Difference between living in a town vs living in a village in the form of an essay in Hindi

मित्र हम आपको गाँव की जीवन शैली के बारे में लिखकर दे रहे हैं। इसकी सहायता से शहरी जीवन पर स्वयं लिखने का प्रयास करें। इससे आपका लेखन कौशल बढ़ेगा। 

गाँव का जीवन सुंदर और सरस होता है। वहाँ के वातावरण की शुद्धता और पवित्रता देखने योग्य होती है। शहरों के लोग अब इसी ग्रामीण जीवन की ओर आकर्षित हो रहे हैं। ग्रामीण जीवन में परिश्रम अवश्य है परन्तु वहाँ संतोष और सुख की भावना है। लोग पूरे दिन कमर तोड़ मेहनत करते हैं और रात को सुख की नींद सो जाते हैं। वहाँ सारा गाँव एक परिवार होता है और सारे मामलों और समस्याओँ का निपटारा पंचायत द्वारा हल कर दिया जाता है। कोर्ट-कचहरी तक बात ही नहीं आती है। लोग गाँव में प्रातःकाल उठकर खेतों में चले जाते हैं। स्त्रियाँ घर पर रहकर घर संभालती हैं तथा गाय-भैसों की देखभाल करती हैं। बच्चे विद्यालय से आने के बाद गाय-भैसों को चराने लेकर जाते हैं। इस तरह सारे घर वाले घर की प्रगति और विकास में बराबर का हाथ बँटाते हैं। फसल की बुआई से लेकर कटाई तक घर का एक-एक सदस्य पूरा योगदान देता हैं। वहाँ शहरी वस्तुओं और जीवन का कोई स्थान नहीं है। हमारी संस्कृति और सभ्यता की झलकियाँ वहीं दिखाई देती है। तीज त्योहारों पर वहाँ का माहौल ही अलग होता है। गाँव का हर व्यक्ति इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लेता है। ग्रामीण जीवन में भले ही रफ्तार न हो परन्तु जीवन का आनंद भरा हुआ है।

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