ESSAY ON SAVE WATER IN 700 WRDS

मित्र हम आपको इस विषय पर आरंभ करके दे रहे हैं। इसकी सहायता से स्वयं विस्तारपूर्वक लिखने का प्रयास करें। इससे आपका लेखन काैशल बढ़ेगा। 
जल मनुष्य की बहुत बड़ी आवश्यकता है, इसके बिना हमारे जीवन की कल्पना करना असंभव है। हमारे शरीर में जल की मात्रा भी 90 प्रतिशत तक मानी जाती है। इससे अनुमान लगाया जा सकता है, कि जल का हमारे जीवन में कितना महत्व है। जबसे पृथ्वी का निर्माण हुआ है, जल का अस्तित्व भी तब से ही है। पृथ्वी के हर छोटे-बड़े प्राणी, जीव और पेड़-पौधों के लिए जल की बहुत आवश्यकता होती है। हमारे ग्रह पर जल ही चारों तरफ व्याप्त है। पृथ्वी पर सबसे अधिक जल की मात्रा है। हमारी पृथ्वी पर यह तरल, गैस और ठोस रूपों में विद्यमान रहता है। जल की सबसे अधिक मात्रा समृद्र तथा नदियों में पाई जाती है। समृद्र का पानी खारा होता है, यह जलीय जीवों के लिए उचित होता है। अन्य कोई इस जल का प्रयोग नहीं कर सकता। नदियों का पानी पीने के लिए उपयुक्त होता है और इसी पर सभी जीव निर्भर रहते हैं। नदियो में जल पहाड़ों की बर्फ के पिघलने से प्राप्त होता है। हमारे दैनिक जीवन में जल का बहुत महत्व है। हमारा जीवन तो इसी पर निर्भर है। हमारे दैनिक जीवन में लगभग हर कार्य के लिए जल का प्रयोग किया जाता है। मनुष्य के शरीर में यदि पानी की कमी हो जाए तो उसे स्वास्थ्य संबंधी समस्याआें का सामना करना पड़ता है। परन्तु विडंबना देखिए आज मनुष्य ने अपने इस जीवनदायी अमृत को दूषित करना प्रांरभ कर दिया है। इसका परिणाम यह हुआ है कि अब हमारे पीने के लिए भी जल उपलब्ध नहीं हो रहा है। यह हमारे और हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए उचित स्थिति नहीं है। जल का संरक्षण करना हमारा धर्म है। जल के संरक्षण को लेकर हमें आज से ही प्रयास करने आरंभ कर देने चाहिएँ, तभी हम अपनी आने वाली पीढ़ी को बचा सकते हैं। अन्यथा कल इनका भविष्य क्या होगा, हम कह नहीं सकते हैं।.........................

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