nadiyon se hone wale labh par nibandh

भाषा को सुदृढ़ बनाने के लिए आवश्यक है कि आप स्वयं लिखने का प्रयास करें। अपने विचारों को लिखिए। हम आपकी सहायता के लिए आपको कुछ पंक्तियाँ लिखकर दे रहे हैं। इन्हें समझकर स्वयं इन्हें विस्तारपूर्वक लिखिए। इस तरह से आप अपने विचारों को एकरूपता दे पाएँगे और साथ ही भाषा में आपकी पकड़ मजबूत होगी। आरंभ में छोटे-छोटे वाक्यों में लिखने का प्रयास कीजिएः

देश कोई भी हो परन्तु किसी भी सभ्यता के पनपने के लिए नदियों का होना आवश्यक है। एक नदी मनुष्य के जीवन को सुखमय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। नदियों के कारण मनुष्य को उपजाऊ भूमि प्राप्त होती है, जिससे मनुष्य जाति फलती-फूलती है। मनुष्य के दैनिक जीवन में पानी का महत्वपूर्ण स्थान है। उसे पीने से लेकर, नहाने तक में पानी की आवश्कता होती है। पानी के कारण ही वह जीवित है। यह मनुष्य के लिए ही नहीं बल्कि जीव-जन्तु, पेड़-पौधों के लिए भी आवश्यक तत्व है। इसकी आपूर्ति नदियों से ही होती है। भारत में तो नदियों के इसी गुण के कारण उसे माता की संज्ञा दी गई है। माता जिस तरह से बच्चे का लालन-पालन करती है, नदी भी वैसे ही मनुष्य का लालन-पालन करती है। मनुष्य के मुंडन से लेकर उसकी मृत्यु तक नदी कहीं न कहीं माँ के समान उसके साथ रहती है। आज नदियों में जल कम हो रहा है, जिसके कारण लोगों को जल की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। इसके कारण सभी स्थानों पर हाहाकार मचा हुआ है। इन जीवनदायी स्रोतों को मनुष्य ने अपने स्वार्थ से सोख लिया है। अतः हमें चाहिए कि नदियों के महत्व को समझते हुए इन्हें बचाएँ। वरना एक समय ऐसा आएगा कि मनुष्य स्वयं ही मृत्यु की कगार पर आ खड़ा होगा।

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