीहरिकोटा को श्रीहरिकोट भी लिखते हैं।
श्रीहरिकोटा द्वीप आंध्र प्रदेश के नेल्लोर ज़िले में है। यह मद्रास शहर से करीब 90 किलोमीटर उत्तर में है। ठीक-ठीक कहें तो श्रीहरिकोटा द्वीप की भौगोलिक स्थिति है –उत्तरी अक्षांश 13०और पूर्वी देशांतर 80०। इस द्वीप की कुल चालीस हज़ार एकड़ ज़मीन में से लगभग 27 हज़ार एकड़ ज़मीन जंगलों से भरी है।
अब श्रीहरिकोटा का सारा नक्शा ही बदल गया है। यहाँ बड़े रॉकेटों को अंतरिक्ष में छोड़ने के लिए प्राय: सभी आवश्यक सुविधाएँ जुटाई गईं हैं। इन रॉकेटों का विकास त्रिवेन्द्रम के अतंरिक्ष केन्द्र में होता है। दिसंबर 1971 ई० में डा० साराभाई की मृत्यु के पश्चात् त्रिवेन्द्रम के इस केन्द्र को 'विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केन्द्र' नाम दिया गया। भारतीय रॉकेटों का निर्माण तो होता है त्रिवेन्द्रम में, परन्तु उन्हें जोड़ने, उनमें प्राणोदक यानी ईंधन भरने, उनकी मोटरों का परीक्षण करने और अंत में उन्हें प्रक्षेपित करने का महत्त्वपूर्ण कार्य श्रीहरिकोटा में होता है।
(i) थुंबा केन्द्र से रॉकेटों को प्रक्षेपित करने में क्या कठिनाइयाँ थीं? (2)
(ii) श्री हरिकोटा द्वीप की भौगोलिक स्थिति का वर्णन कीजिए। (2)
(iii) आदिवासियों का द्वीप भारत का राष्ट्रीय अंतरिक्ष अड्डा कैसे बन गया? (2)
(iv) श्रीहरिकोटा के विषय में कौन-सी किंदवंती प्रचलित है? (2)
(v) उपरोक्त गद्यांश का शीर्षक दीजिए। (2)
(vi) उपरोक्त गद्यांश से दो विशेषण छाँट कर लिखिए। (2)
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- Question 2
निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए –
गिरिराज हिमालय से भारत का कुछ ऐसा ही नाता है
इतनी ऊँची इसकी चोटी कि सकल धरती का ताज यही
पर्वत-पहाड़ से भरी धरा पर केवल पर्वतराज यही
अंबर में सिर, पाताल चरन
मन इसका गंगा बचपन
तन वरन-वरन मुख निरावरन
इसकी छाया में जो भी है, वह मस्तक नहीं झुकाता है।
गिरिराज हिमालय से भारत का कुछ ऐसा ही नाता है।।
हर संध्या को इसकी छाया सागर-सी लंबी होती है
हर सुबह वही फिर गंगा की चादर-सी लंबी होती है
इसकी छाया में रंग गहरा
है देश हरा, परदेश हरा
हर मौसम है, संदेश-भरा
इसका पद-तल छूनेवाला वेदों की गाथा गाता है।
गिरिराज हिमालय से भारत का कुछ ऐसा ही नाता है।।
जैसा यह अटल, अडिग-अविचल, वैसे ही हैं भारतवासी
है अमर हिमालय धरती पर, तो भारतवासी अविनाशी
कोई क्या हमको ललकारे
हम कभी न हिंसा से हारे
दु:ख देकर हमको क्या मारे
गंगा का जल जो भी पी ले, वह दु:ख में भी मुसकाता है।
गिरिराज हिमालय से भारत का कुछ ऐसा ही नाता है।।
टकराते हैं इससे बादल, तो खुद पानी हो जाते हैं।
तूफान चले आते हैं, तो ठोकर खाकर सो जाते हैं।।
जब-जब जनता को विपदा दी
तब-तब निकले लाखों गाँधी
तलवारों-सी टूटी आँधी
इसकी छाया में तूफान, चिरागों से शरमाता है।
गिरिराज हिमालय से भारत का कुछ ऐसा ही नाता है।।(i) हिमालय को धरती का ताज क्यों कहा गया है? (2)
(ii) 'इसका पदत्तल छूने वाला वेदों की गाथा गाता है' – इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए। (1)
(iii) कवि ने गंगाजल की क्या विशेषता बताई है? (2)
(iv) 'जो हमसे टकराता है, चूर चूर हो जाता है' – इस भाव से मिलती जुलती पंक्तियाँ छाँटिए। (1)
(v) 'जब जब जनता...................टूटी आँधी' पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए। (2)
अथवा
चमक रहा उत्तुंग हिमालय, यह नगराज हमारा ही है।
जोड़ नहीं धरती पर जिसका, वह नगराज हमारा ही है।
नदी हमारी ही है गंगा, प्लावित करती मधुरस-धारा,
बहती है क्या कहीं और भी ऐसी पावन कल-कल धारा?
सम्मानित जो सकल विश्व में, महिमा जिनकी बहुत रही है,
अमर ग्रंथ वे सभी हमारे, उपनिषदों का देश यही है
गाएँगे यश हम सब इसका, यह है स्वर्णिम देश हमारा।
आगे कौन जगत में हमसे, यह है भारत देश हमारा।
यह है देश हमारा भारत, महारथीगण हुए जहाँ पर,
यह है देश मही का स्वर्णिम, ऋषियों ने तप किए जहाँ पर,
यह है देश जहाँ नारद के, गूँजे मधुमय गान कभी थे,
यह है देश जहाँ बनते, सर्वोत्तम सामान सभी थे।
यह है देश हमारा भारत, पूर्ण-ज्ञान का शुभ्र निकेतन।
यह है देश जहाँ पर बरसी, बुद्धदेव की करूणा चेतन।
है महान, अति भव्य पुरातन, गूँजेगा यह गान हमारा।
है क्या हम-सा कोई जग में, यह है भारत देश हमारा।(i) कवि ने हिमालय को संसार में बेजोड़ क्यों बताया है? (1)
(ii) 'बहती है क्या कहीं और भी ऐसी पावन कल-कल धारा' – पंक्ति में गंगा की किस विशेषता का वर्णन हुआ है? (2)
(iii) कवि ने भारत को किन-किन कारणों से महान बताया है? (2)
(iv) इस कविता में किन महापुरूषों की महिमा का गुणगान हुआ है? (1)
(v) भारत को धरती का स्वर्णिम देश क्यों कहा गया है? (2)
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- Question 3
'नवभारत टाइम्स' नई दिल्ली के संपादक को दीक्षा की ओर से एक पत्र लिखिए, जिसमें सड़क-परिवहन के नियमों की उपेक्षा करने वालों के प्रति पुलिस के ढीले-ढाले रवैये पर चिंता व्यक्त की गई हो।
अथवा
दैनिक समाचार-पत्र के संपादक के नाम एक पत्र लिखिए जिसमें सूखे से जूझते लोगों की कठिनाइयों का वर्णन हो।
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- Question 4
दिए गए संकेत बिन्दुओं के आधार पर निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 100 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए –
(क) अवसर को मत खोइए (सुअवसर की पहचान, अवसर का सर्वोत्तम उपयोग, अवसर लौट कर नहीं आता)
(ख) भोर का सौंदर्य (भोर का सौंदर्य सबसे निराला, भोर के विविध दृश्य, भोर के समय प्रकृति का रुप)
(ग) परोपकार (परोपकार सबसे श्रेष्ठ धर्म, परोपकार का सुख, परोपकार मनुष्यता की पहचान)
(घ) दहेज : एक कुप्रथा (दहेज एक निंदनीय प्रथा, दहेज के दुष्परिणाम, दहेज लेना और देना अपराध)
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- Question 5
नीचे दिए गए वाक्यों में रेखांकित पदबन्ध का प्रकार बताइए –
(i) कई मकान सजाए गए थे।
(ii) वामीरो तताँरा को एक अद्भुत साहसी नवयुवक समझती थी।
(iii) उसकी व्याकुल आँखें प्रियतमा की प्रतीक्षा करती रहतीं।
(iv) घुँघराले बालों वाली वह लड़की वास्तव में पागल है।
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- Question 6
निर्देशानुसार उत्तर लिखिए –
(i) मोना ने कहा कि वह किटी-पार्टी में नहीं जाएगी। (वाक्य-प्रकार लिखिए)
(ii) हवा चल रही है और पेड़ों पर पक्षी चहचहा रहे हैं। (वाक्य-प्रकार लिखिए)
(iii) राधा तेज़ कदमों से चलती हुई विनय के सामने ठिठक गई। (संयुक्त वाक्य में बदलिए)
(iv) चाय पीने की यह एक विधि है। जापानी में इसे चा-नो-यू कहते हैं। (मिश्र वाक्य में बदलिए)
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- Question 7
निर्देशानुसार उत्तर लिखिए –
(i) अति + उक्ति (संधि कीजिए)
(ii) दर्शनाभिलाषी (संधि विच्छेद कीजिए)
(iii) बैलगाड़ी (विग्रह कर समास का नाम लिखिए)
(iv) बालक प्रतिदिन उद्यान में जाता है। (रेखांकित पद के समास का प्रकार बताइए)
(v) अविकारी (उपसर्ग बताइए)
(vi) 'सु' (उपसर्ग से एक शब्द बनाइए)
(vii) कारी (प्रत्यय से एक शब्द बताइए)
(viii) गाड़ीवान (प्रत्यय बताइए)
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- Question 8
(क) दिए गए मुहावरों अथवा लोकोक्तियों में से किन्हीं दो को इस प्रकार वाक्यों में प्रयोग कीजिए कि अर्थ स्पष्ट हो जाए – (1 + 1)
(i) आँखें बिछाना
(ii) थाली का बैंगन होना
(iii) अँगूठा दिखाना
(iv) हाथ कंगन को आरसी क्या
(ख) रिक्त स्थानों की पूर्ति उपयुक्त मुहावरे/लोकोक्ति द्वारा कीजिए – (1 + 1)
(i) उसने यदि मुझे धोखा दिया तो मैं उसे ............. दिला दूँगा।
(ii) अब्दुल कलाम बचपन से ही मेधावी थे। उन्हें देखकर कहा जा सकता था ................
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- Question 9
(i) निम्नलिखित में से किन्हीं दो के दो-दो पर्यायवाची लिखिए – (2)
मनुष्य, क्रोध, भाई, शिव
(ii) निम्नलिखित में से किन्हीं दो के विलोम शब्द लिखिए – (1)
सुखद, उपस्थिति, सभ्य, राजा
(iii) निम्नलिखित में से किसी एक शब्द से दो अलग-अलग अर्थ देने वाले वाक्य बनाइए – (1)
उत्तर, अंक
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- Question 10
निम्नलिखित काव्यांशों में से किसी एक को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
(क) जब मैं था तब हरि नहीं, अब हरि हैं मैं नाँहि।
सब अँधियारा मिटि गया, जब दीपक देख्या माँहि।।(i) कवि और कविता का नाम लिखिए। (1)
(ii) 'अँधियारा' तथा 'दीपक' शब्द का वास्तविक अर्थ स्पष्ट कीजिए। (1)
(iii) इस दोहे का भाव स्पष्ट कीजिए। (2)
(iv) 'जब मैं था तब हरि नहीं' का आशय स्पष्ट कीजिए। (2)
अथवा
(ख) रहो न भूल के कभी मदांध तुच्छ वित्त में,
सनाथ जान आपको करो न गर्व चित्त में।
अनाथ कौन है यहाँ? त्रिलोकनाथ साथ हैं,
दयालु दीनबंधु के बड़े विशाल हाथ हैं।
अतीव भाग्यहीन है अधीर भाव जो करे,
वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे।।(i) कवि और कविता का नाम लिखिए। (1)
(ii) संसार में कोई भी व्यक्ति अनाथ क्यों नहीं कहा जा सकता? (1)
(iii) व्यक्ति को धन का अभिमान क्यों नहीं करना चाहिए? (2)
(iv) कवि ने किस मनुष्य को सच्चे अर्थों में मनुष्य कहा है? (2)
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- Question 11
निम्नलिखित में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लिखिए – (3 + 3 + 3)
(i) पावस ऋतु में प्रकृति में कौन-कौन से परिवर्तन आते हैं? कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
(ii) 'आत्मत्राण' कविता में कवि सहायक के न मिलने पर क्या प्रार्थना करता है?
(iii) कवि ने कैसी मृत्यु को सुमृत्यु कहा है?
(iv) 'कर चले हम फिदा' कविता में कवि ने किस काफिले को आगे बढ़ाते रहने की बात कही है?
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- Question 12
(i) 'मनुष्य मात्र बंधु है' से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए। (3)
(ii) 'सर हिमालय का हमने न झुकने दिया' इस पंक्ति में हिमालय किस बात का प्रतीक है? (2)
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- Question 13
निम्नलिखित गद्यांशों में से किसी एक के नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए –
(क) "तुम सही कहते हो। जनरल साहब के सभी कुत्ते महँगे और अच्छी नस्ल के हैं, और यह– ज़रा इस पर नज़र तो दौड़ाओ। कितना भद्दा और मरियल-सा पिल्ला है। कोई सभ्य आदमी ऐसा कुत्ता काहे को पालेगा? तुम लोगों का दिमाग खराब तो नहीं हो गया है। यदि इस तरह का कुत्ता मॉस्को या पीटर्सबर्ग में दिख जाता, तो मालूम है उसका क्या हश्र होता? तब कानून की परवाह किए बगैर इसकी छुट्टी कर दी जाती। तुझे इसने काट खाया है, तो प्यारे एक बात गाँठ बाँध ले, इसे ऐसे मत छोड़ देना। इसे हर हालत में मज़ा चखवाया जाना ज़रुरी है। ऐसे वक्त में..."
"शायद यह जनरल साहब का ही कुत्ता है।" गंभीरता से सोचते हुए सिपाही ने कहा–"इसे देख लेने भर से तो नहीं कहा जा सकता कि यह उनका नहीं है। कल ही मैंने बिलकुल इसी की तरह का एक कुत्ता उनके आँगन में देखा था।"
"हाँ! यह जनरल साहब का ही तो है," भीड़ में से एक आवाज़ उभर आई।
"हूँ! येल्दीरीन, मेरा कोट पहन लेने से ज़रा मेरी मदद करो। मुझे इस हवा से ठंड लगने लगी है। इस कुत्ते को जनरल साहब के पास ले जाओ और पता लगाओ कि कहीं यह उन्हीं का तो नहीं है? उनसे कहना कि यह मुझे मिला और मैंने इसे वापस उनके पास भेजा है। और उनसे यह भी विनती करना कि वे इसे गली में आने से रोकें। लगता है कि यह काफ़ी महँगा प्राणी है, और यदि हाँ, हर गुंडा-बदमाश इसके नाक में जलती सिगरेट घुसेड़ने लगे, तो यह तबाह ही हो जाएगा। तुम्हें मालूम है कुत्ता नाजुक प्राणी है। और तू अपना हाथ नीचे कर बे! गधा कहीं का। अपनी इस भद्दी उँगली को दिखाना बंद कर। यह सब तेरी अपनी गलती है..."
(i) ओचुमेलॉव को सिपाही से जब पता लगा कि कुत्ता जनरल साहब का नहीं है तो उसने कुत्ते के विषय में क्या कहा? (2)
(ii) जब ओचुमेलॉव को यह ज्ञात हुआ कि कुत्ता जनरल साहब का ही है तो उसने ख्युक्रिन से क्या कहा? (2)
(iii) ओचुमेलॉव के व्यवहार में परिवर्तन का कारण स्पष्ट कीजिए। (2)
अथवा
ख) चंद लोग कहते हैं, गांधीजी 'प्रैक्टिकल आइडियालिस्ट' थे। व्यावहारिकता को पहचानते थे। उसकी कीमत जानते थे। इसीलिए वे अपने विलक्षण आदर्श चला सके। वरना हवा में ही उड़ते रहते। देश उनके पीछे न जाता।
हाँ, पर गांधीजी कभी आदर्शों को व्यावहारिकता के स्तर पर उतरने नहीं देते थे। बल्कि व्यावहारिकता को आदर्शों के स्तर पर चढ़ाते थे। वे सोने में ताँबा नहीं बल्कि ताँबे में सोना मिलाकर उसकी कीमत बढ़ाते थे।
इसलिए सोना ही हमेशा आगे आता रहता था।
व्यवहारवादी लोग हमेशा सजग रहते हैं। लाभ-हानि का हिसाब लगाकर ही कदम उठाते हैं। वे जीवन में सफल होते हैं, अन्यों से आगे भी जाते हैं पर क्या वे ऊपर ले चलें, यही महत्त्व की बात है। यह काम तो हमेशा आदर्शवादी लोगों ने ही किया है। समाज के पास अगर शाश्वत मूल्यों जैसा कुछ है तो वह आदर्शवादी लोगों का ही दिया हुआ है। व्यवहारवादी लोगों ने तो समाज को गिराया ही है।
(i) कुछ लोग गाँधी जी को 'प्रैक्टिकल आइडियालिस्ट' क्यों कहते थे? (2)
(ii) गाँधी जी कभी आदर्शों को व्यावहारिकता के स्तर पर उतरने नहीं देते थे। इस कथन का आशय स्पष्ट कीजिए। (2)
(iii) संसार में किस प्रकार के लोग सफल होते हैं? (2)
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- Question 14
निम्नलिखित में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लिखिए – (3 + 3 + 3)
(i) बड़े भाई की स्वभावगत विशेषताएँ बताइए?
(ii) विद्यार्थी संघ के मंत्री अविनाश बाबू के झंडा गाड़ने पर क्या प्रतिक्रिया हुई?
(iii) फिल्म 'श्री 420' के गीत 'रातें दसों दिशाओं से कहेंगी अपनी कहानियां' पर संगीतकार जय किशन ने आपत्ति क्यों की?
(iv) किसी कील-वील से उँगली छील ली होगी—ऐसा ओचुमेलॉव ने क्यों कहा?
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- Question 15
(i) वामीरो ने तताँरा को बेरुखी से क्या जवाब दिया? (3)
(ii) वज़ीर अली ने कंपनी के वकील का कत्ल क्यों किया? (2)
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- Question 16
निम्नलिखित प्रश्नों में से किसी एक प्रश्न का उत्तर लिखिए –
(i) कथावाचक और हरिहर काका के बीच क्या सम्बन्ध है और इसके क्या कारण हैं?
(ii) हैडमास्टर शर्मा जी ने पीटी साहब को क्यों मुअत्तल कर दिया?
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- Question 17
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लिखिए – (2 + 2 + 2)
(i) नेताजी ने हरिहर काका के समक्ष उनकी ज़मीन के विषय में क्या प्रस्ताव रखा?
(ii) ठाकुरबाड़ी के प्रति गाँव वालों के मन में अपार श्रद्धा के जो भाव हैं उनसे उनकी किस मनोवृत्ति का पता चलता है?
(iii) पीटी सर की चारित्रिक विशेषताएँ स्पष्ट कीजिए।
(iv) डॉ० भृगुनारायण को जब ज्ञात हुआ कि टोपी ने कलेक्टर साहब के लड़के से दोस्ती कर ली है तो उन्होंने क्या किया?
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