Please Tell me the difference between Harishankar Parsai's Premchand ke phate jut and hi other writings.

प्रेमचंद के जूते एक काल्पनिक रचना नहीं है। प्रेमचंद की पूरानी फोटो को देखकर लेखक ने जो समझा और जाना उसे प्रेमचंद के फटे जूते नामक कहानी के रूप में उतार दिया है। यह पाठ भारत के लेखकों की दर्दशा का वर्णन करता है। साथ ही यह उन्हें पथभ्रष्ट होने और झूठे मान-सम्मान के पीछे भागने से रोकता है। लेखक के अनुसार प्रेमचंद की हालत अवश्य खराब थी परन्तु उन्होंने कभी अपने लेखन कार्य से समझौता नहीं किया। उन्होंने अपने कर्तव्य को पूरी ईमानदारी से निभाया और समाज का पथ प्रदर्शन किया। यह कहानी मनोरंजन या व्यंग्य कसने के लिए नहीं लिखी गई है बल्कि लेखकों और लोगों के आगे सत्य का उद्घाटन करने के लिए लिखी गई है। इसलिए हरिशंकर परसाई जी की अन्य रचनाओं से बहुत ही अलग है।

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