"inse aap log thyaag aur himmat sekhein"- gandhiji ne yah kiske liye aur kis sandarbh main kaha?

मित्र गांधी जी एक बार रास गए। वहाँ उनका भव्य स्वागत हुआ। वहाँ सबसे आगे रास लोग रहते हैं जो दरबार कहलाते हैं। एक तरह से ये राजा की तरह होते हैं। ये रियासत के मालिक होते हैं। गोपालदास और रविशंकर महाराज जो दरबार थे वहाँ मौजूद थे। ये दरबार लोग अपना सब कुछ छोड़कर यहाँ आकर बस गए थे। उनका यह त्याग एवं हिम्मत सराहनीय है। गांधी जी ने इन्हीं के जीवन से प्रेरणा लेने को लोगों से कहा कि इनसे आप लोग त्याग और हिम्मत सीखें।

 

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गांधी जी ने यह कथन रास में रहने वाले दरबार समुदाय के लोगों से कहा ,"गांधी जी ने रास पहुंचकर वहॉं के लोगों को देश की आजादी के विषय में बताया वे चाहते थे ! कि वहॉं दरबार समुदाय के लोग अधिक संख्या में थे वे बडी रियासतों के मालिक थे !परंतु वे सब छोड कर आजादी के संघरष में चले गए!
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