Sudama charit kavita ko kahani ke roop me likhiye

मित्र!
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है।-
 
एक बार सुदामा सहायता हेतु अपने राजा मित्र कृष्ण के पास गए। उनकी दशा देखकर द्वारपाल ने उन्हें दरवाज़े पर रोक दिया। कृष्ण के पास जाकर द्वारपाल ने बताया कि एक गरीब ब्राह्मण स्वयं को आपका मित्र बता रहा है। उसका नाम सुदामा है। कृष्ण ने जैसे ही सुना वह नंगे पैर अपने मित्र को लेने भागे। मित्र की दशा देखकर कृष्ण बहुत दुखी हुए। कृष्ण सुदामा से भाभी की दी सौगात माँगने लगे। यह सुनकर सुदामा शर्मिंदा हो गए। एक गरीब की सौगात कृष्ण जैसे राजा के लिए तुच्छ सी थी। मगर कृष्ण ने अपने मित्र को यह अहसास नहीं होने दिया और सौगात में भेजे चावल खा लिए। सुदामा कुछ दिन कृष्ण के साथ रहे और अपने नगर को लौट गए। उन्हें कृष्ण पर क्रोध आ रहा था क्योंकि उन्होंने सुदामा को उपहार स्वरूप कुछ भी नहीं दिया था। वह समझ नहीं पा रहे थे कि वह अपनी पत्नी और बच्चों से क्या कहेंगे। जब वह अपने नगर पहुँचे तो उसकी काया पलट चूकी थी। कृष्ण ने मित्र के साथ-साथ पूरे गाँव को धनी बना दिया। अब सुदामा धनी बन गए थे। उनके मित्र कृष्ण ने मित्रता का मान रखा और बिना बोले मित्र को सबकुछ दे दिया।

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