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पत्र लेखन - अनौपचारिक पत्र

यात्रा का वर्णन करते हुए पिताजी को पत्र लिखिए।


छात्रावास,

एस.बी.स्कूल,

मेरठ।

दिनांक: ..........

आदरणीय पिता जी,

चरण स्पर्श!

मैं यहाँ कुशलपूर्वक हूँ। आशा है आप भी सकुशल होंगे। हम आज प्रात: ही दिल्ली शहर की यात्रा करके लौटे हैं। उस यात्रा का रोमांच अब तक मेरे मन में बसा हुआ है। दिल्ली शहर की शोभा देखकर मन प्रसन्न हो गया। ये यूहीं भारत का दिल नहीं कहलाती हैं। इस शहर की ऊँची इमारतें, चौड़ी सड़कें देखकर मन मुग्ध हो गया। हमने यहाँ के सभी स्थल, जैसे- कुतुब मीनार, लाल किला, जामा मस्जिद, इंडिया गेट, राष्ट्रपति भवन, राजघाट और कमल मंदिर देखा और उनकी तस्वीरें भी खींची। हमें, हमारी अध्यापिका ने बताया कि यह सात बार उजड़ी और बसाई गई है। भारत के अधिकतर सम्राटों का यह निवास-स्थान रह चूकी है। मैंने और मेरे साथियों ने कनाट प्लेस से कुछ खरीदारी भी की है। हमारी अध्यापिका ने हमें मेट्रो में भी यात्रा करवाई। इसमें यात्रा करने का अपना ही मज़ा था। कभी यह विशाल खंभों पर बने पुलों के ऊपर से गुजरती तो कभी भूमिगत स्थानों से गुजरती थी। मैंने स्नेहा, माँ और आपके लिए उपहार खरीदे हैं। ये उपहार मैं घर आते समय लाऊँगा। माँ को प्रणाम एव बहन को प्यार कहिएगा।

आपका आज्ञाकारी पुत्र,

दिनेश


छात्रावास,

एस.बी.स्कूल,

मेरठ।

दिनांक: ..........

आदरणीय पिता जी,

चरण स्पर्श!

मैं यहाँ कुशलपूर्वक हूँ। आशा है आप भी सकुशल होंगे। हम आज प्रात: ही दिल्ली शहर की यात्रा करके लौटे हैं। उस यात्रा का रोमांच अब तक मेरे मन में बसा हुआ है। दिल्ली शहर की शोभा देखकर मन प्रसन्न हो गया। ये यूहीं भारत का दिल नहीं कहलाती हैं। इस शहर की ऊँची इमारतें, चौड़ी सड़कें देखकर मन मुग्ध हो गया। हमने यहाँ के सभी स्थल, जैसे- कुतुब मीनार, लाल किला, जामा मस्जिद, इंडिया गेट, राष्ट्रपति भवन, राजघाट और कमल मंदिर देखा और उनकी तस्वीरें भी खींची। हमें, हमारी अध्यापिका ने बताया कि यह सात बार उजड़ी और बसाई गई है। भारत के अधिकतर सम्राटों का यह निवास-स्थान रह चूकी है। मैंने और मेरे साथियों ने कनाट प्लेस से कुछ खरीदारी भी की है। हमारी अध्यापिका ने हमें मेट्रो में भी यात्रा करवाई। इसमें यात्रा करने का अपना ही मज़ा था। कभी यह विशाल खंभों पर बने पुलों के ऊपर से गुजरती तो कभी भूमिगत स्थानों से गुजरती थी। मैंने स्नेहा, माँ और आपके लिए उपहार खरीदे हैं। ये उपहार मैं घर आते समय लाऊँगा। माँ को प्रणाम एव बहन को प्यार कहिएगा।

आपका आज्ञाकारी पुत्र,

दिनेश


एफ. . 16 एच,

दिलशाद कलोनी,

दिल्ली-110095

दिनांक: ................

प्रिय भाई अशोक,

आशीर्वाद!

बहुत दिनों से तुम्हारा कोई पत्र नहीं आया है। अत: तुम्हें पत्र लिख रहा हूँ। आशा है तुम वहाँ सकुशल होगें। घर में भी सब कुशलपूर्वक हैं। माता-पिताजी तुम्हारी पढ़ाई एवं स्वास्थ्य के लिये काफी चिन्तित हैं। मालविका की परीक्षा अभी समाप्त हुई है। वह तुम्हें बहुत याद करती है। मैंने तैराकी सीखने के लिए दाखिला ले लिया है। पिताजी और माताजी का स्वास्थ्य बिलकुल ठीक है।

अपने विषय में बताओ तुम कैसे हो? तुम्हारे विद्यालय में सब कैसा चल रहा है? छात्रावास में तुम्हारे मित्र बने हैं या नहीं? परीक्षा के लिए अभी कुछ समय शेष रह गया होगा। आशा करता हूँ कि तुम अपनी परीक्षा की तैयारियों में जुटे होगें।

तुम अपना ध्यान रखना और मन लगाकर पढ़ना। समय-समय पर पत्र अवश्य लिखा करो। इससे तुम्हारे विषय में जानकारी मिलती रहती है। तुम घर कब आओगे? तुमसे मिलने की बहुत इच्छा हो रही है। परीक्षा समाप्त होते ही अपने आने का दिन अवश्य बताना।

हम सब तुम्हारे उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं। परीक्षा के लिए ढेरों शुभकामनाएँ। पत्र का उत्तर शीघ्र देना। तुम्हारे पत्र का इंतजार रहेगा।

तुम्हारा शुभचिन्तक भाई,

रजनीश


एफ. . 16 एच,

दिलशाद कलोनी,

दिल्ली-110095

दिनांक: ................

प्रिय भाई अशोक,

आशीर्वाद!

बहुत दिनों से तुम्हारा कोई पत्र नहीं आया है। अत: तुम्हें पत्र लिख रहा हूँ। आशा है तुम वहाँ सकुशल होगें। घर में भी सब कुशलपूर्वक हैं। माता-पिताजी तुम्हारी पढ़ाई एवं स्वास्थ्य के लिये काफी चिन्तित हैं। मालविका की परीक्षा अभी समाप्त हुई है। वह तुम्हें बहुत याद करती है। मैंने तैराकी सीखने के लिए दाखिला ले लिया है। पिताजी और माताजी का स्वास्थ्य बिलकुल ठीक है।

अपने विषय में बताओ तुम कैसे हो? तुम्हारे विद्यालय में सब कैसा चल रहा है? छात्रावास में तुम्हारे मित्र बने हैं या नहीं? परीक्षा के लिए अभी कुछ समय शेष रह गया होगा। आशा करता हूँ कि तुम अपनी परीक्षा की तैयारियों में जुटे होगें।

तुम अपना ध्यान रखना और मन लगाकर पढ़ना। समय-समय पर पत्र अवश्य लिखा करो। इससे तुम्हारे विषय में जानकारी मिलती रहती है। तुम घर कब आओगे? तुमसे मिलने की बहुत इच्छा हो रही है। परीक्षा समाप्त होते ही अपने आने का दिन अवश्य बताना।

हम सब तुम्हारे उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं। परीक्षा के लिए ढेरों शुभकामनाएँ। पत्र का उत्तर शीघ्र देना। तुम्हारे पत्र का इंतजार रहेगा।

तुम्हारा शुभचिन्तक भाई,

रजनीश


96/7, गीता कालोनी,

नई दिल्ली-110031

दिनांक: ...............

आदरणीय मामाजी,

चरण स्पर्श!

कल मुझे आपके द्वारा भेजा उपहार मिला। उपहार देखकर मेरी खुशी का ठिकाना…

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