Nana saheb ki putri ka parichya jaankar he per kya prabhab para
मित्र!
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है।-
नाना साहब की पुत्री का परिचय जानकार हे के मन में दया और प्रेम की भावना विद्यमान हो गई। वह पहले ही उसे देखकर प्रभावित था, अब तो वह उसके प्रति दया और प्रेम से भरा हुआ था। उसे देखकर हे को अपनी पुत्री की याद आ गई थी। वह उसे बचाना चाहता था।
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है।-
नाना साहब की पुत्री का परिचय जानकार हे के मन में दया और प्रेम की भावना विद्यमान हो गई। वह पहले ही उसे देखकर प्रभावित था, अब तो वह उसके प्रति दया और प्रेम से भरा हुआ था। उसे देखकर हे को अपनी पुत्री की याद आ गई थी। वह उसे बचाना चाहता था।