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Question 1:
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ à¤à¥ à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° à¤à¤-दॠपà¤à¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥à¤ मà¥à¤ दà¥à¤à¤¿à¤ −
रामनॠà¤à¤¾à¤µà¥à¤ पà¥à¤°à¤à¥à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¥à¤®à¥ à¤à¥ ठलावा à¤à¤° à¤à¥à¤¯à¤¾ थà¥?
Answer:
रामन् भावुक प्रकृति प्रेमी के अलावा एक सुयोग्य वैज्ञानिक एवं अनुसंधानकर्ता थे।
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Question 2:
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ à¤à¥ à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° à¤à¤-दॠपà¤à¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥à¤ मà¥à¤ दà¥à¤à¤¿à¤ −
समà¥à¤¦à¥à¤° à¤à¥ दà¥à¤à¤à¤° रामनॠà¤à¥ मन मà¥à¤ à¤à¥à¤¨-सॠदॠà¤à¤¿à¤à¥à¤à¤¾à¤¸à¤¾à¤à¤ à¤à¤ à¥à¤?
Answer:
समुद्र को देखकर रामन् के मन में दो जिज्ञासाएँ उठीं -
1. समुद्र के पानी का रंग नीला ही क्यों होता है?
2. वह रंग कोई और क्यों नहीं होता है?
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Question 3:
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ à¤à¥ à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° à¤à¤-दॠपà¤à¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥à¤ मà¥à¤ दà¥à¤à¤¿à¤ −
रामनॠà¤à¥ पिता नॠà¤à¤¨à¤®à¥à¤ à¤à¤¿à¤¨ विषयà¥à¤ à¤à¥ सशà¤à¥à¤¤ नà¥à¤à¤µ डालà¥?
Answer:
रामन् के पिता ने उनमें गणित और भौतिकी की सशक्त नींव डाली।
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Question 4:
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ à¤à¥ à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° à¤à¤-दॠपà¤à¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥à¤ मà¥à¤ दà¥à¤à¤¿à¤ −
वादà¥à¤¯à¤¯à¤à¤¤à¥à¤°à¥à¤ à¤à¥ धà¥à¤µà¤¨à¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¥ ठधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ à¤à¥ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ रामनॠà¤à¥à¤¯à¤¾ à¤à¤°à¤¨à¤¾ à¤à¤¾à¤¹à¤¤à¥ थà¥?
Answer:
रामन् वाद्ययंत्रों की ध्वनियों के द्वारा उनके कंपन के पीछे छिपे रहस्य की परतें खोलना चाहते थे।
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Question 5:
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ à¤à¥ à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° à¤à¤-दॠपà¤à¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥à¤ मà¥à¤ दà¥à¤à¤¿à¤ −
सरà¤à¤¾à¤°à¥ नà¥à¤à¤°à¥ à¤à¥à¤¡à¤¼à¤¨à¥ à¤à¥ पà¥à¤à¥ रामनॠà¤à¥ à¤à¥à¤¯à¤¾ à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ थà¥?
Answer:
सरकारी नौकरी छोड़ने के पीछे रामन् की भावना थी कि वह पढ़ाई करके विश्वविद्यालय के शिक्षक बनकर, अध्ययन अध्यापन और शोध कार्यों में अपना पूरा समय लगाना चाहते थे।
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Question 6:
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ à¤à¥ à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° à¤à¤-दॠपà¤à¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥à¤ मà¥à¤ दà¥à¤à¤¿à¤ −
'रामनॠपà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ' à¤à¥ à¤à¥à¤ à¤à¥ पà¥à¤à¥ à¤à¥à¤¨-सा सवाल हिलà¥à¤°à¥à¤ लॠरहा था?
Answer:
रामन् का सवाल थी कि आखिर समुद्र के पानी का रंग नीला ही क्यों है? इसके लिए उन्होंने तरल पदार्थ पर प्रकाश की किरणों का अध्ययन किया।
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Question 7:
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ à¤à¥ à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° à¤à¤-दॠपà¤à¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥à¤ मà¥à¤ दà¥à¤à¤¿à¤ −
पà¥à¤°à¤à¤¾à¤¶ तरà¤à¤à¥à¤ à¤à¥ बारॠमà¥à¤ à¤à¤à¤à¤¸à¥à¤à¤¾à¤à¤¨ नॠà¤à¥à¤¯à¤¾ बताया?
Answer:
प्रकाश तरंगों के बारे में आइंस्टाइन ने बताया था कि प्रकाश अति सूक्ष्म कणों की तीव्र धारा के समान है। उन्होंने इन कणों की तुलना बुलेट से की और इन्हें फोटॉन नाम दिया।
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Question 8:
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ à¤à¥ à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° à¤à¤-दॠपà¤à¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥à¤ मà¥à¤ दà¥à¤à¤¿à¤ −
रामनॠà¤à¥ à¤à¥à¤ नॠà¤à¤¿à¤¨ ठधà¥à¤¯à¤¯à¤¨à¥à¤ à¤à¥ सहठबनाया?
Answer:
रामन् की खोज ने पदार्थों के अणुओं और परमाणुओं के बारे में खोज के अध्ययन को सहज बनाया।
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Question 1:
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ à¤à¤¾ à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° (25-30 शबà¥à¤¦à¥à¤ मà¥à¤) लिà¤à¤¿à¤ −
à¤à¥à¤²à¥à¤ à¤à¥ दिनà¥à¤ मà¥à¤ रामनॠà¤à¥ दिलॠà¤à¤à¥à¤à¤¾ à¤à¥à¤¯à¤¾ थà¥?
Answer:
à¤à¥à¤²à¥à¤ à¤à¥ दिनà¥à¤ मà¥à¤ रामनॠà¤à¥ दिलॠà¤à¤à¥à¤à¤¾ थॠà¤à¤¿ वॠनà¤-नठवà¥à¤à¥à¤à¤¾à¤¨à¤¿à¤ पà¥à¤°à¤¯à¥à¤ à¤à¤°à¥à¤, पà¥à¤°à¤¾ à¤à¥à¤µà¤¨ शà¥à¤§à¤à¤¾à¤°à¥à¤¯à¥à¤ मà¥à¤ लà¤à¤¾ दà¥à¤à¥¤ à¤à¤¨à¤à¤¾ मन à¤à¤° दिमाठविà¤à¥à¤à¤¾à¤¨ à¤à¥ रहसà¥à¤¯à¥à¤ à¤à¥ सà¥à¤²à¤à¤¾à¤¨à¥ à¤à¥ लिठबà¥à¤à¥à¤¨ रहता था। à¤à¤¨à¤à¤¾ पहला शà¥à¤§à¤ªà¤¤à¥à¤° फिलà¥à¤¸à¥à¤«à¤¿à¤à¤² मà¥à¤à¤¼à¤à¥à¤¨ मà¥à¤ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ हà¥à¤à¥¤
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Question 2:
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ à¤à¤¾ à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° (50-60 शबà¥à¤¦à¥à¤ मà¥à¤) लिà¤à¤¿à¤ −
रामनॠà¤à¥ à¤à¥à¤ 'रामनॠपà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ' à¤à¥à¤¯à¤¾ हà¥? सà¥à¤ªà¤·à¥à¤ à¤à¥à¤à¤¿à¤à¥¤
Answer:
रामनॠà¤à¥ मसà¥à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ मà¥à¤ समà¥à¤¦à¥à¤° à¤à¥ नà¥à¤²à¥ रà¤à¤ à¤à¥ लà¥à¤à¤° à¤à¥ सवाल 1921 à¤à¥ समà¥à¤¦à¥à¤° यातà¥à¤°à¤¾ à¤à¥ समय à¤à¤¯à¤¾, वह हॠ'रामनॠपà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ' à¤à¥à¤ बन à¤à¤¯à¤¾à¥¤ ठरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ रामनॠदà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¥à¤à¤¾ à¤à¤¯à¤¾ सिदà¥à¤§à¤¾à¤à¤¤, à¤à¤¸à¤®à¥à¤ à¤à¤¬ à¤à¤ वरà¥à¤£à¥à¤¯ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤¶ à¤à¥ à¤à¤¿à¤°à¤£ à¤à¤¿à¤¸à¥ तरल या ठà¥à¤¸ रवà¥à¤¦à¤¾à¤° पदारà¥à¤¥ सॠà¤à¥à¤à¤°à¤¤à¥ हॠतॠà¤à¤¸à¤à¥ वरà¥à¤£ मà¥à¤ परिवरà¥à¤¤à¤¨ ठà¤à¤¾à¤¤à¤¾ हà¥à¥¤ à¤à¤ वरà¥à¤£à¥à¤¯ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤¶ à¤à¥ à¤à¤¿à¤°à¤£ à¤à¥ फà¥à¤à¥à¤¨ à¤à¤¬ तरल ठà¥à¤¸ रवॠसॠà¤à¤à¤°à¤¾à¤¤à¥ हà¥à¤ तॠà¤à¤°à¥à¤à¤¾ à¤à¤¾ à¤à¥à¤ ठà¤à¤¶ à¤à¥ दà¥à¤¤à¥ हà¥à¤ या पा लà¥à¤¤à¥ हà¥à¤ दà¥à¤¨à¥à¤ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥à¤ मà¥à¤ रà¤à¤ मà¥à¤ बदलाव à¤à¤¤à¤¾ हà¥à¥¤
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Question 3:
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ à¤à¤¾ à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° (50-60 शबà¥à¤¦à¥à¤ मà¥à¤) लिà¤à¤¿à¤ −
'रामनॠपà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ' à¤à¥ à¤à¥à¤ सॠविà¤à¥à¤à¤¾à¤¨ à¤à¥ à¤à¥à¤·à¥à¤¤à¥à¤° मà¥à¤ à¤à¥à¤¨-à¤à¥à¤¨ सॠà¤à¤¾à¤°à¥à¤¯ सà¤à¤à¤µ हॠसà¤à¥?
Answer:
'रामन् प्रभाव' की खोज से विज्ञान के क्षेत्र में निम्नलिखित कार्य संभव हो सके −
1. विभिन्न पदार्थों के अणुओं और परमाणुओं की आंतरिक संरचना का अध्ययन सहज हो गया।
2. रामन् की खोज के बाद पदार्थों की आणविक और परमाणविक संरचना के अध्ययन के लिए रामन् स्पेक्ट्रोस्कोपी का सहारा लिया जाने लगा।
3. रामन् की तकनीक एकवर्णीय प्रकाश के वर्ण में परिवर्तन के आधार पर पदार्थों के अणुओं और परमाणुओं की संरचना की सटीक जानकारी देने लगी।
4. अब पदार्थों का संश्लेषण प्रयोगशाला में करना तथा अनेक उपयोगी पदार्थों का कृत्रिम रुप में निर्माण संभव हो गया।
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Question 4:
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ à¤à¤¾ à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° (50-60 शबà¥à¤¦à¥à¤ मà¥à¤) लिà¤à¤¿à¤ −
दà¥à¤¶ à¤à¥ वà¥à¤à¥à¤à¤¾à¤¨à¤¿à¤ दà¥à¤·à¥à¤à¤¿ à¤à¤° à¤à¤¿à¤à¤¤à¤¨ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ à¤à¤°à¤¨à¥ मà¥à¤ सर à¤à¤à¤¦à¥à¤°à¤¶à¥à¤à¤° वà¥à¤à¤à¤ रामनॠà¤à¥ महतà¥à¤µà¤ªà¥à¤°à¥à¤£ यà¥à¤à¤¦à¤¾à¤¨ पर पà¥à¤°à¤à¤¾à¤¶ डालिà¤à¥¤
Answer:
सर चंद्रशेखर वेंकट रामन् ने देश को वैज्ञानिक दृष्टि और चिंतन प्रदान करने में अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़कर वैज्ञानिक कार्यों के लिए जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने रामन् प्रभाव की खोज कर नोबल पुरस्कार प्राप्त किया। बंगलोर में शोध संस्थान की स्थापना की, इसे रामन् रिसर्च इंस्टीट्यूट के नाम से जाना जाता है। भौतिक शास्त्र में अनुसंधान के लिए इंडियन जनरल ऑफ फिजिक्स नामक शोद पत्रिका आरंभ की, करेंट साइंस नामक पत्रिका भी शुरु की, प्रकृति में छिपे रहस्यों का पता लगाया।
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Question 5:
निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ à¤à¤¾ à¤à¤¤à¥à¤¤à¤° (50-60 शबà¥à¤¦à¥à¤ मà¥à¤) लिà¤à¤¿à¤ −
सर à¤à¤à¤¦à¥à¤°à¤¶à¥à¤à¤° वà¥à¤à¤à¤ रामनॠà¤à¥ à¤à¥à¤µà¤¨ सॠपà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हà¥à¤¨à¥ वालॠसà¤à¤¦à¥à¤¶ à¤à¥ ठपनॠशबà¥à¤¦à¥à¤ मà¥à¤ लिà¤à¤¿à¤à¥¤
Answer:
सर चंद्रशेखर वेंकट रामन् के जीवन से हमें सदैव आगे बढ़ते रहने का संदेश मिलाता है। व्यक्ति को अपनी प्रतिभा का सदुपयोग करना चाहिए। भले ही इसके लिए रामन् की तरह सुख-सुविधाओं को छोड़ना पड़े। इच्छा शक्ति हो तो राह निकल आती है। रामन् ने संदेश दिया है कि हमें अपने आसपास घट रही विभिन्न प्राकृतिक घटनाओं की छानबीन वैज्ञानिक दृष्टि से करनी चाहिए।
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Question 1:
नीचे कुछ समानदर्शी शब्द दिए जा रहे हैं जिनका अपने वाक्य में इस प्रकार प्रयोग करें कि उनके अर्थ का अंतर स्पष्ट हो सके।
(क) |
प्रमाण |
.......................... |
(ख) |
प्रणाम |
......................... |
(ग) |
धारणा |
.......................... |
(घ) |
धारण |
......................... |
(ङ) |
पूर्ववर्ती |
......................... |
(च) |
परवर्ती |
.......................... |
(छ) |
परिवर्तन |
......................... |
(ज) |
प्रवर्तन |
......................... |
Answer:
(क) |
प्रमाण |
− |
मैं यह बात प्रमाण सहित कह सकता हूँ। |
(ख) |
प्रणाम |
− |
अपने से बड़ों को प्रणाम करना चाहिए। |
(ग) |
धारणा |
− |
धर्म के प्रति हमारी धारणा बदलनी चाहिए। |
(घ) |
धारण |
− |
सदा स्वच्छ वस्त्र धारण करो। |
(ङ) |
पूर्ववर्ती |
− |
कई किले पूर्ववर्ती राजाओं ने बनाए। |
(च) |
परवर्ती |
− |
अब परवर्ती पीढ़ी ही देश की रक्षा करेगी। |
(छ) |
परिवर्तन |
− |
अब सृष्टि में भी अनेकों परिवर्तन हो रहे हैं। |
(ज) |
प्रवर्तन |
− |
प्रवर्तन कार्यालय में जाना है। |
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Question 2:
रेखांकित शब्द के विलोम शब्द का प्रयोग करते हुए रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए −
(क) मोहन के पिता मन से सशक्त होते हुए भी तन से .............. हैं।
(ख) अस्पताल के अस्थायी कर्मचारियों को .............. रुप से नौकरी दे दी गई है।
(ग) रामन् ने अनेक ठोस रवों और ............... पदार्थों पर प्रकाश की किरण के प्रभाव का अध्ययन किया।
(घ) आज बाज़ार में देशी और ................... दोनों प्रकार के खिलौने उपलब्ध हैं।
(ङ) सागर की लहरों का आकर्षण उसके विनाशकारी रुप को देखने के बाद ...........में परिवर्तित हो जाता है।
Answer:
(क) मोहन के पिता मन से सशक्त होते हुए भी तन से अशक्त हैं।
(ख) अस्पताल के अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी रुप से नौकरी दे दी गई है।
(ग) रामन् ने अनेक ठोस रवों और तरल पदार्थों पर प्रकाश की किरण के प्रभाव का अध्ययन किया।
(घ) आज बाज़ार में देशी और विदेशी दोनों प्रकार के खिलौने उपलब्ध हैं।
(ङ) सागर की लहरों का आकर्षण उसके विनाशकारी रुप को देखने के बाद विकर्षण में परिवर्तित हो जाता है।
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Question 3:
नà¥à¤à¥ दिठà¤à¤¦à¤¾à¤¹à¤°à¤£ मà¥à¤ रà¥à¤à¤¾à¤à¤à¤¿à¤¤ ठà¤à¤¶ मà¥à¤ शबà¥à¤¦-यà¥à¤à¥à¤® à¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¯à¥à¤ हà¥à¤ हॠâ
à¤à¤¦à¤¾à¤¹à¤°à¤£ : à¤à¤¾à¤à¤¤à¤¾à¤¨ à¤à¥ à¤à¤¾à¤¨à¥-बà¤à¤¾à¤¨à¥à¤®à¥à¤ à¤à¤¨à¤à¤¦ à¤à¤¤à¤¾ हà¥à¥¤
à¤à¤¦à¤¾à¤¹à¤°à¤£ à¤à¥ ठनà¥à¤¸à¤¾à¤° निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤à¤¿à¤¤ शबà¥à¤¦-यà¥à¤à¥à¤®à¥à¤ à¤à¤¾ वाà¤à¥à¤¯à¥à¤ मà¥à¤ पà¥à¤°à¤¯à¥à¤ à¤à¥à¤à¤¿à¤ â
सà¥à¤-सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ .............................
ठà¤à¥à¤à¤¾-à¤à¤¾à¤¸à¤¾ .............................
पà¥à¤°à¤à¤¾à¤°-पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° ............................
à¤à¤¸-पास ............................
Answer:
सà¥à¤-सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾- रà¥à¤¹à¤¨ à¤à¥ सà¥à¤-सविधा मà¥à¤ रहनॠà¤à¥ à¤à¤¦à¤¤ हà¥à¥¤
ठà¤à¥à¤à¤¾-à¤à¤¾à¤¸à¤¾- माठनॠठà¤à¥à¤à¤¾-à¤à¤¾à¤¸à¤¾ à¤à¤¾à¤¨à¤¾ बनाया था।
पà¥à¤°à¤à¤¾à¤°-पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤°- नà¥à¤¤à¤¾à¤à¥ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤°-पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° मà¥à¤ लà¤à¥ हà¥à¤à¥¤
à¤à¤¸-पास- हमारॠà¤à¤¸-पास हरियालॠहà¥à¥¤
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Question 4:
प्रस्तुत पाठ में आए अनुस्वार और अनुनासिक शब्दों को निम्न तालिका में लिखिए −
अनुस्वार |
अनुनासिक |
||
(क) |
अंदर |
(क) |
ढूँढ़ते |
(ख) |
...................... |
(ख) |
...................... |
(ग) |
...................... |
(ग) |
...................... |
(घ) |
...................... |
(घ) |
...................... |
(ङ) |
...................... |
(ङ) |
...................... |
Answer:
अनुस्वार |
अनुनासिक |
||
(क) |
अंदर |
(क) |
ढूँढ़ते |
(ख) |
सदियों |
(ख) |
पहुँचता |
(ग) |
असंख्य |
(ग) |
सुविधाएँ |
(घ) |
रंग |
(घ) |
स्थितियाँ |
(ङ) |
नींव |
(ङ) |
वहाँ |
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Question 5:
पाठ में निम्नलिखित विशिष्ट भाषा प्रयोग आए हैं। सामान्य शब्दों में इनका आशय स्पष्ट कीजिए −
घंटों खोए रहते, स्वाभाविक रुझान बनाए रखना, अच्छा-खासा काम किया, हिम्मत का काम था, सटीक जानकारी, काफ़ी ऊँचे अंक हासिल किए, कड़ी मेहनत के बाद खड़ा किया था, मोटी तनख्वाह
Answer:
1. घंटो खोए रहना − वैज्ञानिक अपने प्रयोगों में घंटो खोए रहते हैं।
2. स्वाभाविक रुझान बनाए रखना − लोग अपनी रुचि के अनुसार कार्यों में स्वाभाविक रूझान बनाए रखते हैं।
3. अच्छा खासा काम किया − इस भवन पर अच्छा खासा काम किया गया है।
4. हिम्मत का काम था − उसने बच्चे को बाढ़ में से बचा कर हिम्मत का काम किया।
5. सटीक जानकारी − हमारी अध्यापिका को अपने विषय में सटीक जानकारी है।
6. काफ़ी ऊँचे अंक हासिल किए − आजकल बच्चे बहुत ऊँचे अंक हासिल करते हैं।
7. कड़ी मेहनत के बाद खड़ा किया − आज वह यह मुकाम कड़ी मेहनत के बाद खड़ा कर पाया है।
8. मोटी तनख्वाह − यह अफसर मोटी तनख्वाह पाता है।
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Question 6:
पाठ के आधार पर मिलान कीजिए −
नीला |
कामचलाऊ |
पिता |
रव |
तैनाती |
भारतीय वाद्ययंत्र |
उपकरण |
वैज्ञानिक रहस्य |
घटिया |
समुद्र |
फोटॉन |
नींव |
भेदन |
कलकत्ता |
Answer:
नीला |
समुद्र |
पिता |
नींव |
तैनाती |
कलकत्ता |
उपकरण |
कामचलाऊ |
घटिया |
भारतीय वाद्ययंत्र |
फोटॉन |
रव |
भेदन |
वैज्ञानिक |
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Question 7:
पाठ में आए रंगों की सूची बनाइए। इनके अतिरिक्त दस रंगों के नाम और लिखिए।
Answer:
रंगों की सूची − बैंगनी, नीले, आसमानी, हरे, पीले, नारंगी, लाल
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Question 8:
नीचे दिए गए उदाहरण 'ही' का प्रयोग करते हुए पाँच वाक्य बनाइए।
उदाहरण : उनके ज्ञान की सशक्त नींव उनके पिता ने ही तैयार की थी।
Answer:
1. यह काम तुमने ही किया है।
2. तुम ही जाकर ले आओ।
3. उसने ही काम पूरा किया है।
4. गीता ही अकेली जा रही है।
5. केवल वह ही जाएगा।
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