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Question 1:
अपनी माँ से झूठ बोलते समय तोत्तो-चान की नज़रें नीचे क्यों थीं?
Answer:
तोत्तो-चान अपनी माँ के इच्छा के विरूद्ध झूठ बोलकर यासुकी-चान को पेड़ पर चढ़ाने के लिए लेकर जा रही थी। कही उसकी चोरी पकड़ी न जाए। इसी डर के कारण झूठ बोलते समय तोत्तो-चान की नज़रें नीचे थी।
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Question 1:
यासुकी-चान को अपने पेड़ पर चढ़ाने के लिए तोत्तो-चान ने अथक प्रयास क्यों किया? लिखिए।
Answer:
यासà¥à¤à¥-à¤à¤¾à¤¨ à¤à¥ पà¥à¤²à¤¿à¤¯à¥ था, à¤à¤¸à¤²à¤¿à¤ वह à¤à¤¿à¤¸à¥ पà¥à¥ पर नहà¥à¤ à¤à¥ पाता था। यासà¥à¤à¥-à¤à¤¾à¤¨ à¤à¥ हाथ-पà¥à¤° à¤à¤¤à¤¨à¥ à¤à¤®à¤à¤¼à¥à¤° थॠà¤à¤¿ वह पहलॠसà¥à¥à¥ पर à¤à¥ बिना सहारॠà¤à¥ नहà¥à¤ à¤à¥ पाता था। à¤à¤¸à¥ पà¥à¥ पर à¤à¥à¤¾à¤¨à¥ à¤à¥ लिठतà¥à¤¤à¥à¤¤à¥-à¤à¤¾à¤¨ à¤à¥ परिशà¥à¤°à¤® à¤à¤°à¤¨à¤¾ पà¥à¤¾à¥¤
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Question 2:
दृढ़ निश्चय और अथक परिश्रम से सफलता पाने के बाद तोत्तो-चान और यासुकी-चान को अपूर्व अनुभव मिला, इन दोनों के अपूर्व अनुभव कुछ अलग-अलग थे। दोनों में क्या अंतर रहे? लिखिए।
Answer:
यासà¥à¤à¥-à¤à¤¾à¤¨ तथा तà¥à¤¤à¥à¤¤à¥ à¤à¤¾à¤¨ दà¥à¤¨à¥à¤ à¤à¥ ठनà¥à¤¤à¤¤: पà¥à¥ पर à¤à¥à¤¨à¥ मà¥à¤ सफलता मिलॠपरनà¥à¤¤à¥ दà¥à¤¨à¥à¤ à¤à¥ सफलता à¤à¤¾ ठनà¥à¤à¤µ ठलà¤-ठलठथा। यासà¥à¤à¥-à¤à¤¾à¤¨ à¤à¤¾ लà¤à¥à¤·à¥à¤¯ पà¥à¥ पर à¤à¥à¤¨à¤¾ था। परनà¥à¤¤à¥ तà¥à¤¤à¥à¤¤à¥ à¤à¤¾à¤¨ à¤à¤¾ à¤à¤¦à¥à¤¦à¥à¤¶à¥à¤¯ यासà¥à¤à¥-à¤à¤¾à¤¨ à¤à¥ पà¥à¥ पर à¤à¥à¤¾à¤¨à¤¾ था। यासà¥à¤à¥-à¤à¤¾à¤¨ à¤à¥ à¤à¥à¤¶à¥ मिलॠतॠतà¥à¤¤à¥à¤¤à¥à¤à¤¾à¤¨ à¤à¥ सà¤à¤¤à¥à¤·à¥à¤à¤¿à¥¤
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Question 3:
पाठ में खोजकर देखिए-कब सूरज का ताप यासुकी-चान और तोत्तो-चान पर पड़ रहा था, वे दोनों पसीने से तरबतर हो रहे थे और कब बादल का एक टुकड़ा उन्हें छाया देकर कड़कती धूप से बचाने लगा था। आपके अनुसार इस प्रकार परिस्थिति के बदलने का कारण क्या हो सकता है?
Answer:
à¤à¤¬ यासà¥à¤à¥-à¤à¤¾à¤¨ à¤à¤° तà¥à¤¤à¥à¤¤à¥-à¤à¤¾à¤¨ à¤à¤ तिपाà¤-सà¥à¥à¥ à¤à¥ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पà¥à¥ à¤à¥ दà¥à¤µà¤¿à¤¶à¤¾à¤à¤¾ तठपहà¥à¤à¤ रहॠथॠतब सà¥à¤°à¤ à¤à¤¾ ताप à¤à¤¨ पर पॠरहा था। à¤à¤¨à¥à¤¹à¥à¤ à¤à¤¾à¥à¥ पसà¥à¤¨à¤¾ ठरहा था। à¤à¤¬ तà¥à¤¤à¥à¤¤à¥-à¤à¤¾à¤¨ ठपनॠपà¥à¤°à¥ ताà¤à¤¤ सॠयासà¥à¤à¥-à¤à¤¾à¤¨ à¤à¥ पà¥à¥ à¤à¥ à¤à¤° à¤à¥à¤à¤ रहॠथॠतब à¤à¤ बादल à¤à¤¾ बà¥à¤¾ à¤à¥à¤à¥à¤¾ बà¥à¤-बà¥à¤ मà¥à¤ à¤à¤¾à¤¯à¤¾ à¤à¤°à¤à¥ à¤à¤¨à¥à¤¹à¥à¤ à¤à¥à¤à¥à¤¾à¤¤à¥ धà¥à¤ª सॠबà¤à¤¾ रहा था। यह मà¥à¤¸à¤® à¤à¤¾ बदलता रà¥à¤ª था।
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Question 4:
'यासुकी-चान के लिए पेड़ पर चढ़ने का यह..........अंतिम मौका था।'-इस अधूरे वाक्य को पूरा कीजिए और लिखकर बताइए कि लेखिका ने ऐसा क्यों लिखा होगा?
Answer:
यासà¥à¤à¥-à¤à¤¾à¤¨ à¤à¥ लिठपà¥à¤¡à¤¼ पर à¤à¤¢à¤¼à¤¨à¥ à¤à¤¾ यह पहला à¤à¤° ठà¤à¤¤à¤¿à¤® मà¥à¤à¤¾ था। लà¥à¤à¤¿à¤à¤¾ नॠà¤à¤¸à¤¾ à¤à¤¸à¤²à¤¿à¤ लिà¤à¤¾ हà¥à¤à¤¾ à¤à¥à¤¯à¥à¤à¤à¤¿ यासà¥à¤à¥-à¤à¤¾à¤¨ à¤à¥ लिठसà¥à¤µà¤¯à¤ ठपनॠबल पर पà¥à¥ पर à¤à¥à¤¨à¤¾ सà¤à¤à¤µ नहà¥à¤ था à¤à¤° तà¥à¤¤à¥à¤¤à¥-à¤à¤¾à¤¨ à¤à¤¸ तरह à¤à¥à¤ बà¥à¤²à¤à¤° à¤à¤¤à¤¨à¥ मà¥à¤¹à¤¨à¤¤ सॠहमà¥à¤¶à¤¾ à¤à¤¸à¤à¥ मदद नहà¥à¤ à¤à¤° सà¤à¤¤à¥à¥¤
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Question 1:
तà¥à¤¤à¥à¤¤à¥-à¤à¤¾à¤¨ नॠठपनॠयà¥à¤à¤¨à¤¾ à¤à¥ बà¥à¥à¤ सॠà¤à¤¸à¤²à¤¿à¤ à¤à¤¿à¤ªà¤¾ लिया à¤à¤¿ à¤à¤¸à¤®à¥à¤ à¤à¥à¤à¤¿à¤® था, यासà¥à¤à¥-à¤à¤¾à¤¨ à¤à¥ à¤à¤¿à¤° à¤à¤¾à¤¨à¥ à¤à¥ सà¤à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ थà¥à¥¤ फिर à¤à¥ à¤à¤¸à¤à¥ मन मॠयासà¥à¤à¥-à¤à¤¾à¤¨ à¤à¥ पà¥à¥ पर à¤à¥à¤¾à¤¨à¥ à¤à¥ दà¥à¥ à¤à¤à¥à¤à¤¾ थà¥à¥¤ à¤à¤¸à¥ दà¥à¥ à¤à¤à¥à¤à¤¾à¤à¤ बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ à¤à¤° à¤à¤ à¥à¤° परिशà¥à¤°à¤® सॠठवशà¥à¤¯ पà¥à¤°à¥ हॠà¤à¤¾à¤¤à¥ हà¥à¤à¥¤ à¤à¤ª à¤à¤¿à¤¸ तरह à¤à¥ सफलता à¤à¥ लिठतà¥à¤µà¥à¤° à¤à¤à¥à¤à¤¾ à¤à¤° बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ à¤à¤¾ à¤à¤ªà¤¯à¥à¤ à¤à¤° à¤à¤ à¥à¤° परिशà¥à¤°à¤® à¤à¤°à¤¨à¤¾ à¤à¤¾à¤¹à¤¤à¥ हà¥à¤?
Answer:
हमें ऐसे कार्य के लिए परिश्रम तथा बुद्धि का प्रयोग करना चाहिए जिससे किसी को खुशी मिले, किसी का अच्छा हो। हमें किसी ज़रूरतमंद के काम आना चाहिए।
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Question 1:
द्विशाखा शब्द द्वि और शाखा के योग से बना है। द्वि का अर्थ है-दो और शाखा का अर्थ है- डाल। द्विशाखा पेड़ के तने का वह भाग है जहाँ से दो मोटी-मोटी डालियाँ एक साथ निकलती हैं। द्वि की भाँति आप त्रि से बननेवाला शब्द त्रिकोण जानते होंगे। त्रि का अर्थ है तीन। इस प्रकार, चार, पाँच, छह, सात, आठ, नौ और दस संख्यावाची संस्कृत शब्द उपयोग में अकसर आते हैं। इन संख्यावाची शब्दों की जानकारी प्राप्त कीजिए और देखिए कि क्या इन शब्दों की ध्वनियाँ अंग्रेज़ी संख्या के नामों से कुछ-कुछ मिलती-जुलती हैं, जैसे – हिंदी-आठ, संस्कृत-अष्ट, अंग्रेज़ी-एट।
Answer:
दà¥à¤µà¤¿à¤¶à¤¾à¤à¤¾, दà¥à¤µà¤¿ à¤à¤° शाà¤à¤¾ दॠशबà¥à¤¦à¥à¤ à¤à¥ यà¥à¤ सॠबना हà¥à¥¤ यहाठदà¥à¤µà¤¿ à¤à¤¾ ठरà¥à¤¥ दॠसॠहॠतथा शाà¤à¤¾ à¤à¤¾ ठरà¥à¤¥ डालॠसॠहà¥, तà¥à¤°à¤¿à¤à¥à¤£ शबà¥à¤¦ à¤à¥ तà¥à¤°à¤¿ à¤à¤° à¤à¥à¤£ दॠशबà¥à¤¦à¥à¤ à¤à¥ यà¥à¤ सॠबना हà¥à¥¤ à¤à¤¿à¤¸à¤®à¥à¤ तà¥à¤¨ à¤à¥à¤£ हà¥, à¤à¤¸à¥ तà¥à¤°à¤¿à¤à¥à¤£ à¤à¤¹à¤¾ à¤à¤¾à¤¤à¤¾ हà¥à¥¤ à¤à¤¸à¥ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤°----
सपà¥à¤¤à¤°à¥à¤·à¤¿ = सात à¤à¤·à¤¿
नव à¤à¥à¤°à¤¹ = नॠà¤à¥à¤°à¤¹
दशानन = दस à¤à¤¨à¤¨
पà¤à¤à¤¾à¤®à¥à¤¤ = पाà¤à¤ ठमà¥à¤¤
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Question 2:
यासुकी-चान जैसे शारीरिक चुनौतियों से गुज़रने वाले व्यक्तियों के लिए चढ़ने-उतरने की सुविधाएँ हर जगह नहीं होतीं। लेकिन कुछ जगहों पर ऐसी सुविधाएँ दिखाई देती हैं। उन सुविधावाली जगहों की सूची बनाइए।
Answer:
कई जगहों पर अपंगो के चढ़ने उतरने के लिए लिफ्ट और तकनीकी सीढ़ियों की सुविधा है। जैसे-मेट्रो स्टेशन और शॉपिंग माल में अपगों को ध्यान में रखते हुए ये सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
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