can anybody tell me the way of writing the kavaya saundaraya?

मित्र काव्य सौंदर्य के लिए आपको अलंकार, रसों, भाषा, छंदों इत्यादि का ज्ञान  होना आवश्यक है। किसी कविता का सौंदर्य इन्हीं से बढ़ता है। अतः आपको इनके बारे में विस्तार से जानकारी देनी पड़ती है। यदि आपको इनका ज्ञान नहीं होगा, तो आपको काव्य सौंदर्य लिखने में कठिनाई आएगी। जिसके इन सबके बारे में जानकारी है, वह सरलता से काव्य सौंदर्य लिख सकता है। उदाहरण के लिए-
चंदू के चाचा ने
चंदू की चाची को
चांदी चौक में
 चांदी के चम्मच से चटनी चटाई।
इस कविता की भाषा खड़ी बोली है। इसकी भाषा सरल और सहज है। इसमें शब्दों का इस प्रकार प्रयोग किया है कि इसे सरलता से याद किया जा सकता है। इसमें गेयता का (गाने का) गुण है। 'च' वर्ण के अधिक बार प्रयोग के कारण अनुप्रास अलंकार है। मुक्त छंद में कविता लिखी गई है।

आपने देखा की हमने कविता का काव्य सौंदर्य बताया है। कविता की भाषा कैसी है? कविता की क्या विशेषता है? कविता में कौन अलंकार है? कविता में छंद का कौन-सा प्रकार प्रयोग किया गया है इत्यादि।
आपको काव्य सौंदर्य लिखते समय इन सब बातों का ध्यान रखना पड़ेगा।

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