can anybody provide me 'pad'of bhramargeet of surdas other than text book?

नमस्कार!
हम आपको भ्रमरगीत के दो पद भेज रहे हैं। आशा करते है कि ये आपकी सहायता करेंगे।
ऊधौ मन ना भये दस-बीस
एक हुतो सो गयौ स्याम संग, कौ आराधे ईस ।।1।।
 
तबहि उपंगसुग आई गए।
सखा सखा कठु अंतर नाहिं, भरि भरि अंक लए।।
अति सुन्दर तन स्याम सरीखो, देखत हिर पछताने।
ऐसे कैं वैसी बुधी होती, ब्रज पठऊं मन आने।।
या आगैं रस कथा प्रकासौं, जोग कथा प्रकटाऊं।
सूर ज्ञान याकौ दृढ़ किरके, जुवतिन्ह पास पठाऊं।।2।।
 
ढेरों शुभकामनाएँ!

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