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वृक्षों के महत्व को सभी मनुष्य अच्छी तरह जानते हैं। वृक्षों के बिना मनुष्य के लिए जीवन संभव नहीं है। सभी ग्रंथों में वृक्षों को विशिष्ट स्थान प्राप्त है। हमारे धर्मग्रंथों में वृक्षों का धार्मिक महत्व भी बताया गया है। कई वृक्षों के औषधीय गुणों को भी नकारा नहीं जा सकता है। नीम का नाम ऐसे वृक्षों में से एक है। वृक्षों का वास पूरी पृथ्वी में है। वह स्थान छोटा हो या बड़ा, वृक्षों का निवास वहाँ अवश्य होता है। एक वृक्ष विभिन्न गुणों से भरा होता है। मनुष्य जीवन में इनका बहुत ही महत्व होता है। उसके हर छोटे-बड़े कार्य इनके बिना पूर्ण नहीं होते हैं। घर का सामान बनाने से लेकर पूजा के कार्यों में वृक्षों की आवश्यकता पड़ती है। प्रकृति में तो मुख्य भूमिका वृक्षों की ही होती है। मनुष्य अपनी सुख-सुविधाओं के लिए प्रकृति का दोहन करता आ रहा है। उसने अपने रहने के लिए और अपनी अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए वृक्षों का अंधाधुंध विनाश किया है। यह पृथ्वी कभी वृक्षों से संपन्न हुआ करती थी, परन्तु आज वृक्षों की संख्या में भारी गिरावट आई है। जंगल नष्ट हो रहे हैं। जिसका परिणाम है, प्रदूषित वायु और पर्यावरण में प्रदूषण की निरंतर वृद्धि। मनुष्य ने अपनी प्रगति के साथ-साथ ऐसे आविष्कार किए हैं, जिनके प्रयोग से वातावरण में हानिकारक गैसों का स्तर बढ़ रहा है। वृक्ष पृथ्वी के पर्यावरण को शुद्ध बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। वे वातावरण में विद्यमान विषाक्त गैस कार्बन डाईऑक्साइड को अवशोषित कर ऑक्सीजन देते हैं। इससे वातावरण में कार्बन डाईऑक्साइड के स्तर को बढ़ने से रोकने में सहायता मिलती है। वे एक तरह से प्राकृतिक नियंत्रक की तरह कार्य करते हैं। परन्तु इनके विनाश से कार्बन डाईऑक्साइड का स्तर लगातार बढ़ रहा है, जो कि एक विनाशकारक स्थिति है। इससे ग्लोबल वार्मिंग की समस्या सामने आ रही है। वातावरण में गर्मी बढ़ रही है। गर्मी के कारण ऋतुओं में भी जबरदस्त बदलाव देखा जा सकता है। वृक्षों की जड़ें धरती में गहराई तक जाकर मिट्टी को जकड़े रहती है। इसका परिणाम यह होता है कि बरसात के समय मृदा का कटाव नहीं होता। परन्तु वृक्षों की कटाई के कारण बहुमूल्य मिट्टी बरसाती पानी के साथ बह जाती है, इससे मृदा का कटाव होता है। हमें चाहिए कि वृक्षों और जंगलों के कटाव को सख्ती से रोकें। इसके लिए आवश्यक कानून बनाएँ। लोगों के अंदर इस विषय पर जागृति लाएँ और अधिक से अधिक वृक्ष लगाएँ।

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