kavi ne mahaan drishya(scene) kise kahahai aur kyu??

मित्र जब मनुष्य आँसु, रक्त तथा पसीने से लथपथ होकर अपनी मंजिल की ओर चला जा रहा है। यही दृश्य कवि के लिए महान है क्योंकि इसमें मनुष्य संघर्षशील है। वह अपनी परेशानियों को त्याग कर सिर्फ कर्म करता है। 

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