write an essay on ​bharat ki shiksha pranali bharat ke vikas me sahayak hai.

 ‘शिक्षा’ शब्द का अर्थ है- अध्ययन तथा ज्ञान ग्रहण। वर्तमान युग में शिक्षण के लिए ज्ञान, विद्या, एजूकेशन आदि अनेक पर्यायवाची शब्दों का प्रयोग होता है। शिक्षा चेतन या अचेतन रूप से मनुष्य की रूचियों, समताओं, योग्यताओं और सामाजिक मूल्यों को ध्यान में रखते हुए आवश्यकता के अनुसार स्वतंत्रता देकर उसका सर्वागींण विकास करती है ।यह उसके आचरण को इस प्रकार परिवर्तित करती है, जिससे शिक्षार्थी और समाज दोनों की प्रगति होती है। ज्ञान से मस्तिष्क में नए विचारों का जन्म होता है। उसके जन्मजात गुणों का विकास होता है। भारत की वर्तमान शिक्षा प्रणाली
भारत की शिक्षा प्रणाली भारत के विकास में सहायक भी नहीं प्रभावशाली भी है। यह इस प्रकार से बनाई गई है कि बच्चों को ज्ञान के साथ-साथ जीविका के भी साधन मिलते हैं। वह ज्ञान को खेल-खेल में प्राप्त करता है। शिक्षा का अतिरिक्त बोझ उसके मन को विचलित नहीं करता। पढ़ाई के प्रति उसका रेवैया सकारात्मक होता है क्योंकि पढ़ाई को बोझ नहीं बनाया गया है।
प्रयास किया गया है कि बच्चा नैतिक शिक्षा से लेकर सामान्य ज्ञान के प्रति सजग हो। उसे हर क्षेत्र के विषय में जानकारी मिले। उसका ज्ञान बड़े ही नहीं, उसे उसमें रुचि भी हो। सोचिए ऐसा बच्चा जब शिक्षा प्राप्त करके बाहर आता है, तो उसमें हर प्रकार के गुणों का विकास हो चूका होता है। यही कारण है कि भारत से पढ़े बच्चे, वैज्ञानिक, डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षा के क्षेत्र में आगे हैं। उन्होंने भारत में ही नहीं विदेशों में भी धूम मचाई हुई है। विदेशों के बड़े-बड़े क्षेत्रों में भारत से पढ़े युवा कार्यरत है। भारत के लिए कार्य कर रहे युवाओं के कारण भारत कहाँ से कहाँ आ गया है।
आज अतंरिक्ष से लेकर चिकित्सा तक के क्षेत्र में हम विश्व में आगे बढ़ते जा रहे हैं। यह भारतीय शिक्षा प्रणाली के कारण ही संभव हो पाया है। हमारी शिक्षा मात्र ज्ञान नहीं हीरे भी तरशती है। यही कारण है कि भारत की प्रगति तेज़ी से हो रही है।

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