Methei vani kai importance - essay writing

मित्र!

आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है।-
 
वाणी का बहुत महत्व है। एक मनुष्य का परिचय उसकी वाणी से होता है। मनुष्य जब बोलता है, तो उसकी वाणी से ही वह दूसरों को अपना मित्र या शुत्र बनता है। यही कारण है कि सभी वाणी के महत्व को दर्शाते हैं। 

वाणी के महत्व को उजागर करती हुई, पढ़कर सब समझ आ जाता है।
                                                                           ऐसी वाणी बोलिए, मन का आपा खोय
                                                                         औरन को सीतल करे, आपहुँ सीतल होए।

​कवि कहता है कि हमें ऐसी वाणी बोलनी चाहिए कि जो दूसरों को शीतलता प्रदान करें और आपको भी शीतलता प्रदान करें। भाव यह है कि हमें ऐसा बोलना चाहिए, जो दूसरों को प्रसन्नता प्रदान करे। जब हम दूसरों को प्रसन्न करते हैं, तो हमें उन्हें सुखी करके सुख मिलता है। मनुष्य प्रायः अहंकारवश, तो कभी क्रोध वश दूसरों को कड़वे वचन बोल देता है। यह वचन उसे दूसरों से दूर करते हैं। उसके स्वभाव में व्याप्त कटुता उसकी वाणी में उतर आती है और वे लोगों को दुखी करते हैं।
 
मनुष्य के स्वभाव में बहुत सी बातें विद्यमान होती हैं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात उसकी वाणी होती है। यह उसके व्यक्तित्व के विकास में सहायता प्रदान करती है। उसकी वाणी से ही यह समझा जाता है कि वह व्यक्ति कैसे स्वभाव का है। मनुष्य का चेहरा स्वभाव के अनुरूप नहीं होता है। मगर वाणी उसके चेहरे की सही पहचान देती है। उसकी वाणी जितनी मधुर होती है, लोग उतने ही उसके मित्र होते हैं। एेसे व्यक्ति से सभी मिलना चाहते हैं। उसका साथ लोगों को अच्छा लगता है। उसकी बातों पर लोग सरलता से विश्वास कर लेते हैं। अतः हमें वाणी के महत्व को समझना चाहिए और अपनी वाणी में मिठास के गुण को सम्मिलित करना चाहिए।


 

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